मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक संगठित गिरोह द्वारा हिंदू छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाकर यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस कांड की तुलना 1992 के कुख्यात अजमेर रेप कांड से की जा रही है।
मुख्य आरोपी फरहान अली उर्फ फराज ने दो साल पहले अपनी पहचान छिपाकर एक नाबालिग हिंदू छात्रा से दोस्ती की। दोस्ती के बाद उसने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसका वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
पीड़िता फरहान से बचने के लिए भोपाल से इंदौर चली गई, लेकिन फरहान वहां भी पहुंच गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
फरहान की इस हरकत से परेशान होकर पीड़िता ने अपने एक मित्र को पूरी घटना बताई, जिसने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पीड़िता ने बागसेवनिया थाने में फरहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जिससे पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ।
पुलिस जांच में पता चला कि फरहान के दो साथी, साहिल और साद, भी इसी तरह अन्य हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका यौन शोषण करते थे। ये आरोपी डांस क्लास, पब और हुक्का लाउंज जैसे स्थानों पर लड़कियों से दोस्ती करते और फिर उन्हें अपने जाल में फंसाते थे।
पुलिस ने फरहान और साहिल को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि साद फरार है। आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट, मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए भोपाल पुलिस ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि जांच के दौरान पीड़िताओं और आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है।