लखनऊ, 19 मार्च:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं को और अधिक सशक्त बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने टेलीमेडिसिन, अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा, अंग प्रत्यारोपण, आयुष्मान भारत योजना और एम्बुलेंस सेवाओं समेत विभिन्न विषयों पर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि हब एंड स्पोक मॉडल के तहत केजीएमयू, आरएमएलआईएमएस और एसजीपीजीआई की टेलीमेडिसिन सेवाओं को प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों से जोड़ा जाए, जिससे मरीजों को विशेषज्ञों की सलाह आसानी से मिल सके। उन्होंने लखनऊ स्थित आरएमएलआईएमएस में मरीजों और उनके तीमारदारों की सुविधा के लिए रैन बसेरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा, प्रदेश में अंग प्रत्यारोपण सेवाओं को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाने की बात कही, ताकि जरूरतमंद मरीजों को समय पर इसका लाभ मिल सके।
स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे नियमित रूप से जिलों का दौरा करें और अस्पतालों की व्यवस्थाओं की समीक्षा करें। उन्होंने अस्पतालों में सुरक्षा प्रबंधों की जांच पर जोर देते हुए कहा कि सभी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा मानकों का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
आयुष्मान भारत योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए उन्होंने निर्देश दिया कि पंजीकृत अस्पतालों को 30 दिनों के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाए, ताकि मरीजों को चिकित्सा सुविधाओं में कोई बाधा न हो। उन्होंने बताया कि अब तक 5.21 करोड़ लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं, और शेष पात्र व्यक्तियों को भी इस योजना का लाभ दिलाया जाए। साथ ही, पीएचसी, सीएचसी और जिला अस्पतालों में डॉक्टरों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए जनसहभागिता की आवश्यकता पर जोर दिया और जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे टीबी मरीजों को गोद लेकर उनके उपचार और पुनर्वास में योगदान दें।
उन्होंने प्रदेश के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी और किफायती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, एम्बुलेंस सेवाओं की दक्षता बढ़ाने और रिस्पॉन्स टाइम को बेहतर करने पर विशेष जोर दिया, जिससे मरीजों को समय पर चिकित्सा सहायता मिल सके।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत चल रही परियोजनाओं को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार हुआ है। वर्ष 2017 की तुलना में 2024 में डेंगू मृत्यु दर में 93% की कमी आई है। इसी तरह, जापानी इंसेफेलाइटिस और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के मामलों में क्रमशः 87% और 76% की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि इनसे होने वाली मृत्यु दर में 97% और 98% की कमी आई है। मुख्यमंत्री ने इसे सही रणनीति और टीमवर्क का सकारात्मक परिणाम बताया।
बैठक के दौरान चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न योजनाओं, उपलब्धियों और आगामी कार्ययोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की।