सिटी दर्पण
सहारा, 12 अक्तूबरः अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में पिछले 2 दिनों से लगातार बारिश के बाद बाढ़ आ गई है। मोरक्को के मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, मोरक्को में 2 दिन से लगातार बारिश हो रही है। इसने देश में सालभर होने वाली औसत बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मोरक्को की राजधानी रबात से 450 किमी दूर एक गांव में 24 घंटे में करीब 4 इंच बारिश हुई।
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि पिछले 50 साल में पहली बार सहारा रेगिस्तान में इतने कम समय में इतनी ज्यादा बारिश हुई है। नासा की सैटेलाइट तस्वीरों में इरीकी झील में पानी भरता नजर आया, जो पिछले 50 साल से सूखी थी।
सहारा रेगिस्तान में रेत के बीच पानी भरने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इससे पहले सहारा रेगिस्तान में 1974 में 6 साल के सूखे के बाद बारिश हुई थी जो बाद में बाढ़ में बदल गई थी।
सहारा रेगिस्तान में बाढ़ की तस्वीरें...
सहारा रेगिस्तान में बाढ़ की ये ड्रोन फोटो है। इसमें जगह-जगह पानी नजर आ रहा है।
सहारा रेगिस्तान में भरे पानी को देख एक पर्यटक खुशी मनाता नजर आया।
साउथ ईस्ट मेक्सिको में बारिश की वजह से रेगिस्तान में झील बन गई। टूरिस्ट इसे देखने पहुंचे।
बाढ़ की वजह से मोरक्को की एक झील में ताड़ के पेड़ भी पानी में डूबे नजर आए।
सहारा रेगिस्तान 92 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला है, जो भारत के दोगुने से भी ज्यादा है।
सहारा रेगिस्तान में बाढ़ की वजह से एक ओएसिस का क्षेत्रफलवल बढ़ गया।
अगले 1500 साल में हरा-भरा हो जाएगा सहारा रेगिस्तान वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले 1500 साल में सहारा का रेगिस्तान हरा-भरा हो जाएगा। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि धरती इस दौरान अपनी धुरी 22 से 24.5 डिग्री तक झ़ुक जाएगी। सहारा नाम अरबी शब्द 'सहरा' से लिया गया है, जिसका मतलब मरुस्थल होता है।
सहारा रेगिस्तान 92 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है, जो भारत के दोगुने से भी ज्यादा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है जो नॉर्थ, सेंट्रल और वेस्ट अफ्रीका के 10 देशों में फैला हुआ है। इसमें माली-मोरक्को, मौरितानिया, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया, नाइजर, चाड, सूडान और मिस्र जैसे देश शामिल हैं।
बारिश से बदल सकता है सराहा रेगिस्तान का मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस तरह की बारिश से आने वाले कुछ महीनों या सालों तक इलाके में मौसम और तापमान में बदलाव आएगा। बारिश की वजह से हवा में नमी बढ़ेगी जिससे इवैपोरेशन बढ़ेगा। इसकी वजह से वहां और तूफान आ सकते हैं।
पिछले महीने मोरक्को में बाढ़ की वजह से 18 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले साल 2022 में सहारा रेगिस्तान का दरवाजा कहे जाने वाले अल्जीरिया में बर्फबारी हुई थी। पिछले 42 साल में ये पांचवीं बार है, जब यहां बर्फबारी दर्ज की गई थी। इसके बाद इस इलाके का न्यूनतम तापमान -2 डिग्री तक गिर गया था।