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उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री ने विधान परिषद में वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट पर विचार व्यक्त किए

March 05, 2025 11:17 PM
लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत संवाद व विचारों की अभिव्यक्ति: मुख्यमंत्री
 
वर्ष 2025-26 का बजट ‘वंचित को वरीयता’ की थीम पर
 
सबसे बड़ी आबादी के राज्य उ0प्र0 में सबसे अधिक ग्रोथ पावर
 
उ0प्र0 कभी देश के विकास में ब्रेकर माना जाता था, आज वही उ0प्र0 भारत की इकोनॉमी का ब्रेकथ्रू माना जा रहा
 
देश में 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए, प्रदेश में विगत 08 वर्षों में 06 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए
 
वर्ष 2025-26 के बजट का आकार 08 लाख 8,736 करोड़ रु0, विगत वित्तीय वर्ष की तुलना में यह लगभग 10 फीसदी अधिक
 
कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए बजट में 2,25,000 करोड़ रु0 की व्यवस्था
 
विगत 08 वर्षों से प्रदेश सरकार द्वारा कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया गया, डीजल और पेट्रोल पर लगाए गए वैट को कम किया गया
 
जी0एस0डी0पी0 वर्ष 2017 से अब तक 27.51 लाख करोड़ रु0 पहुंची, इस वित्तीय वर्ष के अंत तक इसे 32 लाख करोड़ रु0 तक पहुंचाने का लक्ष्य
 
वर्ष 2023-24 में देश की जी0डी0पी0 9.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि उ0प्र0 की जी0डी0पी0 11.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी
 
वर्ष 2017-18 में 122.84 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए, वर्ष 2024 के दौरान 1024.41 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए, इसमें आधे से अधिक लेन-देन यू0पी0आई0 के माध्यम से हुआ, उ0प्र0 डिजिटल लेन-देन में पूरे देश में नम्बर एक स्थान पर
 
प्रदेश में वर्ष 2017 से वर्ष 2024 के बीच 17,008 करोड़ रु0 से अधिक का एफ0डी0आई0 आया
 
प्रदेश में सी0डी0 रेशियो वर्ष 2017 तक मात्र 44 प्रतिशत था, वर्तमान मंे यह बढ़कर 61 प्रतिशत हो गया
 
महाकुम्भ ने आस्था को आजीविका से जोड़ते हुए रोजगार के नए-नए साधन उपलब्ध कराए
 
महाकुम्भ-2025 के माध्यम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में साढ़े तीन लाख करोड़ रु0 अतिरिक्त वृद्धि का अनुमान
 
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के नाम पर 07 स्थानों पर कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास बनाए जाएंगे
 
सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर प्रत्येक जनपद में 100 एकड़ क्षेत्रफल में इम्प्लॉयमेण्ट जोन बनाए जाएंगे
 
यह वर्ष श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मशताब्दी वर्ष, अटल जी के नाम पर हर नगर निकाय में एक-एक डिजिटल लाइब्रेरी बनाने के लिए बजट में धनराशि की व्यवस्था
 
गंगा एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद देश के 55 प्रतिशत एक्सप्रेस-वे उ0प्र0 के पास होंगे
 
इनलैण्ड वॉटर-वे अथॉरिटी बलिया से अयोध्या के बीच और वाराणसी से प्रयागराज के बीच वॉटर-वे की सम्भावनाओं को तीव्र गति से आगे बढ़ाने का कार्य कर रही
 
गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज से चित्रकूट तक बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ जोड़ने का कार्य किया जाएगा
 
गंगा एक्सप्रेस-वे को मेरठ से हरिद्वार के बीच में गंगा जी के समानान्तर जो भी जनपद आएंगे, उन्हें शामिल करते हुए कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा
 
15 लाख करोड़ रु0 के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतारे जा चुके, 60 लाख से अधिक युवा नौकरी और रोजगार से जुड़े
 
10 जनपदों में संत कबीर दास जी के नाम पर टेक्सटाइल पार्क, 02 जनपदों में संत रविदास जी के नाम पर लेदर पार्क बनाए जाएंगे
 
रजिस्ट्रेशन कराने वाली एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को 05 लाख रु0 के बीमा की सुविधा प्रदान करने वाला उ0प्र0 पहला राज्य
 
अयोध्या सोलर सिटी के रूप में विकसित हो रही, 17 नगर निगमों को भी सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा रहा
 
वर्ष 2016-17 में कृषि विकास दर 8.6 प्रतिशत, जो आज बढ़कर लगभग 14 प्रतिशत हो गई
 
प्रदेश में 14 लाख निजी ट्यूबवेल्स के माध्यम से निःशुल्क सिंचाई की व्यवस्था देने का कार्य हो रहा
 
उ0प्र0 में वर्ष 2016-17 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 557 लाख मीट्रिक टन होता था, जो बढ़कर आज लगभग 667.39 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचा
 
गन्ना किसानों को राज्य सरकार ने वर्ष 2017 से अब तक 2,73,000 करोड़ रु0 का गन्ना मूल्य का भुगतान किया
 
लखनऊ में 251 करोड़ रु0 की लागत से भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी के सम्मान में एक सीड पार्क की स्थापना का निर्णय
 
राज्य सरकार ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र सहित प्रदेश के 26 जनपदों में यू0पी0 एग्रीज योजना के अन्तर्गत लगभग 4,000 करोड़ रु0 के निवेश की योजना को आगे बढ़ाया
 
हर जनपद की प्रमुख मण्डी में माता शबरी के नाम पर एक कैण्टीन और एक विश्रामालय स्थापित किया जाएगा
 
राज्य सरकार द्वारा संचालित 7,713 गो-आश्रय स्थलों में लगभग 12 लाख 50 हजार गोवंश संरक्षित, बजट में निराश्रित गोवंशों के लिए 2,000 करोड़ रु0 की व्यवस्था
 
परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने के लिए 2,000 करोड़ रु0 की बजटीय व्यवस्था
 
राजकीय पॉलीटेक्निक में न्यू एज कोर्सेज को बढ़ावा देने तथा तकनीक को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रु0 की व्यवस्था
 
आज प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज संचालित, इनमें राज्य सरकार द्वारा 44 मेडिकल कॉलेज तथा 36 मेडिकल कॉलेज निजी क्षेत्र चलाए जा रहे
 
जनपद बलिया व बलरामपुर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए बजट में धनराशि की व्यवस्था
 
विगत 08 वर्षों में राज्य सरकार ने 125 नए नगर निकाय गठित किए
 
प्रयागराज की तर्ज पर ही इस बार 03 अन्य शहरों कानपुर, मथुरा-वृन्दावन तथा मेरठ का विकास किया जाएगा, इसके लिए एकमुश्त धनराशि दी जाएगी
 
इस बजट में जिला मुख्यालय के नगर निकायों को भी स्मार्ट सिटी की भांति विकसित करने की व्यवस्था
 
मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट स्कीम के अन्तर्गत 800 करोड़ रु0 की बजट में व्यवस्था
 
हर ग्राम पंचायत में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना के लिए 445 करोड़़ रु0 की व्यवस्था
 
सरकार 01 करोड़ 04 लाख से अधिक निराश्रित महिला, वृद्धजन एवं दिव्यांगजन को 12 हजार रु0 प्रतिवर्ष पेंशन की सुविधा उपलब्ध करा रही
 
राज्य सरकार ने इस बजट में जीरो पॉवर्टी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 250 करोड़ रु0 की व्यवस्था की, पहले चरण में 13 लाख 57 हजार परिवार आच्छादित होंगे
 
39,556 बी0सी0 सखी ने 31,103 करोड़ रु0 से अधिक का वित्तीय लेन-देन कर 84.38 करोड़ रु0 का शुद्ध लाभांश अर्जित किया
 
मेधावी बालिकाओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना, इसके लिए बजट में 400 करोड़ रु0 की व्यवस्था
 
01 लाख 56 हजार 207 नए पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गई, इनमें 22,782 महिलाएं शामिल

लखनऊ,05 मार्च: 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत संवाद व विचारों की अभिव्यक्ति है। मर्यादा के दायरे में रहकर अपनी अभिव्यक्ति को सदन के पटल पर रखने से बड़ी दूसरी बात नहीं हो सकती है। देश में सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में वर्ष 2025-26 के सामान्य बजट के सन्दर्भ में हुई चर्चा में उच्च सदन के लगभग 50 सदस्य भाग ले रहे हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने बजट पर अपने बहुमूल्य विचार इस सदन के समक्ष रखे हैं। लोकतंत्र का इससे अद्भुत परिदृश्य और कुछ नहीं हो सकता है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधान परिषद में वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट पर अपने विचार व्यक्त रहे थे। उन्होंने कहा कि यह वर्ष अत्यन्त महत्वपूर्ण है। महाकुम्भ-2025  प्रदेश के साथ-साथ देश और दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति के मनमस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ गया है। यह दुनिया का यूनिक इवेण्ट बनकर लम्बे समय तक दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करेगा। प्रत्येक व्यक्ति के मुद्दे व भावनाएं अलग-अलग हो सकती हैं। इनको किसी पर जबरन नहीं थोपा जा सकता। यह हमारी प्रवृत्ति भी नहीं है। महाकुम्भ के आयोजन के समय हम लोग अनुभव कर रहे थे कि बहुत सारे सदस्य, पार्टियां तथा संगठन इस दौरान अनर्गल प्रलाप कर रहे थे। लेकिन उन सब से इतर हम लोग इन सभी घटनाओं के मौन साक्षी बनकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ के महत्व, आध्यात्मिक, सामाजिक, राष्ट्रीय एकात्मकता तथा आर्थिक पहलू को लेकर अनेक विचारकों व विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी। महाकुम्भ के बारे में चर्चा वही कर सकता है, जिसने महाकुम्भ का दर्शन किया हो तथा महाकुम्भनगरी जाकर इस सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन में सहभागी बना हो। भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवतगीता में कहा है कि ‘ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम्’ अर्थात् मुझे जो जिस रूप में स्मरण करता है, मैं उसे उसी रूप में दिखाई देता हूं। इसी के अनुरूप जिसकी जैसी दृष्टि थी, प्रयागराज में उसको वैसी ही सृष्टि दिखायी दी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह पहला आयोजन है, जिसे पूरी दुनिया की मीडिया ने सराहा। द वॉल स्ट्रीट जर्नल अमेरिका, बी0बी0सी0 लंदन, एक्सप्रेस ट्रिब्यून, द न्यूयॉर्क टाइम्स, राइटर्स, द गार्जियन तथा सी0एन0एन0 आदि सभी ने इस महाआयोजन की प्रशंसा की। यूनेस्को के निदेशक श्री टिम कर्टिस ने कहा कि वर्ष 2019 के कुम्भ को यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी। वर्ष 2023 में कुम्भ के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभावों की निगरानी की जा रही थी। कुम्भ मेला प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विश्व को एक नई दृष्टि प्रदान कर रहा है। श्री टिम कर्टिस स्वयं भी महाकुम्भ में भागीदार बने थे।
मुख्यमंत्री जी ने एक अत्यन्त महत्वपूर्ण आर्टिकल की ओर सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि देश के प्रतिष्ठित हिन्दी आलोचक श्री सुधीश पचौरी अपने आलोचनात्मक लेखन के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने महाकुम्भ के बारे में लिखा कि समाज अपने अनुभवों में जीता है। 45 दिनों में प्रत्येक दिन एक से डेढ़ करोड़ की संख्या में स्वअनुशासित भाव से आस्था की डुबकी लगाकर और उतनी ही शांति से वापस जाती भीड़ ने अपने सद्व्यवहार से दुनिया की मीडिया को आकर्षित और अभिभूत किया है। यह विचार भारत के सनातन धर्म के अनुशासन व उसकी आस्था को अभिव्यक्त कर रहे हैं। ऐसी उदारता, सहजता, सहनशीलता, विनम्रता और शालीनता गहरा आदर भाव पैदा करती है। यह भाव भारत तथा सनातन धर्म के प्रति हर व्यक्ति के मन में है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 45 दिनों में 66 करोड़ 30 लाख से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज आये। इस अवधि में प्रयागराज सहित सम्पूर्ण प्रदेश में कहीं भी कोई लूट, दुष्कर्म, अपहरण, छेड़छाड़ आदि की घटना नहीं हुई, जिसके बारे में कोई शर्मिंदा महसूस करे। यही सामाजिक अनुशासन है। जाति, पंथ, सम्प्रदाय आदि के भेदभाव के बिना एकात्मकता का इससे अच्छा उदाहरण और कोई नहीं हो सकता है। देश की सीमाओं को लांघने वाले तथा ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के भाव को जागृत करने वाले महाकुम्भ ने दुनिया को एक नया संदेश दिया है। अन्त में श्री सुधीश पचौरी लिखते हैं कि क्या पता कि निन्दकों के प्रतिकार में इस महाकुम्भ में इतने रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु आए, ताकि दुनिया जान ले की समस्त हिन्दू समाज एक है।
जो लोग महाकुम्भ के आयोजन को किसी न किसी प्रकार से हतोत्साहित करना चाहते थे, उनको मुँहतोड़ जवाब देने के लिए जनता-जनार्दन प्रतिकार के रूप में वहां उपस्थित होती हुई दिखायी दी। महाकुम्भ ने एक नया हिन्दू विमर्श भी पैदा किया है कि हे पश्चिमी आधुनिकता, जिसे तूने दूषित किया, वह अब भी हमारे लिए पवित्र है। क्योंकि यही हमारी सुरसरि है, जो बहते-बहते हर एक व्यक्ति को पवित्र करती रहती है। विज्ञान भी तो यही कहता है कि बहता हुआ जल स्वयं को पवित्र करता रहता है। हमारी नदी संस्कृति भी यही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 में ‘नमामि गंगे परियोजना’ से पूर्व माँ गंगा की अविरलता के बारे में प्रश्न उठ रहे थे। प्रदेश में माँ गंगा बिजनौर से बलिया जनपद तक लगभग 1,000 किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक 2,500 किलोमीटर के दायरे में सबसे क्रिटिकल प्वाइण्ट कानपुर नगर था। कानपुर के सीसामऊ में वर्षों से प्रतिदिन 04 करोड़ लीटर सीवेज गंगा जी में उड़ेला जाता था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नमामि गंगे परियोजना को जमीनी धरातल उतारने के लिए हमें पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करायी। यद्यपि उनके द्वारा इस सम्बन्ध में धनराशि वर्ष 2015 में भी उपलब्ध करायी गई थी, लेकिन तत्कालीन सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने सीसामऊ के सीवर प्वाइण्ट को सेल्फी प्वाइण्ट बनाने का काम किया। आज कानपुर में सीवर का एक भी बूंद गंगा जी में नहीं जाता। गंगा जी में सीवर गिराने का कार्य अंग्रेजों के समय में किया गया था। पश्चिम के जो विचारक हमें उपदेश देते हैं, वह अपने पूर्व कृत्यों को नहीं देखते। सनातन धर्म के लिए माँ गंगा आज भी पवित्र हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्वयं के सैम्पल कलेक्शन होते थे। यहां लैब की व्यवस्था भी है। आबादी वाले क्षेत्रों में भैंसों तथा गायों द्वारा नदी के इस पार से उस पार जाने तथा नदी में नहाने से फीकल कॉलीफॉर्म की मात्रा बढ़ती है। संगम में लिए गए नमूने हमेशा बी0ओ0डी0, डी0ओ0 तथा फीकल कॉलीफॉर्म जैसे मानकों पर खरे उतरे हैं। प्रयागराज में गंगा जी में जनवरी से फरवरी तक लिया गया हर सैम्पल पास हुआ है। यह चीजें दिखाती हैं कि हमारी माँ गंगा या नदी संस्कृति हमेशा अपनी स्वच्छता का ध्यान रखती हैं। यही हमारी आजीविका तथा जीवन का आधार है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने भारत की विरासत को विकास के साथ जोड़ने का कार्य किया है। महाकुम्भ ने आस्था को आजीविका से जोड़ते हुए रोजगार के नए-नए साधन उपलब्ध कराए हैं। महाकुम्भ-2025 के माध्यम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त वृद्धि का अनुमान है। यह विरासत को विकास के साथ जोड़ने का परिणाम है। पूरी दुनिया ने महाकुम्भ के चमत्कार को देखा है। वर्ष 2019 के पूर्व काशी आने वाले श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों की संख्या अत्यन्त सीमित थी। श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर बनने के पश्चात आज काशी नए कलेवर के साथ दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 13 जनवरी से 28 फरवरी तक 45-50 दिनों में काशी श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों से भरी हुई थी। प्रतिदिन 05 लाख से 25 लाख तक श्रद्धालु वहां दर्शन व माँ गंगा में स्नान करते थे। काशी के कलेवर तथा कायाकल्प को देखकर अभिभूत होते थे। काशी के साथ-साथ प्रदेश व देश के विकास में भी अपना योगदान करते थे। काशीवासियों का धैर्य अत्यन्त अभिनन्दनीय है, जिनके लगभग डेढ़ माह तक आने-जाने के साधन बंद रहे। लेकिन उन्होंने धैर्य के साथ आतिथ्य सत्कार का नया उदाहरण प्रस्तुत किया है। हमारा काशी सबको गले लगाना जानती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या धाम में भी यही दृश्य था। वहां प्रतिदिन 05 लाख से 15 लाख श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन के लिए आते थे। उन श्रद्धालुओं ने सुविधाओं की परवाह नहीं की। वहां के नागरिकों तथा संतों ने भी अपनी सुविधा की परवाह नहीं की। आतिथ्य सत्कार के लिए वह हमेशा तत्पर रहते थे। प्रदेश में जिस-जिस जनपद से श्रद्धालु तथा पर्यटक गुजरे, वहां के लोगों ने आतिथ्य सत्कार के नए प्रतिमान स्थापित किये। विगत 28 जनवरी की शाम 05 बजे से लेकर 29 जनवरी तक प्रयागराज में भीड़ को देखते हुए अगल-बगल के जनपदों में लगभग दो लाख वाहन रोके गए। श्रद्धालुओं के लिए उन जनपदों में ही रहने तथा खाने-पीने की व्यवस्था वहां के स्थानीय नागरिकों द्वारा की गई, प्रशासन इस कार्य में सहयोगी की भूमिका निभा रहा था। आतिथ्य सत्कार का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है। कहीं कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हुई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ में 100 से अधिक देशों के लोग आए। महाकुम्भ में आस्था, आजीविका का आधार बनी। प्रयागराज के एक नाविक परिवार के पास 130 नौकाओं का बेड़ा है। उस परिवार ने नौवहन से 13 जनवरी से 26 फरवरी तक 30 करोड़ रुपये कमाए हैं। प्रतिदिन उनकी औसत कमाई लगभग 50 से 55 हजार रुपये थी। यह लोग प्रभु श्रीराम के मित्र निषादराज की परम्परा को उसी श्रद्धा भाव के साथ आज भी निर्वहन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डॉ0 राम मनोहर लोहिया ने भारत की एकात्मकता के तीन आधार बताए हैं। भगवान शिव, प्रभु श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण। भारत की जनता जब तक इन तीनों के प्रति श्रद्धा का भाव रखेगी, तब तक भारत को भारत बने रहने से दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती। डॉ0 लोहिया विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर संघर्ष करते हुए दिखाई देते थे। बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर ने शिल्पी के रूप में भारत का संविधान देशवासियों को प्रदान किया। भारत के संविधान को अंगीकार करने का यह अमृत महोत्सव वर्ष है। प्रधानमंत्री जी ने 26 नवम्बर की तिथि को संविधान दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया। प्रदेश सरकार ने तय किया है कि अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए प्रत्येक जनपद में बनने वाले छात्रावास बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर के नाम पर बनाए जाएंगे। डबल इंजन सरकार लखनऊ में बाबा साहब के अन्तरराष्ट्रीय स्मारक और सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण कर रही है। हम वहां से अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों को स्कॉलरशिप की सुविधा प्रदान करने जा रहे हैं। आंबेडकर महासभा इस अभियान को लेकर आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सावित्रीबाई फुले जी के नाम पर बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में छात्रावास का निर्माण किया गया है। कन्नौज के मेडिकल कॉलेज का नामकरण बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर के नाम पर पुनः किया गया है। इस बार के आम बजट में भी सामाजिक न्याय से जुड़े हुए सभी पुरोधाओं का सम्मान किया गया है। यह वर्ष लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयन्ती का वर्ष भी है। इनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए हम 07 स्थानों पर कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास की सुविधा देने जा रहे हैं। लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के नाम पर इन छात्रावासों का नामकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयन्ती का वर्ष भी है। सरदार पटेल के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए हम प्रत्येक जनपद में 100 एकड़ क्षेत्रफल में इम्प्लॉयमेण्ट जोन बनाने की कार्यवाही आगे बढ़ाने जा रहे हैं। भगवान बिरसा मुण्डा महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उन्होंने जनजातीय समाज को एक नई दिशा दी थी। वह विदेशी ताकतों के खिलाफ लड़े थे। उनकी 150वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में उनके नाम पर इमिलिया कोडर जनपद बलरामपुर में एक जनजातीय म्यूजियम का निर्माण किया गया है। मीरजापुर और सोनभद्र में भी इस प्रकार के म्यूजियम के निर्माण के लिए कार्यक्रम को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। सरकार द्वारा विरासत को विकास से जोड़ते हुए एक सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी तथा लोकमंगल की कामना से युक्त बजट को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह वर्ष श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मशताब्दी वर्ष भी है। हर नगर निकाय में अटल जी के नाम पर एक-एक डिजिटल लाइब्रेरी बनाने के लिए बजट में धनराशि का प्राविधान किया गया है। श्रृंग्वेरपुर में निषादराज के नाम पर एक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री जी ने 13 दिसम्बर, 2024 को प्रयागराज में विभिन्न परियोजनाओं के लोकार्पण के अवसर पर इसका भी लोकार्पण किया है। श्रावस्ती और बहराइच में महाराजा सुहेलदेव के नाम पर विजय स्मारक का निर्माण किया गया है। ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ का कथन करने वाले संत रविदास की पावन जन्मभूमि सीर गोवर्धन में उनकी प्रतिमा स्थापित करने तथा भव्य कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। दुनिया का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य रचने वाले त्रिकालदर्शी ऋषि महर्षि वाल्मीकि की पावन साधना स्थली लालापुर के सौन्दर्यीकरण तथा श्रीरामचरितमानस की रचना करने वाले संत तुलसीदास से सम्बन्धित राजापुर का विकास किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमारी सरकार ने 9वां बजट प्रस्तुत किया है। इन सभी बजट की अलग-अलग थीम रही है। पहला बजट अन्नदाता किसान को समर्पित था। वर्ष 2017 में किसानों के कर्ज माफी के साथ-साथ अनेक अन्य योजनाएं घोषित की गई थीं। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश का अन्नदाता किसान आत्महत्या को मजबूर था। आज अन्नदाता किसान खुशहाल है। दूसरा बजट प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास पर समर्पित था। यह विषय किसी भी विकसित देश व प्रदेश की आधारशिला का कार्य करता है। यह नये रोजगार का सृजन भी करता है। तीसरा बजट प्रदेश की मातृशक्ति को समर्पित किया गया था। महिला सशक्तिकरण को लेकर मिशन शक्ति के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया था। चौथा बजट युवा शक्ति को समर्पित किया गया था।
इसमें स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के अन्तर्गत 02 करोड़ युवाओं को स्मार्टफोन व टैबलेट वितरण के कार्यक्रम तथा प्रदेश में रोजगार सृजित करने के अनेक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया गया। वर्ष 2021-22 का बजट ‘स्वावलम्बन से सशक्तीकरण’, वर्ष 2022-23 का बजट ‘अन्त्योदय से आत्मनिर्भरता’ तथा वर्ष 2023-24 का बजट ‘त्वरित, समावेशी एवं समग्र विकास’ को समर्पित था। वर्ष 2024-25 का बजट अयोध्या में 500 वर्षों के बाद प्रभु श्रीरामलला के विराजमान होने के उपलक्ष्य में रामराज्य की अवधारणा के साथ लोकमंगल की कामना से प्रस्तुत किया गया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2025-26 का यह बजट ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया’ के भाव से ‘वंचित को वरीयता’ की थीम पर प्रस्तुत किया गया है। वंचित को वरीयता देने के लिए सरकार ने जो कदम बढ़ाए हैं, उससे देश में 10 वर्षों में 25 करोड लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं। प्रदेश में विगत 08 वर्षों में किए गए प्रयासों से 06 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में मदद मिली है। बजट के माध्यम से अन्त्योदय से एक उन्नत अर्थव्यवस्था, ईज़ ऑफ लिविंग से ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस, कृषि से गरीब कल्याण, आस्था से आजीविका, शिक्षा से स्वावलम्बन, संस्कृति से समृद्धि तथा महिला सशक्तीकरण के संकल्प को समृद्ध करते हुए एक विकसित उत्तर प्रदेश की आधारशिला रखी गयी है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए कार्य करना प्रारम्भ भी कर दिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 के इस बजट का आकार 08 लाख 8,736 करोड़ रुपये है। वर्ष 2016-17 की तुलना में इस बार का बजट लगभग ढाई गुना तथा वर्ष 2024-25 की तुलना में यह लगभग 10 फीसदी अधिक है। यह बजट अन्तिम पायदान पर विकास की पहुंच करने, प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट, आमजन के जीवन स्तर को ऊपर उठाने, प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के साथ ही, आर्थिक विकास को तेज करने के लिए सरकार की ईमानदार प्रतिबद्धता को व्यक्त करता है। बजट में 2,25,000 करोड़ रुपये केवल कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए है। कैपिटल एक्सपेंडिचर बुनियादी ढांचे का विकास करता है एवं विकास की गति को तीव्र करता है। यह अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करता है और रोजगार के अनेक अवसरों का सृजन करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश हर दिशा में आगे बढ़ा है। वर्ष 2016-17 की तुलना में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को दोगुने से अधिक करने में हमें सफलता प्राप्त हुई है। प्रदेश में बजट के दायरे को बढ़ाया जा रहा है। इसके साथ ही, राजकोषीय घाटे को भी नियंत्रित किया गया है। यह राजकोषीय एवं वित्तीय अनुशासन का सबसे अच्छा उदाहरण माना जाता है। रिजर्व बैंक द्वारा इसकी एक सीमा तय की गई है। हमारा राजकोषीय घाटा तय सीमा 03 प्रतिशत से कम 2.97 प्रतिशत है, जबकि प्रदेश के बजट का दायरा लगातार बढ़ाया जा रहा है। यह भी तब हो रहा है, जब विगत 08 वर्षों से प्रदेश सरकार द्वारा कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा डीजल और पेट्रोल पर लगाए गए वैट को भी कम किया गया है। यह सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार पर प्रहार किया है। लीकेजेज पर रोक लगायी है। इसका परिणाम है कि बजट के दायरे को बढ़ाया जा सका है। विकास एवं लोक कल्याण के लिए धनराशि दी गई है। प्रत्येक विभाग की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया गया है। प्रदेश में विकास के लिए धन की कमी नहीं है। प्रदेश सरकार ने विगत 08 वर्षों से राज्य में पारदर्शी व्यवस्था की है। कार्य पूर्ण करने की गारण्टी के साथ प्रदेश में सभी कार्य किए जा रहे हैं। नीति आयोग ने राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश को देश में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में रखा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश 25 करोड़ की आबादी वाला राज्य है। यह एक रेवेन्यू सरप्लस स्टेट भी है। पिछली सरकारों में कोई बैंक लोन देने को तैयार नहीं होता था एवं कोई भी निवेशक निवेश करने को तैयार नहीं था। आज बैंक द्वारा लोन आसानी से मिल जाता है। आज प्रदेश के नागरिकों को सम्मान की नजरों से देखा जाता है। राज्य का परसेप्शन बदला है। उत्तर प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट नहीं है। यह आज के उत्तर प्रदेश की पहचान है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा की नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2022-23 की अवधि में प्रदेश का फिस्कल हेल्थ इण्डेक्स 8.9 अंकों के साथ आगे बढ़ा है। प्रदेश में वर्ष 2018 से वर्ष 2023 की अवधि में कैपिटल एक्सपेंडिचर 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ने अपनी वर्ष 2024-25 की रिपोर्ट में कहा है कि देश के सभी राज्यों की स्वयं के कर से आय में उत्तर प्रदेश का अंश वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में क्रमशः 9.9 प्रतिशत, 10.5 प्रतिशत और 11.6 प्रतिशत रहा है। यह लगातार बढ़ोत्तरी की तरफ है।
आर0बी0आई0 ने कहा है कि उक्त वर्षों में सभी राज्यों में राजस्व प्राप्ति के सापेक्ष ब्याज पर व्यय अन्य राज्यों में 12.6 फीसदी, 12.3 फीसदी व 12.1 फीसदी है। जबकि उत्तर प्रदेश में यह क्रमशः 10.3 प्रतिशत, 9.4 प्रतिशत तथा 8.9 प्रतिशत है। प्रदेश सरकार इसमें लगातार नीचे की ओर अग्रसर है, क्योंकि हम कर्ज कम ले रहे रहे हैं। प्रदेश सरकार के पास रेवेन्यू है और हम अपने राजस्व का उपयोग प्रदेश के विकास में कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1950 से वर्ष 2017 तक उत्तर प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 12.75 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच पायी थी। हमनें प्रदेश की जी0एस0डी0पी0 वर्ष 2017 से अब तक 27.51 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचायी है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक इसे 32 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ब्रिटेन ने भारत पर 200 वर्षाें तक शासन किया था। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत ब्रिटेन को पछाड़ कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में वर्ष 2027 में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की नई संस्कृति दी है। भारत की अर्थव्यवस्था का दायरा बढ़ेगा, तो यहां पर पूंजीगत निवेश तथा वेलफेयर स्कीम के लिए कर्ज का दायरा भी बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2023-24 में देश की जी0डी0पी0 9.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, जबकि उत्तर प्रदेश की जी0डी0पी0 11.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने जो कदम उठाए हैं, इसके बेहतरीन परिणाम आए हैं। उत्तर प्रदेश में डिजिटल मेकैनिज्म लागू किए जाने से शासन में ट्रांसपैरेंसी आयी है। महाकुम्भ के दौरान उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों से आए लोगों को यहां डीजल और पेट्रोल सस्ता मिलता था। प्रदेश में डीजल व पेट्रोल के दाम देश में सबसे कम हैं। इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश तीव्र गति से विकास कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017-18 में 122.84 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए थे। वर्ष 2024 के दौरान 1024.41 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए हैं। इसमें आधे से अधिक लेन-देन यू0पी0आई0 के माध्यम से हुआ है। यह कई गुना बढ़ा है। उत्तर प्रदेश डिजिटल लेन-देन में पूरे देश में नम्बर एक स्थान पर है। इसके लिए बैंक की शाखाएं खोली गई। प्रदेश में 20,416 बैंक शाखाएं, 04 लाख 932 बैंक मित्र, 18,747 ए0टी0एम0, 04 लाख 40 हजार से अधिक बैंकिंग केन्द्र हैं, जो लोगों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। डी0बी0टी0 के माध्यम से लोगों तक सीधे पैसा पहुंचाने में उत्तर प्रदेश, देश में नम्बर वन पर है। 11 विभागों की 207 योजनाओं में से 113 केन्द्रीय योजनाएं एवं 94 राज्य सेक्टर से जुड़ी योजनाएं हैं, जिनके माध्यम से 09 करोड़ 08 लाख से अधिक लोगों को 1,11,637 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे उनके खाते में किया गया है। प्रदेश में एफ0डी0आई0 को भी आमंत्रित करने में सफलता मिली है। अप्रैल 2000 से लेकर वर्ष 2017 तक 3,303 करोड़ रुपये का एफ0डी0आई0 प्रदेश में आया था। प्रदेश में वर्ष 2017 से वर्ष 2024 के बीच 17,008 करोड़ रुपये से अधिक का एफ0डी0आई0 आया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बैंकिंग तंत्र अर्थव्यवस्था को एक नई गति देता है। यह अर्थव्यवस्था की रीढ़ का काम करता है। निवेश में इसकी बड़ी भूमिका होती है। वर्ष 2016-17 तक उत्तर प्रदेश के बैंकों में मात्र 12 लाख 75 हजार करोड़ रुपये जमा होते थे। वर्ष 2024-25 में यही धनराशि बढ़कर 29 लाख 66 हजार करोड़ रुपये हो गयी। प्रदेश में सी0डी0 रेशियो वर्ष 2017 तक मात्र 44 प्रतिशत था। यह बढ़कर वर्तमान मंे 61 प्रतिशत हो गया है। आर0बी0आई0 के अनुसार बैंक और वित्तीय संस्थानों से प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के लिए फण्ड आकर्षित करने में 16.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना में उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में द्वितीय स्थान पर है। पी0एम0 स्वनिधि योजना में सर्वाधिक स्ट्रीट वेण्डर को लोन दिलाने में उत्तर प्रदेश नम्बर एक पर है। पूरे देश में 07 करोड़ 40 लाख लोग आयकर रिटर्न भरते हैं, इसमें से उत्तर प्रदेश के 71 लाख 65 हजार लोग इनकम टैक्स भरते हैं। विगत सरकारों में प्रदेश में बेरोजगारी की दर 17 प्रतिशत थी, आज यह 03 प्रतिशत है। यह दर्शाता है कि प्रदेश में रोजगार का सृजन हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अनन्त सम्भावनाओं वाला राज्य है। देश की सबसे अच्छी कृषि भूमि उत्तर प्रदेश के पास है। एम0एस0एम0ई0 की सर्वाधिक इकाइयां, जल संसाधन, सबसे अधिक रेल नेटवर्क की सुविधा उत्तर प्रदेश में है। सबसे बड़ी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक ग्रोथ पावर भी है। पूर्ववर्ती सरकारों में किसान आत्महत्या करते थे, हमारे युवा पलायन करते थे, कानून-व्यवस्था की स्थिति अत्यन्त बदहाल थी। प्रदेश में हर दूसरे-तीसरे दिन दंगे होते थे। उत्तर प्रदेश में पहले व्यक्ति ही सुरक्षित नहीं था, तो उसकी पूंजी कैसे सुरक्षित रहती। इसीलिए उत्तर प्रदेश में पहले कोई निवेशक नहीं आता था।
  मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कनेक्टिविटी औद्योगिक निवेश की रीढ़ है। उत्तर प्रदेश में विगत 08 वर्षाें में जल, थल और नभ में बेहतर कनेक्टिविटी हुई है। उत्तर प्रदेश लैण्डलॉक्ड स्टेट के रूप में जाना जाता था। प्रधानमंत्री जी के हम सभी आभारी हैं, जिन्होंने हल्दिया से वाराणसी तक राष्ट्रीय जलमार्ग-01 विकसित करने का कार्य किया। आज उत्तर प्रदेश लैण्डलॉक्ड स्टेट की संज्ञा से उबर चुका है। राष्ट्रीय जलमार्ग-01 के माध्यम से आज उत्तर प्रदेश पूर्वी बंदरगाहों से जुड़ चुका है। ईस्टर्न एण्ड वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन उत्तर प्रदेश में है। उत्तर प्रदेश से ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 56 प्रतिशत भाग गुजरता है। यह कॉरिडोर माल परिवहन को तीव्र करने में सहायक सिद्ध हुआ है। वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर मुम्बई बंदरगाह की कनेक्टिविटी को सुगम करता है, जिसका भी एक बड़ा भाग उत्तर प्रदेश से होकर जाता है।
उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद देश के 55 प्रतिशत एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के पास होंगे। रेलवे का सबसे बड़ा नेटवर्क उत्तर प्रदेश के पास है। मेट्रो की सुविधा वाले सर्वाधिक शहर उत्तर प्रदेश के पास है। देश की पहली रैपिड रेल उत्तर प्रदेश में संचालित है। 12-लेन का दिल्ली-मेरठ, एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के पास है। यह सभी डबल इंजन सरकार की ताकत हैं। इसीलिए औद्योगिक निवेश की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने इनलैण्ड वॉटर-वे अथॉरिटी का गठन किया है। यह बलिया से अयोध्या के बीच और काशी से प्रयागराज के बीच में वॉटर-वे की सम्भावनाओं को तीव्र गति से आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने कुछ नए एक्सप्रेस-वे की घोषणा और उनके लिए धनराशि की व्यवस्था इस बजट में की है। गंगा एक्सप्रेस-वे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के साथ, फर्रुखाबाद होते हुए, जोड़ने की व्यवस्था इस बजट में की गई है। गंगा एक्सप्रेस-वे को, मीरजापुर-भदोही-वाराणसी-चन्दौली होते हुए, गाजीपुर से जोड़ने का कार्य किया जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को चन्दौली-सोनभद्र से जोड़ने का कार्य किया जाएगा। गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज से चित्रकूट तक बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ जोड़ने का कार्य किया जाएगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे को मेरठ से हरिद्वार के बीच में गंगा जी के समानान्तर जो भी जनपद आएंगे, उन्हें शामिल करते हुए कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा। हमारा प्रयास होगा कि एन0जी0टी0 की सहमति के साथ इसके एलाइनमेण्ट में शुकतीर्थ व विदुर कुटी भी शामिल हांे, क्योंकि दोनों हमारे पौराणिक तीर्थ हैं। यह तीर्थ भारत की विरासत के प्रतीक हैं। प्रयागराज में गंगा जी तथा यमुना जी में बने पुलों के समानान्तर 02 नए पुल बनाने के लिए 700 करोड़ रुपये की व्यवस्था इस बजट में की गई है। जेवर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का ट्रायल चल रहा है। हमारा प्रयास है कि यह एयरपोर्ट इसी वर्ष क्रियाशील हो जाए। यह भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा।
    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की बेहतरीन कानून-व्यवस्था का परिणाम है कि 45 लाख करोड़ रुपये के एम0ओ0यू0 में से 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतारे जा चुके हैं। इनमें से कई इकाइयां अपना प्रोडक्शन प्रारम्भ कर चुकी हैं और 60 लाख से अधिक युवा नौकरी और रोजगार से जुड़ चुके हैं। गोरखपुर में अब तक 15,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश धरातल पर उतर चुके हैं। वाराणसी में एक फ्रेट विलेज भी विकसित हो रहा है, जो लॉजिस्टिक्स की दृष्टि से पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के कार्गो को पूर्वी बंदरगाह हल्दिया तक पहुंचाने का बेहतरीन माध्यम बनेगा। इसके अलावा, प्रदेश में ग्राम जोड़ो योजना के अन्तर्गत कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है। निवेश लागू करने के लिए 33 सेक्टोरियल पॉलिसी बनाई गई हैं।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना व ओ0डी0ओ0पी0 योजना ने उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान दी है। प्रधानमंत्री मित्र योजना के अन्तर्गत लखनऊ-हरदोई बॉर्डर पर 1,200 एकड़ क्षेत्रफल में एक मेगा टेक्सटाइल पार्क बनाया जा रहा है। 10 जनपदों में संत कबीर दास जी के नाम पर टेक्सटाइल पार्क बनाए जाएंगे। साथ ही, 02 जनपदों में संत रविदास जी के नाम पर लेदर पार्क बनाए जाएंगे। इनके लिए बजट में धनराशि की व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश में 96 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयां हैं। रजिस्ट्रेशन कराने वाली एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को 05 लाख रुपये के बीमा की सुविधा प्रदान करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ईमानदारीपूर्वक पहल की गई हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में प्रदेश में लगातार कार्य किये जा रहे हैं। निवेश मित्र पोर्टल संचालित किया जा रहा है। निवेश सारथी पोर्टल के माध्यम से निवेश की मॉनिटरिंग की जा रही है। जब कोई यूनिट अपना प्रोडक्शन प्रारम्भ करती है, तो सरकार द्वारा इन्सेन्टिव प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने जो मेकैनिज्म तैयार किया है, वह हर एक निवेशक को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। जो उत्तर प्रदेश कभी देश के विकास में ब्रेकर माना जाता था, आज वही उत्तर प्रदेश भारत की इकोनॉमी का ब्रेकथ्रू माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश, भारत की इकोनॉमी का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है, जो विगत 08 वर्षों में किए गए प्रयासों का परिणाम है।
वर्ष 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश में विद्युत व्यवस्था अत्यन्त बदहाल स्थिति में थी। राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश के पावर प्रोडक्शन को बढ़ाने के साथ ही यहां की बिजली खपत को भी बढ़ाया है। पहले 16,000 मेगावॉट की विद्युत खपत हो पाती थी, आज वह पीक सीजन में 33,000 मेगावॉट तक पहुंच चुकी है। प्रदेश के सभी जनपदों में बिना भेदभाव के विद्युत का वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में ग्रीन एनर्जी का उत्पादन बढ़ा है। अयोध्या सोलर सिटी के रूप में विकसित हो रही है। राज्य सरकार ने 17 नगर निगमों को भी सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कृषि और अन्नदाता किसान राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं। हमारा अन्नदाता किसान जब अपना पसीना बहाता है, तब देश का पेट भरता है। अन्नदाता किसान की मेहनत का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2016-17 में 8.6 प्रतिशत की कृषि विकास दर आज बढ़कर लगभग 14 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश सरकार ने किसानों की फसल ऋण माफी के कार्य को आगे बढ़ाया था। प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सफलतापूर्वक क्रियान्वित की जा रही हैं। प्रदेश में 14 लाख निजी ट्यूबवेल्स के माध्यम से निःशुल्क सिंचाई की व्यवस्था देने का कार्य किया है।
एम0एस0पी0 का डेढ़ गुना दाम अन्नदाता किसानों को मिल सके, इसके लिए कार्य किए गए हैं। 400 लाख टन फल और सब्जी उत्पादन के साथ उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2016-17 में कुल खाद्यान्न उत्पादन उत्तर प्रदेश में 557 लाख मीट्रिक टन होता था, जो बढ़कर आज लगभग 667.39 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचा है। अर्थात इसमें 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। वर्तमान राज्य सरकार खाद्यान्न की खरीद सीधे किसानों से कर रही है, जबकि पिछली सरकारों में यह खाद्यान्न बिचौलियों के माध्यम से खरीदा जाता था।
वर्ष 2016-17 में खाद्यान्न उत्पादन प्रति हेक्टेयर 27.25 कुन्तल था। अच्छे बीज, खाद व तकनीक के उपयोग के परिणामस्वरूप खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2023-24 में बढ़कर 30.52 कुन्तल प्रति हेक्टेयर हो गया है। तिलहन उत्पादकता वर्ष 2016-17 में
12.40 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 28.31 लाख मीट्रिक टन हो गई है। यह उत्पादकता 128 प्रतिशत बढ़ी है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ प्रदेश के ढाई करोड़ किसान प्राप्त कर रहे हैं। गन्ना किसानों को राज्य सरकार ने वर्ष 2017 से अब तक 2,73,000 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। यह भुगतान वर्ष 1995 से वर्ष 2017 के मध्य 22 वर्षों में हुए गन्ना मूल्य के भुगतान से 60,000 करोड़ रुपये अधिक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 119 चीनी मिलें क्रियाशील हैं। राज्य सरकार ने 03 नई चीनी मिलों की स्थापना की है। 06 चीनी मिलों का पुनर्संचालन तथा 38 चीनी मिलों की क्षमता में विस्तार किया है। इसके माध्यम से रोजगार सृजन में भी राज्य सरकार को सफलता प्राप्त हुई है। प्रदेश में 285 नई खाण्डसारी इकाइयों की स्थापना की गई है, जिसके माध्यम से लगभग 42,000 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हुआ है। प्रदेश सरकार ने इस बजट में कुछ चीनी मिलों की क्षमता में वृद्धि के लिए प्रावधान किया है। प्रदेश में वर्ष 2017 में 42 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन होता था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 177 करोड़ लीटर हो गया है। एथेनॉल उत्पादन में उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के बीच 19 लाख किसानों से कल 94.38 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया, यह गेहूं खरीद बिचौलियों के माध्यम से की गई और इसके लिए 12,808 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं वर्ष 2017 से वर्ष 2024 के मध्य राज्य सरकार ने 49,69,576 किसानों से 233.99 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की और डी0बी0टी0 के माध्यम से 43,424 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे किसानों को किया गया। यह भुगतान पिछली सरकार में किए गए भुगतान की तुलना में लगभग साढे़ तीन गुना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य 14 लाख 87 हजार किसानों से 123 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई और इसके एवज में 17,190 करोड़ रुपये का भुगतान बिचौलियों के माध्यम से किया गया। वहीं वर्ष 2017 से वर्ष 2024 के बीच वर्तमान प्रदेश सरकार ने 69 लाख 82 हजार 716 किसानों से 456.86 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की है, जो वर्ष 2012 से वर्ष 2017 की तुलना में तीन गुना अधिक है। इन किसानों को 88 हजार 746 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया गया है। यह भुगतान वर्ष 2012 से वर्ष 2017 की तुलना में 05 गुना अधिक है। इसी प्रकार राज्य सरकार किसानों से बाजरा, ज्वार व मक्का की भी खरीद कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के किसानों को ग्लोबल वॉर्मिंग के दुष्प्रभावों से बचाने के उद्देश्य से उन्नत किस्म के बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने लखनऊ में 251 करोड़ रुपये की लागत से भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी के सम्मान में एक सीड पार्क की स्थापना का निर्णय लिया है। इसके लिए बजट में व्यवस्था की गई है। अन्नदाता किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र सहित प्रदेश के 26 जनपदों में यू0पी0 एग्रीज योजना के अन्तर्गत लगभग 4,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना को आगे बढ़ाया है। इससे कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर जनपद की प्रमुख मण्डी में माता शबरी के नाम पर एक कैण्टीन और एक विश्रामालय स्थापित किया जाएगा। इस कैण्टीन में सस्ती दरों पर अन्नदाता किसानों को भोजन व जलपान उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना योजना के अन्तर्गत प्रदेश सरकार ने किसान, किसान के परिवार के सदस्य के साथ-साथ बटाईदारों को भी इस योजना में शामिल किया है। इस योजना के लिए इस वित्तीय वर्ष के बजट में 1,050 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित 7,713 गो-आश्रय स्थलों में लगभग 12 लाख 50 हजार गोवंश संरक्षित हैं। मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के अन्तर्गत लगभग 01 लाख 05 हजार पशुपालकों को 1,63,000 गोवंश सुपुर्द किए गए हैं। इस बार भी निराश्रित गोवंशों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है।
शिक्षा और स्वास्थ्य मानव पूंजी का पोटेंशियल माना जाता है। शिक्षा रोजगार और उद्यमिता प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। राज्य सरकार ने इन कार्यक्रमों को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया है। ऑपरेशन कायाकल्प में 95 प्रतिशत से अधिक परिषदीय विद्यालय लाभान्वित हुए हैं। परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की है। पी0एम0श्री योजना हेतु 580 करोड़ रुपये तथा प्राथमिक विद्यालयों को स्मार्ट स्कूल में बदलने के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था इस बजट में की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एन0सी0सी0 अकादमी के निर्माण के लिए बजट में प्राविधान किया गया है। राजकीय पॉलीटेक्निक में न्यू एज कोर्सेज को बढ़ावा देने तथा तकनीक को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था इस बजट में की गई है। वाराणसी और आगरा में साइंस सिटी और नक्षत्रशाला के निर्माण के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अन्तर्गत बजट में 427 करोड़ रुपये की व्यवस्था युवाओं के प्रशिक्षण के लिए की गई है। इस बजट में वानकी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के लिए भी बजट में धनराशि की व्यवस्था की गई है। आउटसोर्सिंग कर्मियों की नियुक्ति आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए हो, इसके लिए प्रदेश सरकार एक निगम गठित करने जा रही है। आउटसोर्सिंग कर्मियों का न्यूनतम मानदेय 16,000 रुपये से 18,000 रुपये डी0बी0टी0 के माध्यम से उनके बैंक खाते में सीधे जाएगा। राज्य सरकार शोषण और भ्रटाचार मुक्त व्यवस्था देने का कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में मेडिकल क्षेत्र व स्वास्थ्य सेक्टर में कई कार्य हुए हैं। प्रत्येक जनपद में डायलिसिस, सी0टी0 स्कैन, एम0आर0आई0 की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। वर्ष 1950 से वर्ष 2017 तक प्रदेश में कुल 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज बन पाए थे। आज प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। इनमें राज्य सरकार द्वारा 44 मेडिकल कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं तथा 36 मेडिकल कॉलेज निजी क्षेत्र चलाए जा रहे हैं। जनपद बलिया व बलरामपुर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए बजट में धनराशि की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 08 वर्षों में राज्य सरकार ने 125 नए नगर निकाय गठित किए हैं। उत्तर प्रदेश में देश की सर्वाधिक स्मार्ट सिटी है। प्रदेश में केन्द्र सरकार द्वारा 10 तथा राज्य सरकार के स्तर पर 07 स्मार्ट सिटी बनायी गई हैं। गौतमबुद्धनगर को शामिल करते हुए वर्तमान में प्रदेश में 18 स्मार्ट सिटी हैं, जो सेफ सिटी से भी जुड़ी हुई हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ के माध्यम से प्रयागराज का इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर हुआ है। प्रयागराज की तर्ज पर ही इस बार 03 अन्य शहरों कानपुर, मथुरा-वृन्दावन तथा मेरठ का विकास किया जाएगा। इसके लिए एकमुश्त धनराशि दी जाएगी। इस बजट में जिला मुख्यालय के नगर निकायों को भी स्मार्ट सिटी की भांति विकसित करने तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है। जल-जमाव से मुक्ति के लिए अर्बन फ्लड एण्ड स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज स्कीम के लिए भी 1,000 करोड़़ रुपये की व्यवस्था बजट में है। देश के अंदर पहली रैपिड रेल दिल्ली से गाजियाबाद के बाद इस वर्ष मेरठ तक पूरी हो जाएगी। अमृत-2 के अन्तर्गत नगरीय क्षेत्रों में पेयजल की स्कीम को आगे बढ़ाने के लिए 4,100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ को स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में विकसित करने के लिए बजट व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट स्कीम के अन्तर्गत 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में उत्सव भवन के निर्माण हेतु व्यवस्था की जा रही है, जिसमें शादी, मांगलिक या कोई अन्य कार्यक्रम किए जा सकेंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक 36 लाख से अधिक आवासों का निर्माण हो चुका है। इसके अन्तर्गत इस वर्ष 4,882 करोड़़ रुपये और मुख्यमंत्री आवास योजना में 1,200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
हर ग्राम पंचायत में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना के लिए 445 करोड़़ रुपये, अन्त्येष्टि स्थलों के लिए 244 करोड़ रुपये, ग्रामीण स्टेडियम के लिए 25 करोड़ रुपये तथा पंचायत पुरस्कार के लिए 85 करोड़ रुपये तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए भी 1,088 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। आशा, आंगनबाड़ी, ए0एन0एम0, होमगार्ड्स, पी0आर0डी0 जवान, शिक्षामित्र, ग्राम चौकीदार, बेसिक शिक्षा विभाग के अनुदेशक और अनुबन्धित कार्मिक, इन सभी को आयुष्मान भारत या मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 05 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए अनेक प्राविधान किए हैं। प्रयागराज महाकुम्भ ने दुनिया को इसका एक नया रास्ता दिखाया है कि आस्था भी आजीविका और अर्थव्यवस्था का आधार बन सकती है। प्रयागराज महाकुम्भ ने यह सिद्ध किया कि आस्था, अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का सबसे सशक्त माध्यम है। हमारी सरकार ने महाकुम्भ के आयोजन के लिए साढ़े सात हजार करोड़ रुपये खर्च किए। इसके बदले में प्रदेश को साढे़ तीन लाख करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त होने जा रहा है। इसीलिए सरकार ने प्रदेश में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए अनेक घोषणाएं की हैं।
इनमें अयोध्या में पर्यटन सुविधाओं के लिए 150 करोड़ रुपये, मथुरा-वृन्दावन के लिए 100 करोड़ रुपये, बांके बिहारी मंदिर और मथुरा-वृन्दावन कॉरिडोर के विकास के लिए 150 करोड़ रुपये, मीरजापुर के लिए 200 करोड़ रुपये, नैमिषारण्य में पर्यटन विकास के लिए 100 करोड़ रुपये और वेद विज्ञान केन्द्र के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये सहित चित्रकूट के विकास के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के उन सभी प्रमुख स्थलों को, जो आस्था के केन्द्र हैं, उन्हें पर्यटन विकास की दृष्टि से आगे बढ़ाकर हम उत्तर प्रदेश में आस्था और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का काम करेंगे। सरकार इस दिशा में आगे बढ़ी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में सरकार सामाजिक सेक्टर में 01 करोड़ 04 लाख से अधिक निराश्रित महिला, वृद्धजन एवं दिव्यांगजन को 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष पेंशन की सुविधा उपलब्ध करा रही है। सरकार ने इस बजट में जीरो पॉवर्टी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। पहले चरण में किए गए सर्वे से 13 लाख 57 हजार परिवार आच्छादित हो रहे हैं। इन्हें 100 प्रतिशत सैचुरेशन के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। 17 योजनाओं को कन्वर्जन के माध्यम से ऐसे परिवारों को देने और जो किसी भी स्कीम से आच्छादित नहीं होंगे, उनके लिए अलग से धनराशि की व्यवस्था की गई है। इसके पहले, सरकार ने मुसहर, वनटांगिया, थारू, कोल, सहरिया, गोंड, चेरो व बुक्सा समुदाय को शत-प्रतिशत आच्छादित करने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 में 09 लाख 66 हजार 706 निराश्रित महिलाओं को पेंशन मिलती थी, वर्तमान में हम 34 लाख 14 हजार निराश्रित महिलाओं को पेंशन दे रहे हैं। वर्ष 2017 में 36 लाख 52 हजार 607 लोगों को वृद्धावस्था पेंशन दी जाती थी, वर्तमान में 60 लाख 99 हजार 900 लोगों को यह पेंशन दी जा रही है। वर्ष 2017 में 08 लाख 75 हजार 942 लोगों को दिव्यांगजन पेंशन दी जाती थी, वर्तमान में यह पेंशन 11 लाख 3 हजार 439 लोगों को दी जा रही है। वर्ष 2017 में 4,765 लोगों को कुष्ठावस्था पेंशन दी जा रही थी, वर्तमान में 12,361 लोगों को कुष्ठावस्था पेंशन प्रदान की जा रही है। कृष्ण कुटीर, वृन्दावन में 1,000 निराश्रित तथा असहाय महिलाओं के रहने तथा खाने की व्यवस्था निःशुल्क है। प्रदेश के 04 अन्य स्थानों पर ऐसे स्थल के निर्माण के लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है। बुजुर्ग लोगों के लिए ओल्ड ऐज होम के निर्माण के लिए धनराशि की व्यवस्था बजट में की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सभी छात्रों को स्कॉलरशिप के साथ ही उनकी शुल्क प्रतिपूर्ति का कार्य केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर करती है। सामान्य वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति हेतु 900 करोड़ रुपये और पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए 2,825 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 08 मार्च को विश्व महिला दिवस है। राज्य सरकार मातृशक्ति के प्रति सम्मान का भाव रखते हुए उनकी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन के लिए अनेक कदम उठा रही है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 96 लाख से अधिक महिलाएं आर्थिक स्वावलम्बन के पथ पर अग्रसर हुई हैं। 39,556 बी0सी0 सखी ने 31,103 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय लेन-देन किया है। इन्हांेने 84 करोड़ 38 लाख रुपये का शुद्ध लाभांश भी अर्जित किया है। लखपति दीदी योजना के अन्तर्गत 31 लाख से अधिक दीदी को चिन्हित किया गया है। 02 लाख से अधिक महिलाएं लखपति की श्रेणी में आ चुकी है। इसके पहले सरकार ने वीरांगना ऊदा देवी, वीरांगना झलकारी बाई और वीरांगना अवन्ती बाई के नाम पर पी0ए0सी0 की तीन नई बटालियन गठित की है। इस बजट में सरकार मेधावी बालिकाओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना लेकर आई है। इसके लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत पहले 35 हजार रुपये दिए जाते थे। इसे बढ़ाकर 51 हजार रुपये किया गया था। इस बजट में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 01 लाख रुपये की घोषणा की गई है। पहले विधवा पुनर्विवाह प्रोत्साहन के लिए 11 हजार रुपये तथा विधवाओं की पुत्री के विवाह के लिए 10 हजार रुपये की सहायता दी जाती थी। अब इन्हें भी एक-एक लाख रुपये दिए जाने की व्यवस्था बजट में की गई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और सहायिकाओं को अतिरिक्त मानदेय दिए जाने के लिए 971 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ में सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं से 45 दिनों में देश और दुनिया के करोड़ों लोग आए। इस दौरान कोई भी आपराधिक घटना घटित नहीं हुई। जो भी वहां आया अभिभूत होकर गया। प्रदेश में कानून-व्यवस्था के बेहतर माहौल के लिए सरकार ने पुलिस रिफॉर्म किए तथा उनके इन्फ्रास्ट्रक्चर की दिशा में कदम बढ़ाए। इसके परिणाम भी सामने आए। वर्ष 2017 से अब तक हमने 91 अग्निशमन केन्द्र स्वीकृत किए, ए0टी0एस0 की 05 नई यूनिट गठित की गई, एस0एस0एफ0 की दो नई वाहिनियां और एस0टी0एफ0 की 06 नई यूनिट गठित की गई। 21 क्षेत्राधिकारियों के लिए आवास और 22 कार्यालय का निर्माण किया गया। प्रदेश में 33 चौकियां, 77 नए थाने, 97 प्रशासनिक भवन और 947 थानों में बैरक आदि का निर्माण किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पी0ए0सी0 की 36 वाहिनियों में बैरक बनाए गए। 05 पी0ए0सी0 वाहिनियों में आवासीय और अनावासीय भवनों की व्यवस्था की गई। हमारी सरकार ने 08 नई पुलिस लाइन का निर्माण भी किया। 41 पुलिस लाइन में ट्रांजिट हॉस्टल के निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध कराई गई। पुलिस लाइन में 56 पुरुष हॉस्टल और 63 स्थानों पर महिला हॉस्टल उपलब्ध कराए गए। पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों के 08 अनावासीय भवनों के निर्माण और आवासीय व्यवस्था के लिए भी धनराशि उपलब्ध करायी गई। लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज का निर्माण कर इसे संचालित किया गया। 05 नए महिला थानों और 15 महिला पुलिस चौकी के निर्माण के लिए धनराशि दी गई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक नया राज्य अग्निशमन प्रशिक्षण महाविद्यालय और 04 नई विधि प्रयोगशालाएं बनाई र्गइं। हर जनपद में साइबर थाने भी बनाए गए। 01 लाख 56 हजार 207 नए पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गई, इनमें 22,782 महिलाएं हैं। वर्ष 1950 से वर्ष 2017 तक उत्तर प्रदेश पुलिस बल में मात्र 10 हजार महिला पुलिस कार्मिक थीं। वर्ष 2017 से अब तक हमने 22,700 से अधिक महिलाओं की भर्ती की है। शीघ्र ही 60,200 पुलिस कार्मिकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी होने वाली है। 01 लाख 53 हजार 530 पुलिस कार्मिकों का प्रमोशन किया गया। जब यह सभी कार्य किए गए, तो उसी के अनुरूप परिणाम भी सामने आए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बजट में अवस्थापना विकास के लिए 22 प्रतिशत, शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत, कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र के लिए 11 प्रतिशत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के लिए 06 प्रतिशत और सामाजिक सुरक्षा के लिए 04 प्रतिशत धनराशि का प्राविधान किया गया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट के लिए 01 लाख 79 हजार 131 करोड़ 04 लाख रुपये, बेसिक, माध्यमिक, उच्च, टेक्निकल व वोकेशनल एजुकेशन के लिए 01 लाख 06 हजार 360 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। ऊर्जा क्षेत्र के लिए 61 हजार 70 करोड़ रुपये, सिंचाई के लिए 21,340 करोड़ रुपये, भारी एवं मध्यम उद्योग के लिए 24 हजार करोड़ रुपये, नगर विकास के लिए 24,308 करोड़ रुपये, आवास एवं शहरी नियोजन के लिए 7,700 करोड़ रुपये, नागरिक उड्डयन के लिए 30,152 करोड़ रुपये, चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आयुष, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए 50,550 करोड़ रुपये तथा कृषि और सम्बद्ध क्षेत्र के लिए 89,353 करोड़ रुपये प्राविधानित किए गए हैं। प्रदेश के विधान भवन को आई0टी0 से लैस करने के लिए सरकार ने धनराशि उपलब्ध कराई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार पूरी प्रतिबद्धता से गांव, गरीब, किसान और नौजवान के विकास के लिए कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री जी का विजन है कि गरीबों का उत्थान हो, महिलाएं स्वावलम्बन के पथ पर अग्रसर हों, अन्नदाता किसान खुशहाल हो और युवा को काम मिले। इसी से प्रेरित होकर उत्तर प्रदेश सरकार का यह बजट ‘वंचित को वरीयता’ की थीम के साथ सदन में प्रस्तुत किया गया है।
यह बजट उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नई ऊँचाई पर पहुंचाएगा। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए जो रोडमैप प्रस्तुत किया गया है, उसे भी इस बजट के माध्यम से आगे बढ़ाया जाएगा। हमारी प्रतिबद्धता देश के प्रति होनी चाहिए। महाकुम्भ का भी यही संदेश है। इसी संदेश के साथ हमने यह बजट सदन में प्रस्तुत किया है। जिन सदस्यों ने बजट पर चर्चा में भाग लेकर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, हम प्रदेशहित और जनहित से जुड़े उन महत्वपूर्ण मुद्दों को विभिन्न विभागों में शामिल करके विकास के कार्यक्रम आगे बढ़ाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने नई पेंशन स्कीम के विषय पर कहा कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य था, जिसने इसके लिए एक कमेटी गठित की थी। कमेटी की सिफारिश थी कि यदि स्टेट गवर्नमेण्ट और कर्मचारियों का शेयर 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया जाए, तो इससे हर कर्मचारी को लाभ होगा। यदि वह किसी अच्छी स्कीम में अपना धन इन्वेस्ट करता है, तो 20 वर्ष की सेवा के बाद रिटायरमेण्ट पर कर्मचारी को मूल वेतन के आधे के बराबर पेंशन प्राप्त होगी। हमारी कैबिनेट ने इसे मंजूरी प्रदान की। वर्ष 2005 से वर्ष 2017 के बीच में कोई अकाउण्ट नहीं खोला गया था। हमने एक साथ लाखों कर्मचारियों का अकाउण्ट खोलकर राजकोष से 10 हजार करोड़ रुपये उनके खातों में जमा करने का कार्य किया था। उत्तर प्रदेश पहला राज्य था, जिसने इसे लागू किया था। राज्य सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए हर प्रकार का कदम उठाने के लिए तैयार है।

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