चंडीगढ़, 24 अप्रैल
उद्योगों को बढ़ावा देने और निवेशकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने के उद्देश्य से पंजाब सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में फैक्ट्रियों की भवन योजनाओं की मंजूरी हेतु 'तीसरे पक्ष प्रमाणन' और 'स्व-प्रमाणन' प्रणाली को मंजूरी दी गई है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि पहले फैक्ट्री अधिनियम 1948 के तहत भवन योजनाओं को श्रम विभाग से स्वीकृत कराना पड़ता था, जिससे समय और संसाधनों की काफी खपत होती थी। खासतौर पर गैर-शहरी क्षेत्रों में स्थापित फैक्ट्रियों के लिए यह प्रक्रिया और भी जटिल होती थी।
नई प्रणाली के तहत अब आर्किटेक्ट द्वारा तैयार योजनाओं को भवन उप-नियमों के अनुरूप स्वीकृति दी जा सकेगी। इसके आधार पर श्रम विभाग द्वारा भू-उपयोग, मास्टर प्लान के अनुरूपता, ग्राउंड कवरेज, सेटबैक, भवन ऊंचाई, सड़क की चौड़ाई, चौड़ीकरण की संभावना और पार्किंग की उपलब्धता जैसे बिंदुओं की पुष्टि कर अंतिम स्वीकृति दी जाएगी।
यह सुधार निवेशकों के लिए न केवल समय की बचत करेगा बल्कि प्रशासनिक बोझ को भी कम करेगा। योजना अनुमोदन की अवधि को 45 दिनों से घटाकर 30 दिन किया जाएगा, जिससे औद्योगिक विकास को और गति मिलेगी।