रूस-यूक्रेन युद्ध के दो वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बाद अब एक नया मोड़ आता दिखाई दे रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में एक अहम संकेत देते हुए यूक्रेन के साथ संभावित युद्धविराम (सीजफायर) पर प्रस्ताव रखा है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते दबाव और खासकर अमेरिका की ओर से मिल रहे स्पष्ट संकेतों के बीच उठाया गया है।
सूत्रों के अनुसार, पुतिन अब इस लंबे और महंगे संघर्ष को किसी समझौते की दिशा में ले जाने के पक्ष में दिख रहे हैं। रूस की ओर से कहा गया है कि यदि यूक्रेन कुछ बुनियादी शर्तों को मानता है, तो युद्धविराम संभव है। हालांकि, अभी इन शर्तों को सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इसमें डोनबास और क्रीमिया जैसे विवादित क्षेत्रों की स्थिति प्रमुख मुद्दा हो सकता है।
वहीं अमेरिका ने भी हाल के हफ्तों में रूस पर कूटनीतिक दबाव बढ़ाया है और संकेत दिए हैं कि अब युद्ध को रोकने के लिए वार्ता ही एकमात्र व्यावहारिक रास्ता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि रूस की आंतरिक आर्थिक चुनौतियां और सैन्य थकावट भी पुतिन के बदले रुख का कारण हो सकती हैं।
फिलहाल, अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस घटनाक्रम को बेहद सतर्कता से देख रहा है। क्या यह प्रस्ताव वास्तविक शांति की ओर कदम होगा या एक रणनीतिक विराम? इसका जवाब आने वाले हफ्तों में मिलेगा।