हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा सत्र के दौरान बताया कि प्रदेश में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पिछले दस वर्षों में हर घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य पूरा किया गया है। वे विधायक अर्जुन चौटाला के सवाल का जवाब दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि रानियां निर्वाचन क्षेत्र में 72 गांव और 25 ढाणियों को 48 नहर आधारित और 38 ट्यूबवेल आधारित जल आपूर्ति योजनाओं के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। इनमें से 35 ट्यूबवेल आधारित योजनाएं ग्राम पंचायतों को सौंपी जा चुकी हैं। जिन गांवों में जल में टीडीएस की मात्रा अधिक है, वहां नहर आधारित जलापूर्ति परियोजनाओं से आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि हाल ही में क्षेत्र से लिए गए 765 जल सैंपलों में से 39 मानकों पर खरे नहीं उतरे। प्रभावित क्षेत्रों को नहर आधारित जल परियोजनाओं से जोड़ा जा रहा है। हर जिले में एक जल परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की गई है ताकि जल गुणवत्ता की नियमित निगरानी हो सके।
पानीपत में ईएसआई अस्पताल का विस्तार
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में बताया कि पानीपत में संचालित ईएसआई अस्पताल का विस्तार किया जाएगा। मौजूदा अस्पताल साढ़े 8 एकड़ क्षेत्र में स्थित है, और यहां जल्द ही एक नया ब्लॉक बनाया जाएगा।
विधायक प्रमोद विज के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पानीपत में औद्योगिक श्रमिकों की संख्या अधिक है, इसलिए चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार की जरूरत है। सरकार जल्द ही प्रस्ताव तैयार कर नए ब्लॉक के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि सूचीबद्ध निजी अस्पतालों को 2019 से 2024 तक इलाज के लिए 34 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की गई है।
अवैध प्रसूति क्लीनिकों पर होगी कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्पष्ट किया कि बिना डिग्री और लाइसेंस के संचालित अवैध प्रसूति क्लीनिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वे विधानसभा सत्र के दौरान विधायक चौधरी मामन खान द्वारा नूंह में अवैध क्लीनिकों से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। यदि कोई भी व्यक्ति बिना योग्यता के प्रसूति क्लीनिक चला रहा है, तो उसकी जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा से ही "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" अभियान की शुरुआत की थी, और सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।