चंडीगढ़/रूपनगर, 25 मार्च: पंजाब में आंतरिक पुलिस सुधार परियोजना की आधिकारिक शुरुआत आज पंजाब पुलिस मुख्यालय में हुई। इस परियोजना को भारतीय पुलिस फाउंडेशन (IPF) द्वारा देश के चार राज्यों – तमिलनाडु, तेलंगाना, राजस्थान और पंजाब में लागू किया गया है। इस अवसर पर पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव (आईपीएस), IPF के उपाध्यक्ष एवं परियोजना निदेशक डॉ. इश कुमार (सेवानिवृत्त आईपीएस), एडीजीपी (ट्रैफिक एवं सड़क सुरक्षा) ए.एस. राय (आईपीएस) और परियोजना के राज्य पर्यवेक्षक जी.एस. संधू (सेवानिवृत्त आईपीएस) की उपस्थिति में IPF और पंजाब पुलिस के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। पुलिस सुधारों में सहयोग से बढ़ेगी कार्यक्षमता पुलिस लाइन के ऑडिटोरियम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडीजीपी ए.एस. राय ने बताया कि इस समझौते से पंजाब पुलिस और भारतीय पुलिस फाउंडेशन के बीच सहयोग को मजबूत किया जाएगा। यह नागरिक केंद्रित पुलिसिंग को बढ़ावा देने और पुलिस कार्यप्रणाली में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह सहयोग सिविल पुलिसिंग को अधिक प्रभावी और जनहितकारी बनाने में मदद करेगा, जिससे आम नागरिकों की समस्याओं को बेहतर तरीके से समझा और हल किया जा सकेगा। चार जिलों में 30 पुलिस स्टेशनों पर होगा फोकस शुरुआती चरण में IPF द्वारा पंजाब के चार जिलों – एसएएस नगर, रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब और खन्ना के 30 पुलिस थानों में इस परियोजना को लागू किया जाएगा। इनमें रूपनगर जिले के 9 पुलिस थाने – सिटी रूपनगर, सदर रूपनगर, सिंह भागवंतपुर, सिटी मुरिंडा, सदर मुरिंडा, चमकौर साहिब, आनंदपुर साहिब, नूरपुर बेदी और नंगल शामिल हैं। बाद में इस परियोजना को अन्य जिलों तक चरणबद्ध तरीके से विस्तारित किया जाएगा। जन सलाहकार बैठकों से होगा सुधारों का आकलन इस परियोजना के तहत 25 मार्च 2025 से 2 अप्रैल 2025 तक IPF के शोधकर्ताओं की टीम रूपनगर जिले के विभिन्न पुलिस थानों में शिकायतकर्ताओं, पीड़ितों, गवाहों, आरोपियों, उच्च पुलिस अधिकारियों और ट्रैफिक उल्लंघनकर्ताओं सहित विभिन्न संबंधित पक्षों के साथ बैठकें करेगी। इन बैठकों का उद्देश्य पुलिसिंग से जुड़े मुद्दों की पहचान कर सुधार की संभावनाओं का आकलन करना है। पुलिसिंग सुधार के लिए विस्तृत कार्य योजना परियोजना निदेशक डॉ. इश कुमार (सेवानिवृत्त आईपीएस) ने बताया कि IPF की टीम इन बैठकों के आधार पर पुलिसिंग सुधारों से संबंधित एक मैनुअल तैयार करेगी, जिसके आधार पर पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, पुलिस के कार्य करने के तरीकों के प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा और आवश्यक सुधारों के लिए स्थायी आदेश या SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी किए जाएंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि पंजाब पुलिस इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए आवश्यक संसाधन, लॉजिस्टिक्स, डेटा एक्सेस और अन्य आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी। इस परियोजना का उद्देश्य शोध आधारित सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू करना है, जिससे पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनेगी। पंजाब पुलिस की छवि होगी और मजबूत डॉ. इश कुमार ने कहा कि इस परियोजना से पंजाब पुलिस की कार्यक्षमता में सुधार होगा और नागरिकों के साथ पुलिस के संबंधों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस शोध परियोजना के नतीजे राज्य के नागरिकों के लिए लाभकारी साबित होंगे और इससे पंजाब पुलिस की छवि को और ऊंचा उठाने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर IPF की टीम ने डॉ. इश कुमार (सेवानिवृत्त आईपीएस) और एडीजीपी ए.एस. राय (आईपीएस) के नेतृत्व में रूपनगर के एसएसपी जी.एस. खुराना (आईपीएस) और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें परियोजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। यह परियोजना पंजाब में पुलिस सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो नागरिकों की समस्याओं के समाधान, पुलिसिंग में पारदर्शिता और पुलिस की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होगी। पंजाब सरकार और पुलिस विभाग जनहितकारी पुलिसिंग को मजबूत करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है, जिससे राज्य की कानून-व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।