देश की प्रमुख नदियों में शामिल यमुना की स्वच्छता और पुनर्जीवन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में यमुना नदी की बिगड़ती स्थिति पर गंभीर मंथन हुआ और तीन प्रमुख बिंदुओं पर आधारित कार्य योजना को मंजूरी दी गई, जिसका उद्देश्य नदी की सफाई को तीव्र गति से आगे बढ़ाना है।
बैठक में केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय समेत अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने इस दौरान स्पष्ट किया कि यमुना की सफाई न केवल पर्यावरणीय प्राथमिकता है, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक जिम्मेदारी भी है।
तीन सूत्रीय योजना में पहला बिंदु है — गंदे नालों के सीधे यमुना में गिरने पर रोक लगाना। इसके लिए आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) की स्थापना व संचालन को प्राथमिकता दी जाएगी।
दूसरा बिंदु है — औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन, जिसके तहत फैक्ट्रियों से निकलने वाले रसायनों के उपचार की व्यवस्था अनिवार्य की जाएगी।
तीसरा और अहम बिंदु है — जनसहभागिता, जिसमें स्थानीय समुदायों, स्कूलों, सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवकों की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिए कि योजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही, नियमित निरीक्षण और प्रगति रिपोर्टिंग की व्यवस्था बनाई जाए।
यह निर्णय यमुना की जीवनदायिनी धारा को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।