पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुई हिंसक घटना ने राज्यभर में रोष की लहर फैला दी है। इस घटना को लेकर सामाजिक और राजनीतिक हलकों में गहरी चिंता जताई जा रही है। कई संगठनों और विपक्षी दलों ने इसे कानून-व्यवस्था की विफलता बताते हुए केंद्र सरकार से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुर्शिदाबाद में घटित हिंसा की यह वारदात सांप्रदायिक तनाव से जुड़ी मानी जा रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, जिससे हालात और बिगड़ गए। कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए, सड़कों पर टायर जलाकर नाराजगी जताई गई, और दुकानों को बंद रखकर नागरिकों ने अपनी असंतोष व्यक्त किया।
विपक्षी नेताओं ने पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है और आम जनता असुरक्षित महसूस कर रही है। भारतीय जनता पार्टी सहित अन्य दलों ने राष्ट्रपति से अपील की है कि वह राज्य में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत हस्तक्षेप करें।
वहीं, राज्य सरकार ने घटना की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों को सख्त सजा देने की बात कही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और कानून को हाथ में लेने से बचें।
मुर्शिदाबाद की इस घटना ने एक बार फिर बंगाल की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को केंद्र में ला खड़ा किया है।