चंडीगढ़, 11 मार्च – भारतीय चुनाव आयोग ने सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल, 2025 तक निर्वाचन अधिकारी (ईआरओ), जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) या मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) स्तर पर मौजूद किसी भी अनसुलझे मुद्दे पर सुझाव आमंत्रित किए हैं।
आयोग ने राजनीतिक दलों को पत्र जारी कर बताया कि चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत करने के लिए पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श की योजना बनाई गई है। यह बातचीत पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर होगी।
राजनीतिक दलों से सक्रिय भागीदारी की अपील
पिछले हफ्ते आयोग के सम्मेलन में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सीईओ, डीईओ और ईआरओ को निर्देश दिया कि वे राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें करें। इन बैठकों में प्राप्त सुझावों को कानूनी ढांचे के तहत हल किया जाए और 31 मार्च, 2025 तक आयोग को कार्रवाई रिपोर्ट सौंपें। आयोग ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया है कि वे इस विकेंद्रीकृत संवाद तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग करें।
चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुधार
आयोग ने राजनीतिक दलों को लिखे पत्र में उल्लेख किया कि चुनाव प्रक्रिया में राजनीतिक दल एक महत्वपूर्ण हितधारक हैं। संविधान और कानूनी ढांचे के तहत जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम 1961, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और चुनाव आयोग के निर्देशों के माध्यम से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत और पारदर्शी प्रणाली तैयार की गई है। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को इन दिशानिर्देशों के तहत अपने सुझाव देने का अनुरोध किया है।