सिटी दर्पण
नई दिल्ली, 30 अक्तूबरः आज दिवाली है. वैसे तो हर साल दिवाली आती है, पर इस बार की दिवाली और खास है. भारत की करीब साढ़े चार साल बाद हैप्पी दिवाली होने वाली है. इसकी वजह है भारत-चीन सीमा पर थमा विवाद. जी हां, भारतीय सेना आज यानी गुरुवार को उन जगहों पर पेट्रोलिंग यानी गश्त की शुरुआत करेगी, जहां पिछले 4.5 साल से तल्खी की वजह से पेट्रोलिंग बंद थी. पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक इलाकों में पिछले साढ़े चार साल से पेट्रोलिंग बंद थी. चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों का रास्ता रोक कर रखा था. हालांकि, दिवाली के दिन से अब पेट्रोलिंग की शुरुआत हो रही है. भारत और चीन दोनों के बीच देपसांग और डेमचोक से डिसइंगेजमेंट को लेकर सहमति बनी थी.
देपसांग और डेमचोक इलाके में डिसइंगेजमेंट पूरा हो चुका है. आज न केवल पेट्रोलिंग की शुरुआत हो रही है, बल्कि दिवाली पर मिठाई से मुंह मीठा भी किया जाएगा. भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच मिठाई एक्सचेंज होगी. इस तरह से मिठास से रिश्तों की खटास कम किया जाएगा. पेट्रोलिंग रूट तय हो चुका है. भारत और चीन की सेनाओं ने बुधवार को डिसइंगेजमेंट का काम पूरा कर लिया और आज से दोनों ओरे से पेट्रोलिंग शुरू होगी. लोकल ब्रिगेड कमांडर लेवल की बातचीत में यह सबकुछ तय हुआ है. भारत को उम्मीद है कि इससे एलएसी पर चीन के साथ तल्खी कम होगी.
सूत्रों का कहना है कि खराब मौसम की वजह से डेमचोक इलाके में मंगलवार को वेरिफिकेशन का काम नहीं हो पाया था. मगर बुधवार को एरियल वेरिफिकेशन कर लिया गया. भारत और चीन के ग्राउंड कमांडर देपसांग में दो और डेमचोक में एक जगह पर मिले और इस तरह से दोनों ओर से डिसइंगेजमेंट की पुष्टि की गई. डेमचोक और देपसांग से अस्थायी चौकियों और टेंट को हटाने के बाद से दोनों सैनिक अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थिति में आ गये हैं. सूत्रों की मानें तो डिसइंगेजमेंट और वेरिफिकेशन प्रक्रिया के बाद सेना आज यानी दिवाली दिन कुछ शुरुआती पेट्रोलिंग शुरू करेगी और आने वाले दिनों में बढ़ाकर सभी इलाकों में कंपलीट पेट्रोलिंग में बदल देगी.
सूत्रों का कहना है कि ऊंचाई वाले इलाकों में कड़ाके की ठंड कुछ कम होने के साथ ही दिवाली के मौके पर गुरुवार को कई जगहों पर दोनों देशों के जवान एक-दूसरे को मिठाई खिलाएंगे. हालांकि, दोनों देशों के बीच घटते भरोसे को जल्दी से पाटना आसान नहीं होगा. सूत्रों का कहना है कि चीन की सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पर कड़ी नजर रखी जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह 21 अक्टूबर को घोषित डेपसांग-देमचोक में गश्त की व्यवस्था पर हुए समझौते से पीछे न हटे. इसके तहत दोनों पक्ष झड़पों को रोकने के लिए एक-दूसरे को अपने-अपने गश्त के बारे में पहले से सूचित करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के ब्रिगेडियर और उससे नीचे के रैंक के ग्राउंड कमांडर पहले की तरह नियमित रूप से बैठक करते रहेंगे. अगला बड़ा कदम यह होगा कि देपसांग और डेमचोक में स्थिति स्थिर होने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के दोनों देशों के कोर कमांडर पहले बनाए गए ‘बफर जोन’ में गश्त के अधिकारों को फिर से शुरू करने पर चर्चा करने के लिए बैठक करें.
दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा पर मिठाइयों का आदान-प्रदान ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत दिवाली का त्योहार मना रहा है. 15 अगस्त, 26 जनवरी, चीनी नेशनल डे, पीएलए डे और नए साल पर भारत और चीन के बीच मिठाई एक्सचेंज की जाती है.
सेना के सूत्रों ने बताया कि भारत और चीन के बीच 6 बॉर्डर पर्सनल मीटिंग प्वाइंट (BPM ) पर मिठाई का आदान-प्रदान होगा. इनमें पूर्वी लद्दाख में चुशुल और डेमचोक, सिक्कम में नाथूला, अरुणाचल में बुमला, किबिथु और नॉर्दर्न लद्दाख का दौलत बेग ओल्डी (DBO) शामिल है. जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी, जो दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था. 21 अक्टूबर को पिछले कई हफ्तों से चल रही बातचीत के बाद समझौते को अंतिम रूप दिया गया. इससे 2020 में उठे मुद्दों का समाधान निकलेगा.