हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव मंत्री, राव नरबीर सिंह ने कहा कि पेड़-पौधे भोजन, जलवायु संतुलन और जैव विविधता संरक्षण के लिए अनिवार्य हैं, इसलिए हमें इन्हें समृद्ध बनाकर भविष्य की पीढ़ियों को सुरक्षित करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए "एक पेड़ मां के नाम" अभियान को हरियाणा सरकार, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रभावी रूप से आगे बढ़ा रही है।
वह विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर ढोसी हिल्स की तलहटी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जब तक वन संरक्षित नहीं होंगे, हमारा जीवन भी सुरक्षित नहीं रहेगा। इसलिए, हर व्यक्ति को प्रत्येक शुभ अवसर पर एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए और उसके बड़े होने तक देखभाल करनी चाहिए।
मंत्री ने नागरिकों से अपील की कि वे शादी-ब्याह में आमंत्रण कार्ड की बजाय डिजिटल निमंत्रण या पारंपरिक चावल देने की विधि अपनाएं। उन्होंने प्लास्टिक और पॉलीथिन के उपयोग को भी पूरी तरह बंद करने की जरूरत पर जोर दिया।
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार ने "प्राण वायु देवता योजना" शुरू की है, जिसके तहत 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के पेड़ों की देखभाल करने वालों को प्रतिवर्ष 3,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
इसके अलावा, अरावली की पहाड़ियों को बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने "अरावली ग्रीन वॉल योजना" शुरू की है। इस योजना को गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में लागू किया जाएगा।
राज्य सरकार ने 53 हर्बल पार्क स्थापित किए हैं, जिनमें औषधीय पौधों के साथ-साथ महत्वपूर्ण प्रजातियों के पेड़ लगाए गए हैं। साथ ही, पिंजौर से कलेसर तक 153 किलोमीटर लंबी प्राकृतिक रेल और गुरुग्राम-नूंह की पहाड़ियों में दुनिया की सबसे बड़ी वन्यजीव सफारी - अरावली सफारी पार्क बनाने की भी घोषणा की गई है।