चंडीगढ़, 26 मार्च: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में चार महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया। इनमें हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक, 2025, हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2025, हरियाणा सार्वजनिक द्युत रोकथाम विधेयक, 2025, और हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) संशोधन विधेयक, 2025 शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, हरियाणा बागवानी पौधशाला विधेयक, 2025 और अपर्णा संस्था (प्रबंधन एवं नियंत्रण ग्रहण) विधेयक, 2025 भी सदन में पेश किए गए।
हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक, 2025
इस विधेयक का उद्देश्य शवों के सम्मानजनक अंतिम संस्कार को सुनिश्चित करना है। अनुच्छेद 21 के तहत मृतकों को भी गरिमा और सम्मान का अधिकार प्राप्त है। यह विधेयक यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी आंदोलन या विरोध प्रदर्शन में शवों का दुरुपयोग न हो। यदि परिवार शव को अस्वीकार करता है, तो सरकारी प्राधिकरण उसकी अंतिम क्रियाएं संपन्न करेगा।
हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2025
हरियाणा के कई युवा अवैध रूप से विदेश जाने के चक्कर में ट्रैवल एजेंटों के जाल में फंस जाते हैं। ऐसे एजेंट नकली दस्तावेज और झूठे वीजा देकर लोगों को ठगते हैं। यह विधेयक ट्रैवल एजेंटों की पारदर्शिता, जिम्मेदारी और नियमन को सुनिश्चित करेगा। इससे अवैध प्रवास को रोकने और दोषी एजेंटों पर कार्रवाई करने में सहायता मिलेगी।
हरियाणा सार्वजनिक द्यूत रोकथाम विधेयक, 2025
यह विधेयक सार्वजनिक जुआ, मैच फिक्सिंग, स्पॉट फिक्सिंग, और चुनावों में सट्टेबाजी पर रोक लगाने के लिए पारित किया गया। भारत का सार्वजनिक द्यूत अधिनियम, 1867 अब अप्रचलित हो चुका है, इसलिए राज्य सरकार ने अपना कानून बनाने का निर्णय लिया। यह विधेयक इलेक्ट्रॉनिक जुआ और ऑनलाइन सट्टेबाजी को भी नियंत्रित करेगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।
हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) संशोधन विधेयक, 2025
इस विधेयक का उद्देश्य संविदा कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा को मजबूत करना है। पहले, संविदा कर्मचारियों को स्थायी होने के लिए 240 दिन की सेवा एक कैलेंडर वर्ष में पूरी करनी होती थी, लेकिन अब इसे एक वर्ष की सेवा अवधि में 240 दिन कर दिया गया है। इससे उन कर्मचारियों को लाभ मिलेगा जिनकी नौकरी मध्य वर्ष में शुरू हुई थी और वे पहले वर्ष में 240 दिन पूरे नहीं कर पाए थे।
हरियाणा सरकार ने इन विधेयकों को पारित कर अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण और जनहित में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।