सिटी दर्पण
ढाका, 09 अगस्तः शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुयाद पर हो रहे बर्बर हमलों, आगजनी और लूटपाट के विरोध में शुक्रवार बांग्लादेश हिंदू जागरण मंच बड़ा प्रदर्शन किया। राजधानी ढाका के शाहबाग में हजारों हिंदू जमा हुए और देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई। शाम 4 बजे से शाम साढ़े सात बजे तक शाहबाग चौराहा बंद हो गया। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, रैली के आयोजकों ने हाल ही में हुए हिंदुओं पर हमलों का जिक्र किया। इसमें दीनाजपुर में चार हिंदू गांवों को जलाना भी शामिल है, जिसके कारण कई हिंदू बेसहारा हो गए और सीमावर्ती क्षेत्रों में शरण ले रहे हैं।
अल्पसंख्यकों के लिए चार मांग
हिंदू प्रदर्शनकारी दोपहर 3 बजे के आसपास नेशनल प्रेस क्लब के सामने जमा हुए और मार्च करते हुए शाहबाग चौराहे पर पहुंचे। शाहबाग चौराहे पर इनकी संख्या हजारों में थी। रैली के दौरान हिंदू समुदाय ने चार सूत्रीय मांगें रखीं: अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना, अल्पसंख्यक संरक्षण आयोग का गठन, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों को रोकने के लिए सख्त कानून और अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीटों का आवंटन।
'हिंदू बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे'
रैली में बोलते हुए एक ने कहा, 'हम इसी देश में पैदा हुए हैं। यह देश सभी का है। हिंदू देश नहीं छोड़ेंगे। यह हमारे पूर्वजों की जन्मभूमि भी है। हम यहां से उड़कर नहीं आए हैं। यह किसी के बाप का देश नहीं है। यह किसी के पति का देश नहीं। हम इस देश को नहीं छोड़ेंगे।' उन्होंने आगे कहा, 'भले ही मैं मर जाऊं, मैं अपनी जन्मभूमि नहीं छोड़ूंगा।' रैली के अलावा मोनेर दयाल कार्यक्रम आयोजित किया गया।
रैली में पहुंचे लोगों ने अपने हाथ में कागज पर लिखे नारे पकड़े हुए थे, जिनमें कहा गया था कि धार्मिक शिक्षा की कोई जरूरत नहीं है। आइए मानवता की शिक्षा में शिक्षित हों। एक पोस्टर पर लिखा हुआ था- देश तभी स्वतंत्र होगा जब राष्ट्र अच्छी शिक्षा से शिक्षित होगा। रैली में शामिल होने आए एक शख्स ने कहा, सत्ता में चाहे जो आए, हम अपने घरों और धार्मिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा चाहते हैं।