भुपेंद्र शर्मा, मुख्य संपादक , सिटी दर्पण, चंडीगढ़
जी हां हाल ही में चीन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ए आई द्वारा नियंत्रित रोबोट द्वारा अचानक लोगों पर किये हमले ने इस सवाल को जन्म दे दिया है कि आखिर इंसानों की सुविधा के लिए बनाए गये ए आई द्वारा नियंत्रित रोबोट मानव जाति के लिए भविष्य में कितने सेफ हैं। गौरतलब है कि वायरल वीडियो में यह स्पष्ट देखा जा सकता है कि ह्यूमनॉइड रोबोट चीन में आयोजित एक कार्याक्रम के दौरान भीड़ की ओर बढ़ता है और कुछ लोगों पर हमला करने की कोशिश करता है। इस घटना से वहां अफरा-तफरी मच जाती है। हालांकि, समय के रहते सुरक्षा कर्मी रोबोट को काबू में कर लेते हैं। बताया जा रहा है कि यह घटना सॉफ्टवेयर गड़बड़ी के कारण हुई। सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण रोबोट ने इस तरह व्यवहार किया था। राहत की बात यह रही कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ। अब उक्त घटना ने पूरी दुनिया को दहला दिया है। एसा पहली बार नहीं हुआ है इस से पहले टेक उद्यमी माइक जॉन्स एरिजोना हवाई अड्डे पर उस समय ए आई नियंत्रित चालक रहित कार में खासी परेशानी झेलनी पड़ी जब उन्होंने एरिजोना हवाई अड्डे से उड़ान पकड़ने का प्रयास किया। उन्होंने वेमो चालक रहित टैक्सी बुलाई। टेक उद्यमी ने आगे बताया कि , "मैं अंदर गया, सीट बेल्ट लगाई (सुरक्षा सर्वप्रथम) और गाथा शुरू हो गई।" उनकी कार भ्रमित हो गई और पार्किंग स्थल के चारों ओर चक्कर लगाने लगी तथा आठ चक्कर पूरे कर लिए। उन्होंने घटना का वीडियो बनाकर ग्राहक सेवा से बात की, लेकिन उन्हें बताया गया कि वे दूर से कार को नहीं रोक सकते। "मुझे उड़ान पकड़नी है, यह चीज़ गोल-गोल क्यों घूम रही है, मुझे चक्कर आ रहा है!" उसने ग्राहक सेवा एजेंट से कहा। ग्राहक सेवा एजेंट ने कहा कि उसके पास कार को दूर से नियंत्रित करने का विकल्प नहीं है, जिसके बाद श्री जॉन्स से उनके वेमो ऐप का उपयोग करके कार को रोकने का प्रयास करने को कहा गया। इसी प्रकार बीते साल जुलाई में साउथ कोरिया हुई उस घटना को कैसे भुलाया जा सकता है जहां एक रोबोट ने काम के दौरान सीढ़ियों से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। अब सवाल यह पैदा होता है कि अब जब कि पूरा विश्व ए आई को भविष्य की सुनहरी विकास की लहर के रूप में अपना रहा है तो उन हालातों में ए आई नियंत्रित उपकरणों के अनियंत्रण से पैदा होने वाले हालात से कैसे निबटा जाये। कहीं हम ए आई को शुरुआती दौर में ही अपने जीवन में लाकर कोई बड़ी गल्ती तो नहीं कर रहे जिसका खामियाजा पूरी मानव जाति को बाद में भुगतना पड़े। आइए समझते हैं इस पूरे मायाजाल को। लेखक आइजैक असिमोव जिन्होंने 1942 में रोबोटस को लेकर तीन नियम लिखे थे और कहा था कि "एक रोबोट किसी इंसान को चोट नहीं पहुंचा सकता है या निष्क्रियता के माध्यम से किसी इंसान को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दे सकता है, तब भी, रोबोटिक्स के युग की शुरुआत में, आम लोग चिंतित थे, "क्या कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक खतरा है?" आईये पहले समझते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उदाहरण और आज रोबोट का उपयोग कैसे किया जाता है। रोबटों को कारखानों में रोबोट ऑपरेटर ,परिवहन रोबोट, रोबोट वैक्यूम क्लीनर, रक्षा रोबोट, मेडिकल रोबोट और शैक्षिक रोबोट के रूप में प्रयोग में ला सकते हैं। इनके अलावा हम एआई-संचालित सहायक जो दोहराए जाने वाले कार्यों को पूरा करने में मदद करते हैं, स्वायत्त वाहन जो मानव अनुभव को आसान बनाने के लिए स्व-चालित मशीने हैं, वैयक्तिकृत ऐप्स जो उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किए गए, स्मार्ट वित्तीय प्रौद्योगिकी जिसमें धोखाधड़ी का पता लगाने वाले सॉफ्टवेयर, जोखिम पूर्वानुमान उपकरण (गिनीमशीन), स्मार्ट ट्रेडिंग आदि शामिल हैं, स्वचालित प्रक्रियाएं जिनमें फॉर्म भरने से लेकर प्रोसेसिंग और डेटा भंडारण तक, एआई कार्य कर रहा है को भी काम में ले रहे हैं। वैज्ञानिक ज़रूरत के हिसाब से, ए आई के प्रकार तय करते हैं इनमें संख्या सात हो सकती है। जैसे कृत्रिम संकीर्ण बुद्धिमत्ता (एएनआई), कृत्रिम सामान्य बुद्धि, कृत्रिम सुपर इंटेलिजेंस (एएसआई), सीमित मेमोरी, मन का सिद्धांत, खुद को अवगत और प्रतिक्रियाशील मशीनें शामिल हैं। यह भी सच है कि वर्तमान रोबोट और एआई समाधान कई व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। अब बात करते हैं रोबोट के संभावित खतरों की। क्या रोबोट दुनिया पर कब्ज़ा करने जा रहे हैं? इसकी संभावना नहीं है। कम से कम जल्द ही तो नहीं। क्या रोबोट और ए आई हमारी नौकरियाँ अपने कब्जे में लेने जा रहे हैं? खैर, इस बात में कुछ सच्चाई हो सकती है। स्वचालन के अनुमान के अनुसार लगभग 30-40%, कुछ भूमिकाएँ संभवतः अधिक स्वचालित हो जाएँगी क्योंकि अन्य क्षेत्रों में गहराई से उतरने के अवसर सामने आएंगे। उदाहरण के लिए, वित्तीय दुनिया में, फॉर्म भरने में लगने वाले समय को कम किया जा सकता है और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा सकता है या अधिक महत्वपूर्ण कार्य करने की अनुमति दी जा सकती है जिसके लिए वास्तविक मानवीय गुणों की आवश्यकता होती है। इसलिए, जब यह सवाल आता है कि, "क्या कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक खतरा है?" तो जीने के लिए, नहीं, लेकिन नई तकनीक के उभरने से कुछ संभावनाएँ प्रभावित होने की संभावना है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लोगों की जिंदगी को बदल रहा है। ए आई जितना कामयाब और फायदेमंद साबित हो रहा है उतना ही इसके भयावह परिणामों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों ने मानना शुरु कर दिया है कि भविष्य में ए आई नियंत्रित रोबोटों से होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की जरूरत है। हाल ही में क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स डेबोरा ब्राउन और पीटर एलर्टन ने कहा है कि ए आई हमारी बौद्धिक क्षमता को कम कर रहा है यानी हमें 'मंदबुद्धि' बना रहा है। उक्त चुनौतियों पर हम सब को गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।