नोट:- हाइकु एक जापानी शैली की लघु कविता होती है। इसमें 17 वर्ण होते हैं और इसे तीन पंक्तियों में लिखा जाता है। पहली पंक्ति में पांच वर्ण, दूसरी में सात, और तीसरी में फिर पांच वर्ण होते हैं।
डॉ. धीरा खंडेलवाल का हाइकु कविताओं का अद्भुत संग्रह मन-मुकुर (मन रूपी दर्पण पर उभरे बिंबों तथा प्रतिबिंबों का संयोजन)
हरित पंथ रेगिस्तानी राही को-सुरम्य रंध्र
21. हरित पंथ
रेगिस्तानी राही को
सुरम्य रंध्र
22. पहाड़ी गांव
बर्फ की छाया, नहीं
धूप का ठांव
23. भौंके कुकुर
पदचाप या पत्तों
की सरसर
24. वासंती दिन
पतझड़ को भूले
मन-मलिन
25. सैंकड़ों लोग
कुचले मानवता
कैसा है रोग
26. खुल जाने दो
धूल भरी गठरी
बिखरने को
27. जलती धरा
रेतीली धरती का
श्रंगार हरा
28. प्रेममय है
जीवन अगर तो
क्या है विरह
29. प्रेम गठरी
विरह की बांहो में
धीरे से खुली
30. चुनाव ख़त्म
सत्ता सोएगी अब
बेच सर्वस्व
-क्रमश:-