लखनऊ, 19 मार्च:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में हीटवेव प्रबंधन को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने गर्मी के कारण होने वाली आपदाओं की तैयारियों का जायजा लिया और संबंधित विभागों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में तापमान में वृद्धि के कारण हीटवेव की स्थिति बनने लगी है, इसलिए सभी विभागों को तत्काल प्रभाव से सक्रिय होना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि मानव जीवन की क्षति किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है और किसी भी दुर्घटना के बाद केवल मुआवजा देना पर्याप्त नहीं है। इसलिए प्रभावी रोकथाम के लिए प्रत्येक जिले और तहसील स्तर पर व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाए, ताकि लोग हीटवेव के खतरे, बचाव के उपायों और सुरक्षा तैयारियों के बारे में जान सकें।
हीटवेव जागरूकता अभियान को मिलेगा बल
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना विभाग के सहयोग से प्रदेशभर में हीटवेव से बचाव को लेकर प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके लिए डिजिटल डिस्प्ले, होर्डिंग्स, बिलबोर्ड और विज्ञापनों का उपयोग किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग सतर्क हो सकें।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में परीक्षाएं जारी हैं, ऐसे में बच्चों को हीटवेव से बचाव के उपायों की जानकारी देने के लिए विशेष सेमिनार आयोजित किए जाएं। भीड़भाड़ वाले स्थानों, बैंकों और संस्थानों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्याऊ लगाने के निर्देश भी दिए।
हीटवेव से बचाव के लिए जल प्रबंधन और संसाधनों का बेहतर उपयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ-2025 के दौरान इस्तेमाल किए गए वॉटर एटीएम को अब प्रदेश के सभी जिलों में स्थापित किया जाए, ताकि लोगों को नि:शुल्क पेयजल सुविधा मिल सके। उन्होंने बैंकों और औद्योगिक घरानों को CSR फंड के माध्यम से अधिक वॉटर एटीएम लगाने के लिए प्रोत्साहित करने का भी सुझाव दिया।
इसके अलावा, तालाबों, बावड़ियों और छतों पर जल संरक्षण की व्यवस्था करने की बात कही, जिससे जल स्रोतों की उपलब्धता बनी रहे।
चिकित्सा सेवाओं को मिलेगी मजबूती
मुख्यमंत्री ने अस्पतालों के बर्न वार्ड में विशेष चिकित्सा सुविधाओं की तैयारी के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न माध्यमों से लू से बचाव और प्राथमिक उपचार की जानकारी व्यापक स्तर पर प्रसारित की जाए।
वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा पर जोर
उन्होंने प्रदेश के जंगलों को आग से बचाने के लिए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। वन विभाग और अग्निशमन विभाग को आपसी समन्वय से पेट्रोलिंग तेज करने और वन्यजीवों और पक्षियों के लिए जल प्रबंधन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी।
आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित किया जाए, ताकि आपदा की स्थिति में लोगों को समय रहते सतर्क किया जा सके। संवेदनशील क्षेत्रों में यह प्रणाली अधिक प्रभावी ढंग से काम करे, इसके लिए ग्राम प्रधानों और पंचायत अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हीटवेव के अलावा वज्रपात की समस्या भी कई जिलों में गंभीर है, विशेष रूप से मीरजापुर, सोनभद्र और गाजीपुर में। उन्होंने निर्देश दिया कि यदि तीन घंटे पहले अलर्ट मिल जाए, तो संवेदनशील इलाकों में लोगों की आवाजाही को रोका जा सकता है। इसके लिए SMS अलर्ट और पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाए, जिससे जान-माल की हानि रोकी जा सके।
राज्य हीटवेव एक्शन प्लान और सिटी एक्शन प्लान का विमोचन
मुख्यमंत्री ने राज्य हीटवेव एक्शन प्लान-2025 के साथ-साथ लखनऊ, आगरा और झांसी के सिटी एक्शन प्लान का विमोचन किया। उन्होंने निर्देश दिया कि इन पुस्तकों को हिंदी में सरल भाषा में प्रकाशित किया जाए, ताकि गांव, नगर निकाय और ग्राम पंचायतों तक इसकी जानकारी आसानी से पहुंचे।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में हीटवेव को आपदा घोषित किया जा चुका है, और पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रत्येक जिले के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान तैयार किया गया है।