सिटी दर्पण
नई दिल्ली, 01 जनवरी 2025:
नए साल के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने किसानों को लेकर अहम फैसले लिए हैं। कैबिनेट ने डीएपी खाद पर सब्सिडी और फसल बीमा योजना को लेकर किसानों को सौगात दी है। इन मामलों पर अब पीएम मोदी की ओर से प्रतिक्रिया आई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को 'फसल बीमा योजना' के लिए आवंटन बढ़ाने सहित केंद्रीय मंत्रिमंडल के कुछ अन्य फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि नये साल में सरकार का पहला फैसला किसानों को समर्पित है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक के बाद एक पोस्ट में यह भी कहा कि उनके नेतृत्व वाली केंद्र सरकार किसानों के कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस फैसले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, नए वर्ष का पहला निर्णय हमारे देश के करोड़ों किसान भाई-बहनों को समर्पित है। हमने फसल बीमा के लिए आवंटन बढ़ाने को मंजूरी दी है। इससे जहां अन्नदाताओं की फसलों को और ज्यादा सुरक्षा मिलेगी, वहीं नुकसान की चिंता भी कम होगी।
उन्होंने कहा, हमारी सरकार किसानों के कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमें अपने सभी किसान बहनों और भाइयों पर गर्व है जो हमारे राष्ट्र का पेट भरने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। 2025 का पहला, मंत्रिमंडल का फैसला हमारे किसानों की समृद्धि बढ़ाने के लिए समर्पित है। मुझे खुशी है कि इस संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
1,350 रुपये में मिलेगी डीएपी
प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किसानों को सस्ती दर पर डीएपी उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एकमुश्त विशेष पैकेज को 3,850 करोड़ रुपये तक बढ़ाने के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि इससे किसानों को सस्ती कीमतों पर डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। मंत्रिमंडल के इस फैसले से किसानों को डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की 50 किलो वजन की एक बोरी 1,350 रुपये में मिल सकेगी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2026 तक बढ़ाई गई
बता दें कि, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2021-22 से लेकर वर्ष 2025-26 तक कुल 69,515.71 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी। इस निर्णय से 2025-26 तक देश भर के किसानों को नहीं रोके जा सकने योग्य प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के जोखिम कवरेज में मदद मिलेगी।