तमिलनाडु की प्रमुख विपक्षी पार्टी AIADMK के एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ आने से राज्यसभा में राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अब तक खुद को NDA से अलग रखने वाली AIADMK ने संकेत दिए हैं कि वह आगामी सत्रों में भाजपा का समर्थन कर सकती है।
AIADMK के इस रुख ने राज्यसभा में बहुमत के समीकरण को भाजपा के पक्ष में झुका दिया है। 245 सदस्यीय राज्यसभा में पूर्ण बहुमत का आंकड़ा 123 है। BJP के पास अपने सहयोगियों सहित पहले से ही करीब 110 सांसद थे, लेकिन अब AIADMK के 4 सांसदों के समर्थन से यह आंकड़ा और मजबूत हो गया है। इससे कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में सरकार को राहत मिलने की उम्मीद है।
राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह गठजोड़ दक्षिण भारत में भाजपा की पकड़ को और मजबूत कर सकता है, खासकर तमिलनाडु जैसे राज्य में जहां अब तक पार्टी को सीमित समर्थन मिला है। AIADMK के लिए भी यह गठबंधन आगामी लोकसभा चुनावों में रणनीतिक तौर पर फायदेमंद साबित हो सकता है।
हालांकि, इस कदम को लेकर AIADMK के भीतर मतभेद भी सामने आ रहे हैं। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता इसे आत्मघाती निर्णय बता रहे हैं, जबकि नेतृत्व इसे "राज्यहित में लिया गया फैसला" करार दे रहा है।
अब देखना होगा कि यह गठबंधन कितनी दूर तक टिकता है और राज्यसभा में आने वाले विधेयकों पर इसका क्या असर पड़ता है।