अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर विरोध की लहर फिर तेज हो गई है। केवल 15 दिन के भीतर यह दूसरी बार है जब देशभर में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और "महाभियोग लाओ, ट्रंप को हटाओ" जैसे नारे गूंजने लगे। वॉशिंगटन डीसी, न्यूयॉर्क, शिकागो, लॉस एंजेलेस समेत कई बड़े शहरों में प्रदर्शनकारियों ने लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की मांग को लेकर मार्च निकाला।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ट्रंप ने अपने राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग किया, और कई संवैधानिक संस्थानों को कमजोर करने की कोशिश की। हालिया दिनों में ट्रंप के खिलाफ चल रहे विधिक मामलों और अदालती कार्यवाहियों ने इस विरोध को और तेज कर दिया है।
कई सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने इन प्रदर्शनों को समर्थन दिया है। उनकी मांग है कि ट्रंप को सार्वजनिक जीवन से हटाया जाए और उन्हें दोबारा किसी भी संवैधानिक पद पर बैठने से रोका जाए।
हालांकि ट्रंप समर्थकों ने इसे राजनीतिक साजिश बताया है और सोशल मीडिया के माध्यम से विरोधियों को आड़े हाथों लिया है। वहीं ट्रंप ने खुद इन प्रदर्शनों को “जनता को भटकाने की कोशिश” करार दिया है।
अमेरिकी राजनीति में इस घटनाक्रम को आगामी राष्ट्रपति चुनाव 2024 के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।