भुपेंद्र शर्मा, मुख्य संपादक , सिटी दर्पण, चंडीगढ़
जी हां शनिवार की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ जिसमें कुंभ मेला जा रहे 18 यात्रियों की मौत हो गई और जिनमें 10 महिलाएं और चार बच्चे हैं, इस घटना को जानबूझकर राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। रविवार के दिन सुबह से शाम तक इस पूरी घटना का मानो मीडिया ट्रायल ही शुरु हो गया था और तो और विभिन्न राजनेताओं ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उनके इस्तीफे की मांग करनी शुरु कर दी जो पूरी तरह से गल्त ही नहीं अन्यायपूर्ण भी है। अब इस पूरे घटनाक्रम को ध्यान से देखें तो मन में बड़ा सवाल यह उठता है कि इस पूरी घटना में आखिर रेल मंत्री कैसे दोषी हो गए। उनका इस पूरे मामले में क्या कसूर। हर कोई उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है, क्या उनके इस्तीफे से नई दिल्ली रेल घटना में मरे लोगों को इंसाफ मिल जायेगा बिलकुल भी नहीं। जिन्होंने इस दुखद घटना में अपना जीवन बलिदान कर दिया है भले ही वे भगदड़ में हो या फिर किसी और वजह से इस मौके पर मौजूद रहे हों, वे कभी वापिस नहीं आ सकते। इस घटना के दौरान जो घायल हुए हैं, हम सब का यह फर्ज बनता है कि उनका बेहतरीन इलाज हो इसके लिए प्रयास करें ताकि उनके जीवन की रक्षा की जा सके। दूसरी ओर अगर हम प्राथमिकी के आधार पर इस पूरे घटना क्रम को देखें तो पायेंगे कि उक्त हालातों के दौरान पहले तो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ जाने के लिए आवश्यकता से अधिक भीड़ जमा हो गई थी, फिर गुप्त कारणों के चलते यह भीड़ एक स्टेशन से दूसरे प्लेटफार्म की ओर भागने लगी। हर कोई महाकुंभ के लिए जाने वाली ट्रेन को नहीं गंवाना चाहता था भले ही इसके लिए इस भीड़ में शामिल हर शख्स को अपने परिवारों की जान तक को जोखिम में डालना पड़े। आइये अब बात करते हैं इस पूरे प्रकरण में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की भूमिका की। जी हां अश्विनी वैष्णव नाम है भाजपा के उस कद्दावर एव सुलझे हुए नेता और नरेंद्र मोदी की कैबिनेट के उस वरिष्ठ मंत्री का जो अपने विभाग की हर बात को बड़ी गंभीरता से लेते हैं। यही वजह है कि वैष्णव को मोदी ने पिछली टर्म में भी रेल मंत्री बनाया था और इस टर्म में भी रिपीट किया है। अश्विनी वैष्णव की कार्यशैली को देखते हुए हम कह सकते हैं कि वे अपने विभाग के प्रति न केवल कर्मठ, ईमानदार और मेहनती मंत्री है बल्कि हद से ज्यादा संजीदा भी। यही वजह है जब से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के लिए श्रद्धालुओं के आवागमन की बात चर्चा में आई थी तो अश्विनी वैष्णव ने देश की आन बान और शान की खातिर तुरंत सैकड़ों ट्रेनों के रूटों को री शैड्यूल किया, कईंयों को नये सिरे से लागू किया ताकि यहां 144 साल बाद प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में होने वाले इस भव्य अंतराष्ट्रीय समारोह में देश का वह हर नागरिक श्रद्धा की डुबकी लगा सके जो इस पावन अवसर पर अपनी हाजिरी लगवाना चाहता हो। महाकुंभ में शामिल होने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को महाकुंभ ले जाने और वापिस उनके गंतव्य तक छोड़ने में रेल मंत्री अश्विन वैष्णव की अथाह मेहनत को भुलाया नहीं जा सकता। और तो और अश्विनी वैष्णव हर समय स्वयं कंट्रोल रूम में बैठ कर अपने रेल मंत्रालय के अंतर्गत चलने वाली अहम रेलों का जायज़ा लेते हैं ताकि किसी नागरिक को कोई असुविधा न झेलनी पड़े। इतना ही नहीं अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री ने स्वयं आगे होकर कई नई रेलों का उद्घाटन कर देश की आम जनता को आधुनिक युग की बेहतरीन सुविधाएं मुहैया करवायी हैं इन्हें कैसे भुलाया जा सकता है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से मौतों का जिम्मेवार अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री को समझना या उन्हें बोलना न केवल उनके प्रति गुनाह है बल्कि उनके साथ अन्याय भी है। हां इसमें एक बात यह भी सच है कि उक्त दुखद घटना हुई है और यह मानवीय भूल से हुई है, सिस्टम की त्रुटि से या फिर किसी व्यक्ति या अधिकारी विशेष की लापरवाही से यह सब जांच का विषय है। हम सब को दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करने के साथ साथ सच्चाई का पता लगाने के लिए धैर्य का सहारा लेना होगा। दूसरी ओर रेल मंत्री अश्विन वैष्णव ने इस दुखद घटना का तुरंत संज्ञान लेते हुए दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन कर इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिये हैं और यह भरोसा दिलाया है कि कोई भी कसूरवार बख्शा नहीं जायेगा। इतना ही नहीं रेलवे ने मृतकों के परिजनों के लिए दस-दस लाख मुआवजे का ऐलान किया है। गंभीर रूप सेघायलों को ढ़ाई लाख और अन्य घायलों को एक एक लाख की सहायता दी जाएगी। इतना ही नहीं नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सभी वीडियो फुटेज पूरी तरह सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं। हादसे के बाद आज सुबह रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है।और तो और रेल मंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर दो संदेश लिखे हैं। पहले संदेश में उन्होंने कहा कि ईश्वर कठिन समय में परिजनों को संबल प्रदान करें। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता है। वहीं, दूसरे संदेश में उन्होंने कहा है कि माना कि रेलवे के अधिकारियों से चूक हुई है। इसका मतलब यह नहीं कि सीधे तौर पर रेल मंत्री का इस्तीफा मांग लिया जाए। अंततः इस पूरे घटनाक्रम में हम यही कह सकते हैं कि रेलमंत्री इस दुखद घटना के जिम्मेवार कतई नहीं है और न ही उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। वे पूरी तरह निर्दोष थे और निर्दोष हैं। सिटी दर्पण राष्ट्रीय दैनिक हिंदी समाचार पत्र इस दुख की घड़ी में रेलमंत्री जी की कार्यशैली के साथ खड़ा है।