सिटी दर्पण
कीव, 01 जनवरी 2025:
रूस से यूरोप के 40 देश गैस खरीदते हैं. इसी गैस से वे बिजली बनाते हैं. खाना बनाते हैं. उनके यहां फैक्ट्रियां चलती हैं और यहां तक कि गाड़ियां भी. लेकिन अब यूक्रेन ने ऐसा ऐलान कर दिया कि सर्दी के इन दिनों में इन देशों के लिए मुसीबत आ गई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, यूक्रेन के रास्ते यूरोपीय देशों को भेजी जा रही गैस की सप्लाई को पूरी तरह ठप कर दिया है. हम रूस को हमारे खून से डॉलर कमाने की अनुमति नहीं देंगे. यूक्रेन के इस फैसले से यूरोपीय देशों में खलबली मची हुई है. कई देश तो आपस में ही भिड़ गए हैं. यहां तक कि स्लोवाकिया और पोलैंड यूक्रेन की बिजली सप्लाई बंद करने की धमकी दी है.
यूरोपीय देशों ने 1991 में रूस के साथ एक समझौता किया था. इसी के तहत रूस बंदरगाहों और पाइपलाइनों के जरिये यूरोपीय देशों को गैस सप्लाई करता था. लेकिन अब 30 साल पुरानी इस व्यवस्था का अंत हो गया है. यूक्रेन के इस फैसले से यूरोपीय देशों परेशान हैं. क्योंकि यूक्रेन पर आक्रमण के बाद यूरोपीय देशों ने रूस से गैस और तेल खरीदना भले कम कर दिया हो, लेकिन स्लोवाकिया और ऑस्ट्रिया समेत कई देश अभी भी रूस की गैस पर निर्भर हैं. इससे रूस को हर साल लगभग 5.2 बिलियन डॉलर की कमाई होती है.
यूरोप में मची खलबली
ऑस्ट्रिया ने कहा, हमने कुछ तैयारी की है, लेकिन यह आफत बड़ी है. सर्दी के इस मौसम में मुश्किलें आनी तय है. इससे 2025 में गैस की कीमतें अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाएंगी. उधर, स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको ने कहा, रूस पर कोई ज्यादा फर्क भले न पड़े लेकिन यूक्रेन के इस ऐलान का यूरोपीय देशों पर बड़ा असर होने वाला है. रूसी गैस स्लोवाकिया से होकर निकलती है, इसके लिए स्लोवाकिया भी पैसे लेता है. यहीं से ऑस्ट्रिया, हंगरी और इटली तक गैस जाती है. अब रास्ता बंद होने से स्लोवाकिया के लिए भी मुश्किलें बढ़ गई हैं. फीको ने यूक्रेन को बिजली की सप्लाई बंद करने की धमकी दी है. स्लोवाकिया जैसे देशों को अगर रूस से गैस लेनी है तो उसे अन्य रास्तों का इस्तेमाल करना होगा, इससे उसे ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे. उधर, रूस पर इसका ज्यादा फर्क पड़ने की संभावना कम है, क्योंकि रूस अभी भी काला सागर के पार तुर्कस्ट्रीम पाइपलाइन के माध्यम से हंगरी, तुर्की और सर्बिया को गैस भेज सकता है.
यूरोपीय देश रूस की गैस पर कितना निर्भर
- स्लोवाकिया-ऑस्ट्रिया और मोल्दोवा समेत 15 यूरोपीय देश बड़ी मात्रा में रूस से गैस का आयात करते हैं. अमेरिका, कतर इन्हें मदद करता है, लेकिन वह सप्लाई पूरी नहीं कर पाता.
- एक रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी 56, इटली 29, नीदरलैंड 13 तो फ्रांस-पोलैंड 10-10 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस रूस से लिया करते थे. हालांकि- प्रतिबंध लगने के बाद इनमें कुछ कमी आई थी
- 2021 में रूस यूरोपीय संघ के देशों को उनकी प्राकृतिक गैस का 40% आपूर्ति कर रहा था, जिसमें जर्मनी सबसे बड़ा आयातक था. हालांकि, यूरोपीय संघ के आंकड़ों का दावा है कि अगस्त 2022 तक यह घटकर लगभग 17% रह गया था.
- ये देश ज्यादातर बिजली रूसी गैस से चलने वाले पावर स्टेशन से पैदा करते हैं. इसी से फैक्ट्रियां चलती हैं. सर्दी के दिनों में इसी गैस से वहां लोग हीटर चलाते हैं, घर-घर में इसी गैस से खाना पकाया जाता है.
कंबल ओढ़कर बैठे रहें, घर से बाहर न निकलें
मोल्दोवा में गैस सप्लाई बंद होने से ट्रांसनिस्ट्रिया में गर्म पानी की आपूर्ति भी ठप पड़ गई है. वहां की सरकार लोगों को गर्म कपड़े पहनकर रहने, परिवार के सभी लोगों को एक कमरे में रहने, खिड़कियों पर मोटा कंबल लगाने को कहा है ताकि उन्हें ठंड न लगे. सबको गैस का इस्तेमाल बंद करने और इलेक्ट्रिक हीटर का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है.