जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। इस हमले में सात निर्दोष पर्यटकों की जान गई और कई घायल हुए, जिससे देशभर में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। जवाबी कार्रवाई में भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है और अटारी-वाघा सीमा पर आवाजाही भी अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है।
1950 के दशक में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से बनी सिंधु जल संधि अब तक दोनों देशों के बीच जल संसाधन साझा करने का आधार रही है। लेकिन बार-बार सीमा पार से हो रहे हमलों और पाकिस्तान की आतंकवाद पर शिथिल नीति को देखते हुए भारत ने यह कदम उठाया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय अस्थायी है लेकिन आवश्यक भी, जब तक पाकिस्तान आतंकी ढांचे को समाप्त करने की ठोस कार्रवाई नहीं करता।
वहीं, पंजाब स्थित अटारी बॉर्डर को भी फिलहाल बंद कर दिया गया है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यापार और यात्रियों की आवाजाही पर असर पड़ा है। यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया गया है और इसमें पाकिस्तान को पूर्व सूचना दी गई थी।
विश्लेषकों का मानना है कि भारत का यह रुख पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के लिए रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण है। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब केवल कूटनीतिक विरोध से काम नहीं चलेगा, बल्कि आवश्यकतानुसार संधियों और समझौतों को भी पुनः परखा जाएगा।
इस घटनाक्रम ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक बार फिर तल्खी ला दी है। सुरक्षा एजेंसियां कश्मीर में सक्रिय आतंकी नेटवर्क की जड़ों को तलाशने में जुट गई हैं। केंद्र सरकार ने पहलगाम और आस-पास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है और हमले के पीछे शामिल संगठनों की पहचान कर ली गई है।