गैर-जिम्मेदार सोशल मीडिया पर लगाम लगाने की जरूरत, महाकुंभ में देश की आबरू को बाजारों में सजाने वालों पर हो कड़ी से कड़ी कार्रवाई
जी हां अब वह वक्त आ गया है जब हमें आधुनिक युग की तेज रफतार भरी जिंदगी में मीडिया का प्राया बनते जा रहे सोशल मीडिया को सही से आंकना होगा इसमें जिम्मेदार और गैर जिम्मेदार सोशल मीडिया का अंतर पहचानते हुए गैर-जिम्मेदार मीडिया पर केंद्र सरकार की ओर से सख्त लगाम लगानी होगी। हाल ही में महाकुंभ के दौरान महिलाओं के कपड़े बदलने और नहाने की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर बेचे जाने की घटनाओं ने 140 करोड़ भारतीयों को अंदर से झकझोर कर रख दिया है। 144 वर्षों के बाद आने वाले इस पावन महाकुंभ में जहां हमारी माताएं, बहनें, बेटीयां आदि भगवान की भक्ति में लीन आस्था की डुबकी लगाने के लिए दूर दूर के क्षेत्रों से आईं तो वहीं कुछ असामाजिक तत्वों ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर न केवल उनकी नहाते हुए तस्वीरें लीं बल्कि उनके वहां कपड़े बदलते हुए उनके वीडियो भी बनाये जो एक जघन्य अपराध है। इस मामले पर महाकुंभ क्षेत्र के थाना कोतवाली कुंभ में पुलिस ने 11 सोशल मीडिया चैनलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक एफआईआर में बताया गया है कि कुंभ क्षेत्र में महिलाओं के स्नान के बाद कपड़े बदलने की तस्वीर सोशल साइट टेलीग्राम पर 1999 रुपये में बेची जा रही है। पुलिस को सोशल साइट से ही इस बारे में जानकारी मिली और उसके बाद पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए थाना कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर लिया। इस मामले में पुलिस की जांच लगातार जारी है। इता ही नहीं प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में स्नान करने गईं महिलाओं और लड़कियों के निजी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि ये वीडियो टेलीग्राम पर बेचे जा रहे हैं और मेटा के प्लेटफॉर्म पर भी मौजूद हैं। इस गंभीर मामले में पुलिस ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इंस्टाग्राम अकाउंट neha1224872024 और Cctv Channel 11 के द्वारा महाकुंभ में आई महिलाओं के स्नान करते समय के वीडियो को विभिन्न धनराशि में उपलब्ध कराए जाने का दावा किया जा रहा है। जिस मामले में अब पुलिस केस दर्ज कर मेटा से अकाउंट यूजर की जानकारी मांगी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिन 15 अकाउंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उसमें 1- Girls Live Video (Facebook), Desi Bhabi Ji (Facebook), Rupola Rose (Facebook), Dwivedi rasiya @dwivedirasiya4271 (Youtube), Crush of Indian @CrushofIndians (Youtube), Mahakumbh-2025 @pkumar334 (Youtube), BABA KA VLOGEE Comedy @BABAKAVLOGEE440 (Youtube), Blogger Aabha Devi @BloggerAabhaDevi077k (Youtube), Roshan Desi Vlogs @roshandesivlogs4438 (Youtube), Kapil Tv @Kapiltv1 (Youtube), Mela Mahotsav @Mela-Mahotsav (Youtube), Pushpa village vlog @pushpavillagvlog (Youtube), Hindu Official 1.2M @hinduk7066 (Youtube), Play Tube @PlayTube7325 (Youtube), desi.rasiya.video @desi.rasiya.video (Instagram) का नाम शामिल है। एफआईआर में पुलिस ने लिखा है, ‘अवगत कराना है कि सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के दौरान पता चला कि महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने आई महिलाओं की निजता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। नहाने और कपड़े बदलने के दौरान उनकी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर टेलीग्राम पर शेयर किए गए। कुछ तस्वीरों को अन्य आपत्तिजनक कंटेंट बेचने के लिए टीजर के तौर पर इस्तेमाल किया गया, जहां उनकी आध्यात्मिक यात्रा को गोपनीयता के उल्लंघन का सामना करना पड़ा। इस पोस्ट में cctc channel 11 नाम के टेलीग्राम चैनल का एक स्क्रीनशॉट भी लगाया गया है, जिसमें महिलाओं के स्नान का वीडियो 1999 में मेंबरशिप लेने पर प्रदान किए जाने संबंधी तथ्य अंकित है।’ इतना ही नहीं याद रहे इससे पहले तथाकथित सोशल मीडिया के कुछ गैर-जिम्मदार लोगों द्वारा विभिन्न अखाड़ों से ताल्लुक रखने वाले साधू संतों को तंग करने का मामला भी उठा था। अब सवाल पैदा होता है कि इन घटनाओं पर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री क्यों मौन धारे बैठे हैं क्यों नहीं वे इन गैर-जिम्मेदार, समाज के दुश्मन, कुख्यातों के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन नहीं लेते, क्यों इन्हें मीडिया का विकल्प समझा जा रहा है, क्यों इन पर कोई लगाम नहीं लगती, क्यों इन्हें सरकार द्वारा निगरानी में नहीं रखा जाता। ये सरेआम देश की आबरू के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और हम सनातनी चुपचाप अपनी माताओं, बहनों और बेटीयों का नंगेज का बाजर सजते देखते रहें, नहीं कतई नहीं। अब वक्त आ गया है कि सरकार को इन मुद्दों को प्रमुखता देते हुए इन पर लगाम लगानी होगी। ताज्जुब की बात है कि एक मोबाइल फोन लेकर कोई भी सोशल मीडिया का पत्रकार बनने का दावा करने लगता है भले ही वह अनपढ़ और किसी गंदी मानसिकता का व्यक्ति विशेष ही क्यों न हो। याद रहे वास्तविक मीडिया का पत्रकार बनने के लिए आपको पत्रकारिता के क्षेत्र में डिप्लोमा अथवा डिग्री लेना आवश्यक है आपको देश के कानून, अपनी मर्यादाओं, सीमाओं के बारे में पूरा ज्ञान दिया जाता है। आपको प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा यह बताया जाता है कि क्या सही है और क्या गलत। आपको क्या कवर करना है क्या नहीं, आपको कवर करते हुए किन बातों पर ध्यान देना आवश्यक है मगर दूसरी ओर सोशल मीडिया के कथित पत्रकारों के लिए एसा कोई नियमों कानून नही है और न ही इसमें कोई एसी लक्ष्मण रेखा है जो इस क्षेत्र में आने के लिए अपराधियों, बीमार मानसिकता वाले कुख्यातों को रोकती है। वे समाज के भेड़िये पत्रकारिता की आढ़ में सोशल मीडिया का चोगा पहना कर रोजाना घिनौना अपराध कर रहे हैं जिसपर सरकारें भी मौन हैं और राजनीतिक पार्टियों के कद्दावर नेता भी। अब वक्त आ गया है इन पर सरकारों को अंकुश लगाने के लिए इन पर लगाम लगानी होगी। इन के लिए नये सिरे से पैरामीटर तय करने होंगे इन्हें क्या दिखाना है क्या नहीं, क्या कवर करना है क्या नहीं, सच्चाई से परे कुछ नहीं दिखाना, समाज की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए जो भी कवर करें उनका समाज और हमारे जीवन पर क्या असर होगा इस पर तवज्जो देना आवश्यक है, यह सब सिखाना होगा। अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब ये समाज के दरिंदे हमारे देश की संस्कृति, सभ्यता और सोच को ही निगल जायेंगे।