सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने जा रहे हैं। राष्ट्रपति द्वारा उनके नाम को स्वीकृति दे दी गई है और वे 14 मई 2025 को पदभार ग्रहण करेंगे। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
जस्टिस गवई देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश होंगे। इससे पहले 2004 में के.जी. बालकृष्णन ने यह पद संभाला था। गवई का कार्यकाल हालांकि सीमित रहेगा, वे लगभग 7 महीने तक इस पद पर रहेंगे और 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।
महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस गवई ने बॉम्बे हाईकोर्ट से अपने न्यायिक करियर की शुरुआत की थी। वे 2003 में बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश बने और बाद में 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया। न्यायिक क्षेत्र में उनकी निष्पक्षता, संवैधानिक मामलों पर स्पष्ट दृष्टिकोण और समाज के वंचित वर्गों के प्रति संवेदनशीलता के लिए वे जाने जाते हैं।
उनकी नियुक्ति को सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। दलित समुदाय से आने वाले गवई की मौजूदगी न्यायपालिका में समावेशिता और विविधता की दिशा में एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है।