चंडीगढ़, 26 मार्च: अंबाला में 1857 की आजादी की पहली लड़ाई में शहीद हुए वीर जवानों की स्मृति में एक भव्य शहीदी स्मारक बनाया जा रहा है। हरियाणा के ऊर्जा, श्रम एवं परिवहन मंत्री ने विधानसभा में इस महत्वपूर्ण परियोजना की घोषणा की। इस स्मारक की लागत लगभग 580 करोड़ रुपये होगी और इसे एशिया का सबसे बड़ा शहीदी स्मारक बताया जा रहा है।
स्वतंत्रता सेनानियों की गाथाएं होंगी प्रदर्शित
मंत्री ने बताया कि इस स्मारक में 1857 की क्रांति के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों जैसे रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे और राव तुलाराम की वीरगाथाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ ही, अंबाला कैंट, अहीरवाल, पानीपत सहित उन सभी ऐतिहासिक स्थलों का उल्लेख होगा, जहां 1857 की क्रांति के दौरान निर्णायक युद्ध लड़े गए थे।
शहीदों को मिलेगी ऐतिहासिक पहचान
उन्होंने कहा कि यह स्मारक उन शहीदों को श्रद्धांजलि देने का एक सशक्त माध्यम होगा, जिन्हें इतिहास में उचित स्थान नहीं मिल पाया। इस परियोजना का उद्देश्य युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणादायक कहानियों से जोड़ना है।
मंत्री श्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री, विधानसभा सदस्यों और मीडियाकर्मियों को आमंत्रित किया कि वे इस स्मारक का अवलोकन करें और इसके ऐतिहासिक महत्व को समझें।