चंडीगढ़, 24 मार्च: हरियाणा के विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि महाराजा अग्रसेन की राजधानी अग्रोहा में 41 वर्षों के बाद 25 मार्च को पुनः उत्खनन कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इस ऐतिहासिक परियोजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करेंगे। इस अवसर पर शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
ऐतिहासिक महत्व एवं उत्खनन का उद्देश्य
नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान डॉ. शर्मा ने बताया कि तक्षशिला और मथुरा के ऐतिहासिक व्यापार मार्ग पर स्थित अग्रोहा में उत्खनन कार्य 41 वर्षों के बाद पुनः आरंभ हो रहा है। सिंधु-सरस्वती सभ्यता के महत्वपूर्ण स्थल राखीगढ़ी के बाद, अग्रोहा में खुदाई से क्षेत्र के व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों के प्रमाण मिलेंगे। इससे भारत की नगर नियोजन व्यवस्था, सांस्कृतिक, व्यापारिक और मानव जीवन शैली का अध्ययन वैश्विक स्तर पर किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री इस उत्खनन कार्य के साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुरातत्व संस्थान के पीजी डिप्लोमा पुरातत्व 2025 बैच के प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन भी करेंगे। पुरातत्वविद इस परियोजना के माध्यम से अग्रोहा और अन्य व्यापारिक केंद्रों के संपर्क की प्रकृति को समझने का प्रयास करेंगे।
अग्रोहा के ऐतिहासिक अवशेषों का अध्ययन
डॉ. शर्मा ने बताया कि 1978 से 1984 के बीच हुई खुदाई में प्राप्त नगर नियोजन व्यवस्था का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा। उत्खनन के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक अवधियों की निरंतरता और उनके प्रभाव का आकलन किया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत प्राचीन अवशेषों को खोजने और उनके माध्यम से ऐतिहासिक व्यापारिक केंद्र के रूप में अग्रोहा की भूमिका को और मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा।
नई विकास योजनाएं
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में प्रस्तुत राज्य के आम बजट में अग्रोहा टीला के उत्खनन, साइट संग्रहालय, इंटरप्रिटेशन सेंटर, लाइट एंड साउंड शो और तारामंडल के निर्माण की घोषणा की थी। 25 मार्च को आयोजित कार्यक्रम में इन योजनाओं को गति दी जाएगी, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी भी शामिल होंगे।
उत्खनन कार्य की निगरानी
पर्यटन मंत्री ने बताया कि अग्रोहा में उत्खनन का कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) चंडीगढ़ सर्कल की अधीक्षण पुरातत्वविद कामेई अथोइलू काबुई की निगरानी में किया जाएगा। सहायक अधीक्षण अराखिता प्रधान और पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की उपनिदेशक बनानी भट्टाचार्य सह निदेशक के रूप में इस कार्य में सहयोग करेंगी। इस उत्खनन कार्य को ASI और हरियाणा पुरातत्व विभाग के 15 विशेषज्ञों की टीम एक वर्ष तक संचालित करेगी।
इस परियोजना से न केवल हरियाणा के समृद्ध इतिहास को नया आयाम मिलेगा, बल्कि यह प्राचीन भारत की व्यापारिक और सांस्कृतिक समृद्धि को भी विश्व स्तर पर प्रदर्शित करेगा।