यूरोप ने 28 अप्रैल 2025 को एक बड़े बिजली संकट का सामना किया, जिसने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया। स्पेन, फ्रांस, पुर्तगाल और इटली सहित कई देशों में अचानक बिजली गुल हो गई, जिससे हवाईअड्डे, रेलवे स्टेशन, मेट्रो सेवाएं और अन्य सार्वजनिक व्यवस्थाएं ठप पड़ गईं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस व्यापक ब्लैकआउट की वजह एक बड़ी तकनीकी गड़बड़ी बताई जा रही है। शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि एक प्रमुख पावर ग्रिड में खराबी के चलते यह संकट उत्पन्न हुआ। इस तकनीकी विफलता ने पूरे यूरोप के बिजली वितरण तंत्र को प्रभावित किया है।
स्पेन के मैड्रिड, बार्सिलोना और सेविला जैसे प्रमुख शहरों में ट्रैफिक सिग्नल बंद हो गए, जिससे सड़कों पर अफरातफरी मच गई। मेट्रो सेवाएं कई घंटों तक रुकी रहीं और सैकड़ों यात्री स्टेशन पर फंसे रहे। वहीं, फ्रांस के पेरिस और मार्सिले जैसे शहरों में भी हवाई अड्डों पर उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और रेल सेवाएं भी बाधित रहीं।
यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि एयरपोर्ट पर चेक-इन से लेकर बोर्डिंग तक की सभी प्रणालियाँ अस्थाई रूप से ठप हो गईं। कई अस्पतालों में बैकअप जनरेटरों के सहारे जरूरी सेवाएं चालू रखी गईं।
यूरोपीय ऊर्जा एजेंसियों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि आपातकालीन प्रयास जारी हैं और जल्द ही बिजली आपूर्ति को बहाल कर लिया जाएगा। वहीं, साइबर हमले की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा रहा है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना यूरोप की ऊर्जा संरचना की संवेदनशीलता को उजागर करती है। उन्होंने चेतावनी दी है कि भविष्य में इस तरह की आपात स्थितियों से निपटने के लिए अधिक सुरक्षित और लचीली प्रणालियों की आवश्यकता है।