जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्रसंघ चुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं, जिनमें लेफ़्ट गठबंधन ने बड़ी सफलता हासिल की है। अध्यक्ष पद समेत कुल तीन प्रमुख पदों पर वामपंथी संगठनों ने जीत दर्ज की है, जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को केवल संयुक्त सचिव का पद मिला है।
चुनाव परिणामों के मुताबिक, आइसा (AISA) समर्थित लेफ़्ट उम्मीदवार ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। उपाध्यक्ष और महासचिव पद भी लेफ़्ट के उम्मीदवारों के खाते में गए हैं। दूसरी ओर, एबीवीपी ने संयुक्त सचिव पद पर कब्जा कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस बार का छात्रसंघ चुनाव काफी कड़ा और प्रतिस्पर्धी रहा, जिसमें मतदान प्रतिशत भी अपेक्षाकृत अधिक रहा।
विशेषज्ञों का मानना है कि जेएनयू में लंबे समय से चली आ रही वामपंथी विचारधारा की पकड़ अभी भी मजबूत बनी हुई है। वहीं, एबीवीपी ने भी अपने प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास किए, लेकिन पूर्ण सफलता हासिल नहीं कर पाई। चुनाव के दौरान शिक्षा के निजीकरण, छात्रवृत्ति में कटौती और कैंपस में लोकतांत्रिक माहौल बनाए रखने जैसे मुद्दे प्रमुख रूप से छाए रहे।
छात्रों का कहना है कि नई छात्रसंघ टीम से उन्हें उम्मीद है कि वे शैक्षणिक और प्रशासनिक स्तर पर उनके हितों की प्रभावी ढंग से रक्षा करेगी। जेएनयू प्रशासन ने शांतिपूर्ण मतदान और निष्पक्ष मतगणना के लिए सभी उम्मीदवारों और छात्रों का आभार जताया है।