सिटी दर्पण
वानुआतु , 10 मार्चः
वानुआतु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने नागरिकता आयोग को निर्देश दिया है कि वे ललित मोदी का पासपोर्ट तुरंत रद्द करें।
ललित मोदी, जो वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के चलते भारत में वांछित हैं, ने प्रत्यर्पण से बचने के लिए वानुआतु की नागरिकता प्राप्त की थी।
प्रधानमंत्री नापत ने कहा कि वानुआतु का पासपोर्ट रखना एक विशेषाधिकार है, न कि अधिकार, और नागरिकता वैध कारणों से ही ली जानी चाहिए।
यह कदम मोदी द्वारा लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना भारतीय पासपोर्ट जमा करने के बाद उठाया गया है।
अब, वानुआतु की नागरिकता रद्द होने के बाद, ललित मोदी की स्थिति अनिश्चित हो गई है।
यह घटनाक्रम मोदी के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि उन्होंने प्रत्यर्पण से बचने के लिए वानुआतु की नागरिकता ली थी।
प्रधानमंत्री नापत ने कहा कि उन्होंने नागरिकता आयोग को निर्देश दिया है कि वे ललित मोदी का पासपोर्ट तुरंत रद्द करें।
वानुआतु के प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें पिछले 24 घंटों में पता चला है कि इंटरपोल ने दो बार भारतीय अधिकारियों के ललित मोदी पर अलर्ट नोटिस जारी करने के अनुरोध को सबूत की कमी के कारण खारिज कर दिया है।
यह स्पष्ट नहीं है कि यह निर्णय वानुआतु द्वारा स्वतंत्र रूप से लिया गया था या भारत के हस्तक्षेप के कारण।
वानुआतु, 83 छोटे ज्वालामुखी द्वीपों से बना है, जिसने 1980 में फ्रांस और ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी और इसकी आबादी लगभग तीन लाख है।
ललित मोदी की नागरिकता रद्द होने के बाद, उनकी कानूनी और व्यक्तिगत स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
यह मामला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भगोड़ों के लिए सुरक्षित ठिकानों की उपलब्धता और उनकी कानूनी स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रश्न उठाता है।
अब देखना होगा कि ललित मोदी इस नई चुनौती का सामना कैसे करेंगे और उनकी भविष्य की योजनाएं क्या होंगी।
यह घटनाक्रम भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह देश के भगोड़े आर्थिक अपराधियों की वापसी के प्रयासों को प्रभावित कर सकता है।
ललित मोदी की नागरिकता रद्द होने से अन्य देशों में छिपे भारतीय भगोड़ों के लिए भी एक संदेश जाता है कि वे हमेशा सुरक्षित नहीं हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि वानुआतु सरकार के इस कदम के बाद अन्य देश कैसे प्रतिक्रिया देते हैं और क्या यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भगोड़ों के खिलाफ कार्रवाई में एक नया मानक स्थापित करेगा।
ललित मोदी की स्थिति अब और भी जटिल हो गई है, और यह स्पष्ट नहीं है कि वे आगे क्या कदम उठाएंगे।
यह मामला अंतर्राष्ट्रीय कानून और प्रत्यर्पण संधियों के प्रभावशीलता पर भी सवाल उठाता है।
ललित मोदी की नागरिकता रद्द होने के बाद, उनकी कानूनी टीम को नए सिरे से रणनीति बनानी होगी।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वानुआतु सरकार के इस कदम के बाद ललित मोदी की प्रतिक्रिया क्या होती है।
यह मामला अन्य देशों के लिए भी एक उदाहरण हो सकता है कि वे अपने नागरिकता कानूनों को कैसे लागू करते हैं।
ललित मोदी की नागरिकता रद्द होने से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भगोड़ों के लिए सुरक्षित ठिकानों की संख्या में कमी आ सकती है।
यह देखना होगा कि ललित मोदी इस नई चुनौती का सामना कैसे करेंगे और उनकी भविष्य की योजनाएं क्या होंगी।
यह घटनाक्रम भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह देश के भगोड़े आर्थिक अपराधियों की वापसी के प्रयासों को प्रभावित कर सकता है।
ललित मोदी की नागरिकता रद्द होने से अन्य देशों में छिपे भारतीय भगोड़ों के लिए भी एक संदेश जाता है कि वे हमेशा सुरक्षित नहीं हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि वानुआतु सरकार के इस कदम के बाद अन्य देश कैसे प्रतिक्रिया देते हैं और क्या यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भगोड़ों के खिलाफ कार्रवाई में एक नया मानक स्थापित करेगा।
ललित मोदी की स्थिति अब और भी जटिल हो गई है, और यह स्पष्ट नहीं है कि वे आगे क्या कदम उठाएंगे।