हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे हैं। इस हमले में कई निर्दोष नागरिक घायल हुए, जिनमें पर्यटक भी शामिल थे। अब सर्वदलीय बैठक में जो इनसाइड रिपोर्ट सामने आई है, उसने सभी को चौंका दिया है।
सुरक्षा बल क्यों नहीं थे तैनात?
बैठक में यह सामने आया कि घटनास्थल के आस-पास सुरक्षा बलों की कोई तैनाती नहीं थी। यह चौंकाने वाला तथ्य तब सामने आया जब यह स्पष्ट हुआ कि हमले से पहले खुफिया एजेंसियों ने संभावित खतरे को लेकर अलर्ट जारी किया था। इसके बावजूद पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध क्यों नहीं किए गए, यह एक बड़ा सवाल बन गया है।
टूर ऑपरेटर्स की भूमिका पर सवाल
जानकारी के अनुसार, कई टूर ऑपरेटर्स ने बिना स्थानीय प्रशासन की पूर्व अनुमति के पर्यटकों को संवेदनशील इलाकों की ओर भेजा। स्थानीय प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि "प्रॉफिट के चक्कर में सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी की गई।" इससे आतंकियों को मौके का फायदा मिला।
सर्वदलीय बैठक में उठे सवाल
राजनीतिक दलों ने एक स्वर में केंद्र और राज्य प्रशासन से जवाब मांगा है। विपक्ष ने कहा कि जब अमरनाथ यात्रा जैसी गतिविधियों के लिए सुरक्षा घेरा बनाया जाता है, तो सामान्य पर्यटकों के लिए यह क्यों नहीं?