चंडीगढ़, 12 मार्च – हरियाणा के संसदीय कार्य मंत्री महीपाल ढांडा ने कहा कि प्रदेश में अवैध रूप से विदेश भेजने वाले ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने "हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2025" तैयार किया है, जिससे ऐसे एजेंटों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। कई मामलों में एजेंटों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।
विधानसभा के बजट सत्र में चर्चा के दौरान, श्री ढांडा ने कहा कि प्रवास सदियों से मानव समाज का हिस्सा रहा है। लोग रोजगार, सुरक्षा और बेहतर जीवन की तलाश में सीमाएँ पार करते हैं, लेकिन सख्त आप्रवासन नीतियों के कारण कुछ लोग गैर-कानूनी मार्गों को अपनाने के लिए मजबूर हो जाते हैं। हाल के वर्षों में हरियाणा समेत पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों से अवैध प्रवासन की घटनाएँ बढ़ी हैं, जिसमें लोग "डंकी रूट" के माध्यम से अमेरिका और कनाडा जाने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने बताया कि जांच में यह सामने आया है कि इच्छुक प्रवासी पहले वैध वीज़ा पर दुबई, स्पेन, मैक्सिको, नीदरलैंड, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे देशों में जाते हैं और फिर वहाँ से अवैध तरीकों से पश्चिमी देशों में प्रवेश करने का प्रयास करते हैं। इस बढ़ती समस्या को देखते हुए, राज्य सरकार ने अवैध एजेंटों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए मई 2020 में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था। इसके बाद, अप्रैल 2023 में एक नई SIT का गठन किया गया, जिसने अवैध अप्रवासन के मामलों की गहन जांच की।
मंत्री ने बताया कि SIT ने हेल्पलाइन नंबर 80530-03400 जारी किया है, जिस पर अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। जांच में इन एजेंटों के कार्यालयों को सील किया गया है, और उनके वित्तीय लेन-देन, यात्रा रिकॉर्ड और डिजिटल संचार की भी जांच की जा रही है।
पिछले पांच वर्षों में SIT द्वारा 2,008 अवैध प्रवासन मामले दर्ज किए गए, जिनमें 1,917 गिरफ्तारियाँ हुईं और 26.08 करोड़ रुपये की बरामदगी की गई। अब, सरकार द्वारा लाए जा रहे नए विधेयक के तहत सभी ट्रैवल एजेंटों का अनिवार्य पंजीकरण होगा। यदि कोई एजेंट अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाया गया तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और बिना पंजीकरण के संचालन को दंडनीय अपराध माना जाएगा।
उन्होंने बताया कि फरवरी 2025 में अमेरिका से तीन उड़ानों के माध्यम से 332 भारतीयों को निर्वासित किया गया, जिनमें 111 हरियाणा के थे। इन प्रवासियों को उनके घर तक सुरक्षित पहुँचाने की व्यवस्था की गई। इस मामले में अब तक 35 प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई हैं और 12 एजेंटों की गिरफ्तारी हुई है, जिससे 35.31 लाख रुपये बरामद किए गए हैं।
हरियाणा सरकार न केवल अवैध अप्रवासन के खिलाफ सख्ती से कदम उठा रही है, बल्कि निर्वासित नागरिकों के पुनर्वास पर भी ध्यान दे रही है। इन लोगों को चिकित्सा जांच, मनोवैज्ञानिक परामर्श और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है ताकि वे समाज में फिर से समायोजित हो सकें।
श्री ढांडा ने आश्वासन दिया कि सरकार अवैध प्रवासन पर रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध है और नागरिकों को विदेश जाने के लिए वैध रास्तों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।