हरियाणा के मुख्य सचिव, अनुराग रस्तोगी ने प्रदेश में व्यापार-अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के लिए अनुपालन बोझ और विनियमन को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
उन्होंने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से संबंधित एक कार्यशाला में कहा कि केंद्रीय कैबिनेट सचिवालय में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस प्रकोष्ठ की स्थापना का उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्र को सशक्त बनाना और राज्यों को उद्यमशीलता के अवसरों को बढ़ाने में सहायता प्रदान करना है।
मुख्य सचिव ने हरियाणा के 2047 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य का उल्लेख करते हुए कहा कि व्यापार सुगमता से जुड़े ये सुधार आर्थिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
इस कार्यशाला का उद्देश्य हरियाणा के औद्योगिक विकास को गति देना और व्यापार प्रक्रियाओं को सरल बनाना था। इस दौरान हुई चर्चाओं और सुझावों से निवेशक-अनुकूल माहौल तैयार करने के लिए नई रणनीतियों और सुधारों की रूपरेखा तैयार की गई।
कार्यशाला में केंद्रीय कैबिनेट सचिवालय की सचिव (समन्वय) वंदना गुरनानी और हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. डी. सुरेश ने भाग लिया। उन्होंने प्रदेश की सक्रिय औद्योगिक नीतियों की जानकारी देते हुए कहा कि व्यापार-अनुकूल माहौल बनाने के लिए सभी विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।
डॉ. डी. सुरेश ने राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए सरकारी विभागों के बीच समन्वय बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया, जिससे हरियाणा को निवेश के लिए सबसे अनुकूल गंतव्य बनाया जा सके।