कुरुक्षेत्र, 23 मार्च: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक प्रगति और सुशासन के लिए एक पारदर्शी एवं न्यायसंगत कराधान प्रणाली आवश्यक है। जब कर प्रणाली सरल और प्रभावी होती है, तो व्यापारी, उद्यमी और निवेशक लाभान्वित होते हैं, जिससे आर्थिक गतिविधियों को गति मिलती है।
मुख्यमंत्री ने यह बात आज कुरुक्षेत्र में ‘एक मुश्त निपटान स्कीम-2025’ के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कही। उन्होंने बताया कि यह योजना विशेष रूप से छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और उद्यमियों को राहत प्रदान करेगी, जिससे वे पुराने कर दायित्वों से मुक्त होकर नए सिरे से व्यवसाय शुरू कर सकें।
योजना के लाभ एवं प्रावधान
यह योजना उन करदाताओं के लिए बनाई गई है जो किसी कारणवश करों का भुगतान नहीं कर सके। इसके तहत 10 लाख रुपये तक की बकाया राशि वाले करदाताओं को 1 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी। योजना की अवधि 180 दिनों यानी 6 महीनों के लिए निर्धारित की गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने करदाताओं की सुविधा के लिए तीन श्रेणियां निर्धारित की हैं:
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10 लाख रुपये तक की बकाया राशि – करदाता को 40% भुगतान करना होगा, जिसमें 1 लाख रुपये तक की छूट उपलब्ध होगी।
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10 लाख से 10 करोड़ रुपये तक की बकाया राशि – करदाता को 50% राशि का भुगतान करना होगा।
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10 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि – करदाता को संपूर्ण देय कर राशि का भुगतान करना होगा।
10 लाख रुपये से अधिक बकाया राशि वाले करदाता दो किस्तों में भुगतान कर सकते हैं।
पूर्व की योजना से सुधारित स्वरूप
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2023 में भी इस तरह की योजना लाई गई थी, लेकिन उसमें कुछ व्यावहारिक चुनौतियां थीं। नई योजना में उन बाधाओं को दूर कर इसे अधिक प्रभावी बनाया गया है। इस योजना के तहत करदाताओं को ब्याज और दंड से पूरी तरह छूट दी जाएगी।
व्यापारियों के लिए सहूलियत भरे कदम
मुख्यमंत्री ने बताया कि कर संग्रह प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए प्रत्येक ईटीओ और डीईटीसी कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, जीएसटी प्रणाली में भी कुछ सुधार किए गए हैं, जिनमें पिछले तीन-चार वर्षों के ऑडिट को एक साथ पूरा करने की सुविधा शामिल है।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने कृषि उपकरणों पर जीएसटी छूट, रिफंड प्रक्रिया के स्वचालन, वार्षिक स्व-मूल्यांकन तथा बिल जारी करने की सीमा को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने जैसी सिफारिशें जीएसटी परिषद को भेजी हैं।
व्यापारियों के हितों की सुरक्षा
सरकार ने व्यापारियों की सुरक्षा और विकास को ध्यान में रखते हुए विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की है। इनमें रेवाड़ी में 29 करोड़ रुपये की लागत से कर-भवन का निर्माण, प्रदेश के 27 जीएसटी कार्यालयों में 29 करोड़ रुपये की लागत से जीएसटी सुविधा केंद्रों की स्थापना, गुरुग्राम में स्टार्टअप जीएसटी सुविधा प्रकोष्ठ, पंचकूला में एमएसएमई जीएसटी प्रकोष्ठ शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि धान खरीद पर आढ़तियों का कमीशन बढ़ाकर 55 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है और अब तक उन्हें 309 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
व्यापारियों को सामाजिक सुरक्षा
व्यापारियों को आपदा के समय वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए ‘संशोधित मुख्यमंत्री व्यापारी क्षतिपूर्ति बीमा योजना’ शुरू की गई है। वहीं, ‘प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना’ के तहत छोटे दुकानदारों और खुदरा व्यापारियों को मासिक पेंशन की सुविधा दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल कर संग्रहण नहीं बल्कि व्यापारिक समुदाय को सहयोग देकर प्रदेश की आर्थिक उन्नति सुनिश्चित करना है। इस योजना के माध्यम से न केवल राजस्व संग्रहण में वृद्धि होगी, बल्कि जनता का सरकार पर विश्वास भी मजबूत होगा।
उद्घाटन समारोह में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर विधायक पवन खरखौदा, आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव श्री देवेंद्र सिंह कल्याण, आयुक्त श्री विनय प्रताप सिंह, पूर्व विधायक सुभाष सुधा और उद्योग जगत के कई प्रतिष्ठित प्रतिनिधि उपस्थित रहे।