चंडीगढ़, 24 मार्च:
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रबी विपणन सीजन 2025-26 के तहत गेहूं, सरसों, जौ, चना, मसूर और सूरजमुखी की खरीद के लिए सभी एजेंसियों को समय रहते आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसानों को मंडियों में किसी प्रकार की असुविधा न हो। इस वर्ष गेहूं की बंपर पैदावार होने का अनुमान है, जिसके चलते खरीद प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विशेष उपाय किए जा रहे हैं।
मंडियों में बुनियादी ढांचे का विकास
मुख्यमंत्री ने मंडियों में सुविधाओं के विस्तार के निर्देश देते हुए कहा कि मार्केटिंग बोर्ड को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए खाली स्थानों पर बड़े शेडों का निर्माण करवाना चाहिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि बारदाने की कमी न हो और किसानों के लिए बैठने और भोजन की पर्याप्त व्यवस्था हो।
फसल खरीद और भुगतान प्रक्रिया
बैठक में जानकारी दी गई कि गेहूं खरीद का लक्ष्य 75 लाख मीट्रिक टन रखा गया है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग 30%, हैफेड 40%, हरियाणा भंडारण निगम 20% और भारतीय खाद्य निगम 10% खरीद करेगा। सरसों की खरीद 15 मार्च से और मसूर की 20 मार्च से शुरू हो चुकी है, जबकि गेहूं, जौ और चना 1 अप्रैल से और सूरजमुखी 1 जून से खरीदा जाएगा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य और ई-नैम प्लेटफार्म
इस वर्ष गेहूं का एमएसपी 2425 रुपये, जौ का 1980 रुपये, चने का 5650 रुपये, मसूर का 6700 रुपये, सरसों का 5950 रुपये और सूरजमुखी का 7280 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां सभी फसलों की 100% एमएसपी लागू है। प्रदेश की 108 मंडियां ई-नैम प्लेटफार्म से जुड़ी हुई हैं, जिससे किसानों को पारदर्शी व्यवस्था मिलेगी।
तेजी से भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बैंकर्स यह सुनिश्चित करें कि किसानों को 48 से 72 घंटे के भीतर भुगतान मिल जाए। इसके लिए 6653.44 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट स्वीकृत की जा चुकी है।
किसानों और मजदूरों की सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि 53 अटल किसान मजदूर कैंटीनों में किसानों और मजदूरों के लिए सस्ता और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही, एक टोल-फ्री किसान हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी ताकि किसानों और व्यापारियों की शिकायतों का त्वरित समाधान किया जा सके।
बैठक में कृषि, खाद्य आपूर्ति, वित्त और मंडी बोर्ड से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि खरीद प्रक्रिया की निगरानी के लिए विशेष टीमें गठित करें, जिससे किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।