लखनऊ, 18 मार्च: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर राज्य कर विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए और व्यापारियों के साथ संवाद स्थापित कर लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सुनियोजित प्रयास करने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जीएसटी और वैट संग्रह में निरंतर वृद्धि हो रही है। वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित 1.75 लाख करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु मिशन मोड में कार्य किया जाए। राज्य कर विभाग द्वारा उठाए गए कदमों के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में जीएसटी के तहत पंजीकृत व्यापारियों की संख्या देश में सर्वाधिक है। जागरूकता अभियानों के प्रभावी संचालन से वर्ष 2023-24 में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 17.2 लाख थी, जो 2024-25 में बढ़कर 19.9 लाख हो गई है। इस संख्या को और बढ़ाने के प्रयास जारी रहने चाहिए। साथ ही, व्यापारियों को जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के प्रति प्रेरित किया जाए, जिससे उत्तर प्रदेश इस मामले में अग्रणी बना रहे।
मुख्यमंत्री ने व्यापारियों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने बताया कि दुर्घटना की स्थिति में व्यापारी या उनके उत्तराधिकारी को राज्य सरकार 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। इस योजना का लाभ जरूरतमंद व्यापारियों और उनके परिजनों तक संवेदनशीलता के साथ पहुंचाया जाए।
उन्होंने कहा कि जीएसटी प्रणाली में सभी प्रक्रियाएँ ऑनलाइन होने से पर्याप्त डेटा उपलब्ध है। आईटी टूल्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर डेटा विश्लेषण किया जाए और राजस्व संग्रह को प्रभावी बनाया जाए। वाणिज्य कर अधिकारी से लेकर संयुक्त आयुक्त स्तर तक के अधिकारियों की कार्यक्षमता की समीक्षा की जाए और उनके प्रदर्शन के आधार पर ग्रेडिंग, पदोन्नति तथा पोस्टिंग सुनिश्चित की जाए।
कर चोरी रोकने के लिए क्षेत्रवार रणनीति बनाई जाए। इसके लिए गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित की जाए। सर्वेक्षण और छापेमारी टीमों में दक्ष कर्मियों को शामिल कर उनकी गोपनीयता सुनिश्चित की जाए।
राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई एआई आधारित रिटर्न स्क्रूटनी प्रणाली को अन्य राज्यों में भी मॉडल के रूप में अपनाया जा रहा है। कर प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता बनाए रखने हेतु ऐसे नवाचार जारी रखे जाएं। साथ ही, सबसे अधिक कर देने वाले व्यापारियों को सम्मानित करने के कार्यक्रम प्रदेश, जोन, मंडल और जिला स्तर पर आयोजित किए जाएं। राज्य कर विभाग के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और आवश्यक मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए।