लखनऊ | 11 अप्रैल 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी में 3,900 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई 44 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे। यह आयोजन काशी के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ, जहां पर प्रधानमंत्री ने कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और जनकल्याणकारी योजनाओं की सौगात दी।
ऊर्जा, सड़क और हवाई सुविधा का विस्तार
इस मौके पर कुल 1,046 करोड़ रुपये की लागत से तीन विद्युत उपकेंद्रों—चंदौली के साहूपुरी, जौनपुर के मछलीशहर और गाजीपुर के भदौरा में—की स्थापना का उद्घाटन किया गया। इसके साथ ही, लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास 653 करोड़ की लागत से एक अंडरपास टनल और 584 करोड़ रुपये की लागत से वाराणसी में विद्युत प्रणाली के आधुनिकीकरण की परियोजना की नींव भी रखी गई।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए वय वंदना कार्ड, स्थानीय उत्पादों को मिला बढ़ावा
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को ‘आयुष्मान वय वंदना कार्ड’ वितरित किए। साथ ही, जीआई टैग से नवाजे गए स्थानीय उत्पादों के प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। इससे काशी और आसपास के कारीगरों को वैश्विक बाज़ार में पहचान मिलने की उम्मीद है।
बनास डेयरी के जरिए ग्रामीण सशक्तिकरण
उत्तर प्रदेश में दुग्ध आपूर्ति से जुड़े पशुपालकों को बनास डेयरी के माध्यम से 106 करोड़ रुपये का बोनस उनके खातों में हस्तांतरित किया गया। प्रधानमंत्री ने इसे मेहनतकश परिवारों के लिए “तपस्या का पुरस्कार” बताया। उन्होंने कहा कि बनास डेयरी ने पूर्वांचल की हजारों महिलाओं को “लखपति दीदी” बनने में मदद की है।
पशुपालकों के लिए नई योजनाएं
सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा, लोन सीमा में वृद्धि, पशुओं के लिए मुफ्त वैक्सीनेशन और संगठित दुग्ध संग्रहण के लिए सहकारी समितियों का पुनर्गठन जैसे कदम डेयरी सेक्टर को सशक्त कर रहे हैं। 'राष्ट्रीय गोकुल मिशन' के तहत देसी नस्लों की गुणवत्ता सुधारने के प्रयासों की भी सराहना की गई।
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार: अब इलाज घर के पास
प्रधानमंत्री ने बताया कि पूर्वांचल में अब स्वास्थ्य सेवाएं पहले की तुलना में बेहद उन्नत हो गई हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत लाखों लोगों को इलाज की सुविधा मिली है और हजारों परिवारों ने इसका लाभ वाराणसी में उठाया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “अब बुजुर्गों को इलाज के लिए जमीन बेचने या कर्ज लेने की ज़रूरत नहीं होगी।”
वाराणसी की बदलती तस्वीर: कनेक्टिविटी और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर
प्रधानमंत्री ने रिंग रोड, फुलवरिया फ्लाईओवर और अन्य संपर्क परियोजनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि पहले जहां जाम था, अब वहां विकास दौड़ रहा है। वाराणसी और उसके आसपास के क्षेत्रों में बीते दशक में कनेक्टिविटी पर करीब 45,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इससे जौनपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जैसे जिलों को भी सीधा लाभ मिल रहा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं: एयरपोर्ट, टनल और रोपवे
लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट के विस्तार के साथ ही 6-लेन की अंडरग्राउंड टनल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। शहर के भीतर ट्रैफिक को कम करने के लिए नए फ्लाईओवर और पुल बन रहे हैं। इसके अलावा, काशी में देश का पहला ‘सिटी रोपवे’ अपने ट्रायल चरण में है, जो वाराणसी को दुनिया के चुनिंदा शहरों में शामिल करेगा।
खेल और युवा विकास: ओलंपिक की तैयारी की ओर
प्रधानमंत्री ने बताया कि काशी में नए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और स्टेडियम का निर्माण किया गया है। 2036 के संभावित ओलंपिक की तैयारी के लिए वाराणसी के युवाओं को अभी से प्रोत्साहित किया जा रहा है।
विकास और विरासत का अद्भुत समागम
प्रधानमंत्री ने काशी को भारत की चेतना और विविधता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह शहर विकास और विरासत दोनों का एक बेहतरीन मॉडल बन चुका है। काशी-तमिल संगमम् और जल्द बनने वाला ‘एकता मॉल’ भारत की सांस्कृतिक एकता को मजबूती देगा।
‘मेड इन इंडिया’ को नया आयाम
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश की बदलती छवि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज राज्य सिर्फ संभावनाओं की भूमि नहीं बल्कि सामर्थ्य और सफलता की मिसाल बन चुका है। उन्होंने जीआई टैग प्राप्त उत्पादों को वैश्विक ब्रांड में बदलने का आह्वान किया।