चंडीगढ़, 13 मार्च – सरकारी कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) और राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL) ने गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण (QAA), हरियाणा के सहयोग से एक मान्यता जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य सरकारी विभागों को NABL प्रत्यायन की उपयोगिता, इसके लाभ, प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज़ीकरण तथा गुणवत्ता और अनुपालन में इसकी भूमिका के बारे में जागरूक करना था।
गुणवत्ता मानकों को वैश्विक स्तर तक ले जाने की पहल
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए QAA के अध्यक्ष श्री राजीव अरोड़ा ने कहा कि NABL मान्यता विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन लाने की क्षमता रखती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मान्यता न केवल परीक्षण परिणामों की विश्वसनीयता को बढ़ाती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर उसकी स्वीकार्यता को भी सुनिश्चित करती है। यह विशेष रूप से कृषि, बागवानी, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) और सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
"NABL मान्यता, गुणवत्ता और तकनीकी क्षमता का प्रमाण है," श्री अरोड़ा ने कहा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि MSME क्षेत्र में विशेष रूप से निर्यात से जुड़े उद्यमों के लिए यह मान्यता उनकी विश्वसनीयता और बाजार पहुंच को सुदृढ़ करती है। साथ ही, सार्वजनिक कार्यों के लिए यह मान्यता गुणवत्ता नियंत्रण और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने में मददगार साबित होती है।
स्वायत्तता की ओर बढ़ता हरियाणा
सम्मेलन में चर्चा के दौरान एक प्रमुख मुद्दा यह सामने आया कि सरकारी विभाग निजी NABL-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं पर अत्यधिक निर्भर हैं। यद्यपि ये निजी प्रयोगशालाएँ विशेष परीक्षण सेवाएँ प्रदान करती हैं, लेकिन कानूनी चुनौतियाँ तब उत्पन्न होती हैं जब सरकारी विभाग इनसे जुड़े मामलों में संपूर्ण सहयोग प्राप्त नहीं कर पाते।
इस समस्या के समाधान के लिए हरियाणा सरकार ने सभी सरकारी विभागों में प्रक्रियाधारित गुणवत्ता संस्कृति को बढ़ावा देने और स्व-निर्भरता की दिशा में कदम उठाने की योजना बनाई है। इससे सरकारी संस्थानों के भीतर ही इन-हाउस NABL-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की स्थापना को बल मिलेगा, जिससे पारदर्शिता और कानूनी अनुपालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञों की भागीदारी
सम्मेलन में NABL और QCI के विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया, जिनमें प्रत्यायन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज़ीकरण, प्रत्यायन के लाभ, अनुपालन और कानूनी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
सरकार की प्रतिबद्धता: गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की ओर बढ़ता कदम
कृषि, बागवानी, स्वास्थ्य, लोक निर्माण (B&R), बिजली, MSME और सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग सहित विभिन्न सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों ने इस बात पर चर्चा की कि NABL प्रत्यायन गुणवत्ता आश्वासन प्रक्रियाओं को कैसे प्रभावी और संगठित बना सकता है।
हरियाणा सरकार और गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण ने राज्य में उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और सरकारी प्रयोगशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया।