लखनऊ, 16 मार्च:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है और यह सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि मीडिया की भूमिका लोकतंत्र की शुरुआत से ही महत्वपूर्ण रही है और इसकी प्रासंगिकता को कम नहीं आंका जा सकता।
मुख्यमंत्री गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने सदस्यों को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए कहा कि गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रमुख केंद्र है और यहां की मीडिया न केवल स्थानीय बल्कि आसपास के जिलों पर भी प्रभाव डालती है। उन्होंने नई कार्यकारिणी को संवेदनशील और जनसरोकार से जुड़े रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया की सकारात्मक भूमिका को बढ़ावा देने के लिए सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है। मीडिया समूहों और स्वतंत्र पत्रकारों को एक मंच देने के लिए राज्य सरकार के सूचना विभाग की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया केवल सरकार के प्रचार का माध्यम नहीं है, बल्कि समाज को सही जानकारी देने का सशक्त माध्यम भी है।
स्वतंत्रता संग्राम में मीडिया की भूमिका को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने मीडिया के माध्यम से जनचेतना का प्रसार किया। लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में भी मीडिया ने हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि जनजागरूकता बढ़ाने में मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। टेक्नोलॉजी के विकास के साथ मीडिया का स्वरूप बदल रहा है, जिससे समाज तक सही और सटीक जानकारी पहुंचाई जा सके। हालांकि, कुछ लोग सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर नकारात्मकता और भ्रम फैलाने का प्रयास करते हैं। लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए मीडिया को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
महाकुंभ-2025 का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आयोजन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशाल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के रूप में मान्यता मिली। मीडिया की सकारात्मक कवरेज ने इसे और व्यापक रूप से प्रचारित किया, जिससे 100 से अधिक देशों ने इसमें भागीदारी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से यूनेस्को ने कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी।
मुख्यमंत्री ने संवाद को लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा कि जब संवाद बाधित होता है, तब संघर्ष उत्पन्न होता है। उन्होंने कानून व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए संवाद को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया।
इसके साथ ही उन्होंने समाज के विभिन्न तबकों से जुड़े सफल व्यक्तियों की कहानियों को मीडिया के माध्यम से सामने लाने की जरूरत पर जोर दिया। झांसी की ‘बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी’ और गोरखपुर के एक युवा उद्यमी के उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इन सफलताओं से समाज को प्रेरणा मिलती है।
रेडीमेड गारमेंट्स उद्योग में भारत की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने बांग्लादेश और वियतनाम के उदाहरण दिए और कहा कि यदि मीडिया इस क्षेत्र के उद्यमियों की कहानियों को सामने लाए, तो भारत भी इस क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व प्राप्त कर सकता है।
अंत में, मुख्यमंत्री ने मीडिया से अपील की कि वह जनसरोकार से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दे और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाए।