ईरान और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित परमाणु समझौते को लेकर नई कूटनीतिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। दोनों देशों के प्रतिनिधि आगामी सप्ताह रोम में एक बार फिर बातचीत की मेज पर बैठने वाले हैं। इस बैठक का उद्देश्य 2015 के संयुक्त व्यापक कार्ययोजना (JCPOA) समझौते को पुनर्जीवित करना और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नियंत्रित करने के रास्ते तलाशना है।
सूत्रों के अनुसार, रोम बैठक में यूरोपीय संघ के मध्यस्थ भी मौजूद रहेंगे और दोनों पक्षों के बीच संवाद में संतुलन बनाने का प्रयास करेंगे। यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार बाइडेन प्रशासन पर इस समझौते को लेकर नरम रुख अपनाने का आरोप लगा रहे हैं।
ट्रंप ने JCPOA से 2018 में अमेरिका को बाहर कर दिया था और ईरान पर एकतरफा प्रतिबंधों की शुरुआत की थी। अब जब बाइडेन सरकार इस समझौते को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही है, ट्रंप खेमे की ओर से लगातार आलोचना हो रही है कि यह कदम अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
ईरान, जिसने समझौते से हटने के बाद अपने यूरेनियम संवर्धन की प्रक्रिया तेज की थी, अब अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से राहत की उम्मीद में बातचीत के लिए तैयार हुआ है। हालांकि, वह यह स्पष्ट कर चुका है कि समझौते में वापसी केवल तभी संभव है जब सभी आर्थिक प्रतिबंध पूरी तरह हटाए जाएं।
रोम में होने वाली यह बैठक आने वाले दिनों में पश्चिम एशिया में कूटनीतिक संतुलन को प्रभावित कर सकती है।