नोट:- हाइकु एक जापानी शैली की लघु कविता होती है। इसमें 17 वर्ण होते हैं और इसे तीन पंक्तियों में लिखा जाता है। पहली पंक्ति में पांच वर्ण, दूसरी में सात, और तीसरी में फिर पांच वर्ण होते हैं।
डॉ. धीरा खंडेलवाल का हाइकु कविताओं का अद्भुत संग्रह मन-मुकुर (मन रूपी दर्पण पर उभरे बिंबों तथा प्रतिबिंबों का संयोजन)
शहर जागा सहर तक ढूंढता-तुम्हारा पता
41. शहर जागा
सहर तक ढूंढता
तुम्हारा पता
42. देह की माटी
राख बनकर उड़ी
रूह ज्यों भागी
43. रस्में उल्फत
निभाता है जमाना
क्यों छुप कर
44. छोटा ही सही
तितली का जीवन
खुशी की डली
45. स्वप्न संगिनी
संग साथ निभाते
वृद्ध हो चली
46. अपना ढोल
ख़ुद बजाते रहे
रत्न अमोल
47. मुंह फैलाए
दहेज का दानव
बेटी खा जाए
48. बुरा हो वक्त
अजमाने लगते
भूल के रिश्ते
49. आज या कल
नारी थी, है, रहेगी
स्वयं सबल
50. माता क़ातिल
कंपित कन्या भ्रूण
पिता बेदिल
-क्रमश:-