नोट:- हाइकु एक जापानी शैली की लघु कविता होती है। इसमें 17 वर्ण होते हैं और इसे तीन पंक्तियों में लिखा जाता है। पहली पंक्ति में पांच वर्ण, दूसरी में सात, और तीसरी में फिर पांच वर्ण होते हैं।
डॉ. धीरा खंडेलवाल का हाइकु कविताओं का अद्भुत संग्रह मन-मुकुर (मन रूपी दर्पण पर उभरे बिंबों तथा प्रतिबिंबों का संयोजन)
ऊषा नागरी रात करती रही-बातें चांद की
31. ऊषा नागरी
रात करती रही
बातें चांद की
32. बिजली कौंधी
झूला झुलाती रही
बावरी आंधी
33. हो जाए भान
जो प्राप्त, है पर्याप्त
जीना आसान
34. निष्काम दृष्टि
उदास गुलदस्ता
खिलती सृष्टि
35. स्नेह किरण
रिश्तों की भोर में
नेह वरण
36. तुझे पाकर
गगन हर्षा, पुष्प
बरसाकर
37. तारों का पट
खोलकर निकला
चांद का रथ
38. आंसू गगरी
सूखे सागर पर
छलक पड़ी
39. कितनी रातें
संग तुम्हारे सपने
सिसकती बातें
40. बौराया नभ
इंद्रधनुषी रंग
वर्षा के संग
-क्रमश:-