सिटी दर्पण
चंडीगढ़, 12 मार्चः
हरियाणा में हुए नगर निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 में से 9 महापौर पदों पर जीत दर्ज की। यह जीत पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव के छह महीने से भी कम समय बाद एक और बड़ी सफलता साबित हुई। इससे पहले के नगर निगम में बीजेपी के सात महापौर थे, लेकिन इस बार पार्टी ने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली।
कांग्रेस का सूपड़ा साफ, सोनीपत-रोहतक में भी हार
कांग्रेस, जो 2024 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद वापसी की उम्मीद कर रही थी, निकाय चुनाव में एक भी महापौर सीट जीतने में नाकाम रही। पार्टी को सोनीपत और रोहतक जैसे अपने गढ़ों में भी हार का सामना करना पड़ा। सोनीपत में कांग्रेस का महापौर था, जबकि रोहतक को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का मजबूत गढ़ माना जाता है।
मानेसर में निर्दलीय उम्मीदवार की जीत
मानेसर में पहली बार नगर निगम चुनाव हुआ, जिसमें निर्दलीय उम्मीदवार इंद्रजीत यादव ने बीजेपी के उम्मीदवार सुंदरलाल को 2,293 वोटों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की। यह निकाय चुनाव में बीजेपी को मिली एकमात्र हार थी।
चुनाव परिणामों पर मुख्यमंत्री का बयान
निकाय चुनाव में बड़ी जीत के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसे बीजेपी सरकार की नीतियों और विकास कार्यों पर जनता की मुहर बताया। उन्होंने कहा कि इस जीत से 'ट्रिपल इंजन' सरकार को मजबूती मिलेगी, जिससे "विकसित हरियाणा-विकसित भारत" के लक्ष्य को तेजी से पूरा किया जा सकेगा।
कब हुए थे चुनाव?
हरियाणा के सात नगर निगम – गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद, हिसार, रोहतक, करनाल और यमुनानगर में महापौर और वार्ड सदस्यों के चुनाव 2 मार्च को हुए थे। वहीं, अंबाला और सोनीपत नगर निगमों में महापौर पद के लिए उपचुनाव हुए। इसके अलावा, 21 नगर समितियों के अध्यक्ष और वार्ड सदस्यों के लिए भी इसी दिन मतदान हुआ। पानीपत नगर निगम में 9 मार्च को मतदान हुआ था।
किन सीटों पर बीजेपी ने मारी बाजी?
बीजेपी ने अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, करनाल, रोहतक, सोनीपत, यमुनानगर और पानीपत में कांग्रेस प्रत्याशियों को हराकर महापौर सीट पर कब्जा जमाया।
भाजपा में शामिल हुए पूर्व कांग्रेसी नेता भी जीते
कांग्रेस के पूर्व नेता निखिल मदान, जो पहले सोनीपत के महापौर थे, 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे और अब सोनीपत से विधायक बन चुके हैं। इस बार सोनीपत नगर निगम से बीजेपी के राजीव जैन ने जीत दर्ज की। इसी तरह, अंबाला नगर निगम की पूर्व महापौर शक्ति रानी शर्मा, जो हरियाणा जनचेतना पार्टी में थीं, बीजेपी में शामिल हुईं और कालका विधानसभा सीट से जीत हासिल की।
बड़े अंतर से जीतने वाले प्रत्याशी
- फरीदाबाद: बीजेपी के प्रवीण जोशी ने तीन लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की।
- गुरुग्राम: बीजेपी की राज रानी ने 1.79 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
- करनाल: रेणु बाला गुप्ता ने बड़ी जीत हासिल की।
- पानीपत: कोमल सैनी विजयी रहीं।
रोहतक में भी बीजेपी की जबरदस्त जीत
रोहतक में बीजेपी के राम अवतार ने कांग्रेस के सूरजमल किलोई को 45,198 वोटों से हराया। यमुनानगर में बीजेपी की सुमन ने कांग्रेस की किरण देवी को 73,319 मतों के अंतर से हराया।
कांग्रेस को नुकसान, अंदरूनी गुटबाजी बनी वजह
राज्य निर्वाचन आयोग ने मतगणना प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की थीं। लेकिन कांग्रेस को बड़ा झटका लगा, क्योंकि चुनाव से पहले कई जिलों में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया। इसके अलावा, कांग्रेस की प्रदेश इकाई में गुटबाजी और आंतरिक कलह ने भी उसके प्रदर्शन को प्रभावित किया।
बीजेपी को पहले से थी जीत की उम्मीद
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चुनाव से पहले ही भरोसा जताया था कि बीजेपी निकाय चुनावों में मजबूत प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा था कि "ट्रिपल इंजन" सरकार बनने के बाद राज्य में विकास कार्यों की गति तीन गुना तेज हो जाएगी। हरियाणा निकाय चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 10 में से 9 नगर निगमों में जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल सकी। मानेसर में निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की, लेकिन बाकी जगह बीजेपी का दबदबा कायम रहा। इन नतीजों से स्पष्ट है कि हरियाणा में बीजेपी की पकड़ मजबूत है, और यह आगामी चुनावों के लिए पार्टी के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है।