चंडीगढ़, 25 मार्च:
पंजाब में नशे के खिलाफ सख्त अभियान के तहत मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा शुरू की गई "युद्ध नशों विरुद्ध" मुहिम लगातार 25वें दिन भी जारी रही। इस दौरान पंजाब पुलिस ने 452 स्थानों पर छापेमारी कर 69 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया और 47 मामले दर्ज किए। अभियान की शुरुआत से अब तक कुल 3,937 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ और अवैध धन बरामद
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से 1.2 किलो हेरोइन, 300 ग्राम अफीम, 2,200 नशीली गोलियां/कैप्सूल/इंजेक्शन, 375 किलो भुक्की और 13,000 रुपये की अवैध ड्रग मनी जब्त की है।
राज्यभर में समन्वित कार्रवाई
यह अभियान डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के नेतृत्व में राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में एक साथ चलाया गया। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पहले ही पुलिस कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने के निर्देश दिए थे। इसके अतिरिक्त, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कैबिनेट उप-समिति गठित की गई है, जो इस अभियान की निगरानी कर रही है।
1,300 पुलिसकर्मियों ने संभाला मोर्चा
विशेष डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने जानकारी दी कि इस ऑपरेशन में 93 वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में 1,300 से अधिक पुलिसकर्मियों की 200 से अधिक टीमें शामिल थीं। इन टीमों ने 525 संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की और नशे की सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए व्यापक छानबीन की।
नशा मुक्त पंजाब के लिए तीन-स्तरीय रणनीति
पंजाब सरकार ने राज्य से नशे को खत्म करने के लिए तीन-स्तरीय रणनीति - प्रवर्तन (इंफोर्समेंट), नशा मुक्ति (डी-एडिक्शन) और रोकथाम (प्रिवेंशन) (ईडीपी) लागू की है।
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प्रवर्तन (Enforcement): पुलिस द्वारा नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
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नशा मुक्ति (De-addiction): छह लोगों को नशा छोड़ने और पुनर्वास उपचार के लिए प्रेरित किया गया।
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रोकथाम (Prevention): आज राज्यभर में 104 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिससे लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति सचेत किया गया।
मेडिकल दुकानों की गहन जांच
नशीली दवाओं की अवैध बिक्री रोकने के लिए पुलिस ने जालंधर, होशियारपुर, एसबीएस नगर, कपूरथला और रूपनगर सहित छह जिलों में 212 मेडिकल दुकानों की जांच की। इस दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी दुकान गैर-कानूनी रूप से नशीली गोलियां या अन्य प्रतिबंधित दवाएं न बेचे और सभी दवा विक्रेता निर्धारित नियमों का पालन करें।
विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला ने स्पष्ट किया कि राज्य से नशे का पूर्ण खात्मा होने तक इस तरह के अभियान जारी रहेंगे।