सिटी दर्पण,
शिमला, 03 अगस्तः
श्रीखंड महादेव की पहाडिय़ों पर बादल फटने के चलते जहां भारी तबाही हुई है, वहीं श्रीखंड यात्रा पर निकले 300 लोग भी यहां फस गए हैं। हालांकि सभी लोग सुरक्षित हैं और स्थानीय लोगों द्वारा उन्हें शरण दी गई है, लेकिन जगह-जगह सडक़ खराब होने के चलते उनके वाहन भी फंसे हुए हैं, जिसके चलते वह यहां से नहीं निकल पा रहे हैं। ऐसे में अब जिला प्रशासन द्वारा सडक़ों की मरम्मत की जा रही है और कुछ जगह पर अब वैली ब्रिज भी लगाए जाएंगे। उसके बाद यहां पर फंसे वाहनों के माध्यम से सभी लोग अपने-अपने घरों की ओर निकल आएंगे। जिला प्रशासन द्वारा राहत कार्य को तेज कर दिया गया है। इसके अलावा श्रीखंड यात्रा पर गए स्थानीय देवता के साथ श्रद्धालु भी अब वापस लौट आए हैं।
श्रद्धालुओं के अनुसार श्रीखंड महादेव के समीप ही यह बादल फटा है और यहीं से ही पूरी तबाही शुरू हुई है। ऐसे में यह रास्ता अब बुरी तरह क्षक्तिग्रस्त हो गया है, जिसके चलते यहां पर यात्रा करना भी काफी मुश्किल है। स्थानीय निवासी मदन सिंह, रवि शर्मा का कहना है कि बादल फटने के चलते कई लोग अभी भी लापता है और ऊपरी इलाकों में ग्रामीणों के द्वारा श्रीखंड यात्रा पर गए श्रद्धालुओं को शरण दी गई है। सभी श्रद्धालु सुरक्षित स्थानों पर रह रहे हैं। डीसी कुल्लू तोरूल एस रवीश ने बताया कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित है और पैदल घर जाने के लिए भी मार्ग की व्यवस्था है, लेकिन श्रद्धालुओं की गाडिय़ां वहीं पर फंसी हुई हैं और श्रद्धालुओं का कहना है कि वह सडक़ ठीक होने का इंतजार करेंगे तथा अपनी गाडिय़ों को साथ लेकर ही जाएंगे। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा सडक़ों की मरम्मत का कार्य तेज कर दिया गया है।
प्रदेश में 114 सड़कें बंद, मौसम विभाग ने 7 अगस्त को भारी बारिश का जारी किया अलर्ट
शिमला। बादल फटने और भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण हिमाचल प्रदेश में 114 सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि मौसम विभाग ने शनिवार को चेतावनी दी है कि राज्य में 7 अगस्त तक भारी बारिश जारी रहेगी।
114 सड़कें हुई बंद
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, वाहनों के आवागमन के लिए बंद की गई सड़कों में से 36 मंडी में, 34 कुल्लू में, 27 शिमला में, आठ लाहौल और स्पीति में, सात कांगड़ा में और दो किन्नौर जिले में हैं।
82 मार्गों पर बस सेवाएं की निलंबित
एक अधिकारी ने बताया कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम ने 82 मार्गों पर अपनी बस सेवाएं निलंबित कर दी हैं। राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश जारी रही, शुक्रवार शाम से जोगिंदरनगर में सबसे अधिक 85 मिमी बारिश हुई, इसके बाद गोहर में 80 मिमी, शिलारू में 76.4 मिमी, पोंटा साहिब में 67.2 मिमी, पालमपुर में 57.2 मिमी, धर्मशाला में 56.2 मिमी और चौपाल में 52 मिमी बारिश हुई।
स्थानीय मौसम कार्यालय ने 7 अगस्त तक भारी बारिश के लिए 'येलो' अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों ने कहा कि 27 जून से 1 अगस्त के बीच बारिश से संबंधित घटनाओं में 77 लोगों की जान चली गई और 655 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
31 जुलाई को हुई थी आठ की मौत
कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा में बादल फटने की एक श्रृंखला से आई बाढ़, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपखंड में 31 जुलाई की रात को कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई। बादल फटने के बाद लापता हुए 45 लोगों की तलाश शनिवार सुबह फिर शुरू हो गई, जिसमें सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, हिमाचल प्रदेश पुलिस और होमगार्ड के 410 बचावकर्मी ड्रोन की मदद से तलाश में जुटे हैं।
शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने कहा कि बचाव अभियान जारी है... टीमों को अलग-अलग स्थानों पर तैनात किया गया है... बचाव और पुनर्प्राप्ति अभियान 85 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में चलाया जा रहा है। भौगोलिक परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं क्योंकि कुछ स्थान काफी दुर्गम हैं... ड्रोन और दूरबीन का इस्तेमाल किया जा रहा है... 36-40 लोग लापता हैं।