चंडीगढ़, 23 मार्च – हरियाणा के सहकारिता, कारागार, विरासत और पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि वैदिक शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत गुरुकुल सदैव राष्ट्र और समाज को सशक्त बनाने वाले युवाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आज के समय में इस प्राचीन परंपरा को उचित मान-सम्मान देना आवश्यक है और युवाओं व अभिभावकों को इसमें सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना चाहिए।
मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा सोनीपत के वैदिक ज्ञान योग महाविद्यालय, गुरुकुलम, जुआं के 16वें वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आर्य समाज का स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान रहा है। इस विचारधारा पर चलते हुए महान विभूतियों ने राष्ट्र की एकता को सुदृढ़ करने के साथ-साथ वैदिक कालीन गुरुकुल परंपरा को भी बढ़ावा दिया है।
उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि भारत की गुरुकुल शिक्षा प्रणाली ने सदियों से विद्यार्थियों को ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों से जोड़ा है। यही शिक्षा हमारे युवाओं को वैश्विक स्तर पर भारतीय विद्वता का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान कर रही है।
संस्कार व संस्कृति को संजोने की शिक्षा
मंत्री ने कहा कि गुरुकुल शिक्षा प्रणाली केवल ज्ञान प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संस्कारों की जननी भी है। यह शिक्षा न केवल व्यक्तित्व निर्माण में सहायक होती है, बल्कि ऋषि परंपरा को आगे बढ़ाने और भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने का कार्य भी करती है।
नई शिक्षा नीति से वैदिक व आधुनिक ज्ञान का समावेश
उन्होंने कहा कि लार्ड मैकाले की शिक्षा प्रणाली से हटकर, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से युवाओं को परंपरा और आधुनिक विज्ञान से रचनात्मक रूप से जोड़ने का अवसर दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में यह नीति राज्य में तीव्र गति से लागू की जा रही है, जिससे हरियाणा अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बन रहा है।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर पर गुरुकुलम जुआं के संस्थापक संचालक आचार्य वेदनिष्ठ, स्वामी धर्मदेव, स्वामी सर्वानंद, मेजर सतपाल सिंधु, बीपीएस महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुदेश और आचार्य वेदव्रत सहित कई सम्माननीय व्यक्ति उपस्थित रहे।