प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में नेशनल हेराल्ड केस एक बार फिर सुर्खियों में है। एजेंसी के अनुसार, इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को आरोपी नंबर एक और राहुल गांधी को आरोपी नंबर दो के रूप में चिह्नित किया गया है। ईडी का दावा है कि यंग इंडियन लिमिटेड के ज़रिए करोड़ों की संपत्ति को अवैध रूप से अपने कब्जे में लेने की साजिश रची गई।
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल हेराल्ड अख़बार को चलाने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) पर कांग्रेस पार्टी का करीब 90 करोड़ रुपये बकाया था। इसे बाद में यंग इंडियन कंपनी को मात्र 50 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया गया। इस कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी की बड़ी हिस्सेदारी है।
एजेंसी का आरोप है कि इस लेन-देन के ज़रिए कांग्रेस नेतृत्व ने AJL की बहुमूल्य अचल संपत्तियों पर नियंत्रण हासिल किया, जिनकी बाजार कीमत सैकड़ों करोड़ रुपये में आंकी जाती है। ईडी का मानना है कि यह कदम राजनीतिक दल की आर्थिक शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए निजी लाभ के उद्देश्य से उठाया गया।
हालांकि, कांग्रेस इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दे रही है। पार्टी का कहना है कि यह मामला वर्षों पुराना है और इसमें कोई वित्तीय अनियमितता नहीं हुई है।