पुलिस कार्मिकों को ‘ई-पेंशन’ से जोड़ने के निर्देश दिए
हर पुलिस कार्मिक को समय पर पदोन्नति, योग्यता और प्रतिभा के अनुरूप पदस्थापना, सेवानिवृत्ति के समय देयकों का भुगतान समय से सुनिश्चित किया जाना चाहिए: मुख्यमंत्री
पुलिस की सभी इकाइयों के बीच बेहतर संवाद और समन्वय होना चाहिए
भारत सरकार द्वारा साइबर फाॅरेन्सिक लैब की स्थापना का प्रस्ताव, इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करें
देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में लागू तीनों नए कानूनों के सम्बन्ध में विधिवत प्रशिक्षण जारी रखा जाए
पुलिस काॅन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का परिणाम इस माह के अंत तक जारी करने की तैयारी करें, रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाएं
मुख्यमंत्री ने अपर पुलिस महानिदेशकों से उनकी वर्तमान पदस्थापना अवधि में किये गए कार्यों, अपनाए गए नवाचारों
और उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्राप्त की
लखनऊ,04 अक्टूबर:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने पुलिस कार्मिकों को ‘ई-पेंशन’ से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि हर पुलिस कार्मिक को समय पर पदोन्नति मिले, उनकी चरित्र पंजिका पर सही विवरण अंकित हो, उनकी योग्यता और प्रतिभा के अनुरूप उन्हें पदस्थापना मिले और सेवानिवृत्ति के समय देयकों का भुगतान समय से हो, यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने पुलिस कार्मिकों को आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने और बेहतरीन प्रशिक्षण के लिए व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों के साथ आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में कार्याें की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अपर पुलिस महानिदेशकों से उनकी वर्तमान पदस्थापना अवधि में किये गए कार्यों, अपनाए गए नवाचारों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि पुलिस की सभी इकाइयों के बीच बेहतर संवाद और समन्वय होना चाहिए। लाॅजिस्टिक्स इकाई, अभिसूचना इकाई, एस0आई0टी0, क्राइम, पी0आर0वी0 112 आदि इकाइयां भले ही अलग-अलग हैं, लेकिन सभी का लक्ष्य एक ही है, प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था बनाये रखना। इसलिए सभी के बीच बेहतर तालमेल होना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी समय पर कार्यालय आएं। किसी भी कार्यालय में कोई फाइल तीन दिन से अधिक समय तक लंबित न हो। यदि किसी तरह की समस्या हो तो डी0जी0पी0 कार्यालय, गृह विभाग अथवा सीधे मुझसे समय लेकर मिल सकते हैं, लेकिन अनिर्णय की स्थिति नहीं होनी चाहिए। फाइल लंबित नहीं रहनी चाहिए। बहुत सारी इकाइयों में फील्ड विजिट बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। ए0डी0जी0 स्तर के अधिकारी के जनपदों में जाने से अधीनस्थ पर अच्छा एवं सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अधिकारी जिलों में जाएं, अपनी इकाई से जुड़े, कामकाज की समीक्षा करें तथा जहां सुधार की आवश्यकता हो, उसके अनुरूप काम करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुलिस बल में लाॅजिस्टिक्स का अभाव न हो। समय-समय पर इसकी समीक्षा करते रहें। हमारा पुलिस बल आधुनिक उपकरणों से लैस होना चाहिए। अभी 40 अश्वों की आवश्यकता और है। महाकुम्भ में इनकी आवश्यकता पड़ेगी। इनके क्रय और प्रशिक्षण की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी की जाए। प्रदेश में पहली बार होने जा रही कंडम वेपन्स के निस्तारण की प्रक्रिया को सावधानी से पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बदलते समय के साथ साइबर क्राइम की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। हमें इसके लिए हर स्तर पर सतर्क होना होगा। साइबर फ्राॅड के सम्बन्ध में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। शिक्षकों, उद्यमियों, व्यापारियों, चिकित्सकों सहित अलग-अलग वर्गों के साथ समय-समय पर गोष्ठियां की जाएं, लोगों को साइबर अपराध की घटनाओं तथा सुरक्षा के तौर-तरीकों से अवगत कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जिलों में साइबर क्राइम थाने स्थापित किये जा रहे हैं। इनके भवन निर्माण की कार्यवाही में देर न की जाए। आवश्यकतानुसार मानव संसाधन की व्यवस्था करें। भारत सरकार द्वारा साइबर फाॅरेन्सिक लैब की स्थापना का प्रस्ताव है। इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करें। प्रत्येक जनपद के हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क क्रियाशील रखें। किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर तत्काल रिस्पॉन्स होना चाहिए। उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टिट्यूट आॅफ फॉरेन्सिक साइन्सेज, लखनऊ को साधन-सम्पन्न बनाने के लिये सरकार हर आवश्यक सहयोग देगी। इसके निर्माण सम्बन्धी अवशेष कार्यों को यथाशीघ्र पूरा कराएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में लागू तीनों नए कानून अब पूरी तरह अमल में आ चुके हैं। इस सम्बन्ध में विधिवत प्रशिक्षण जारी रखा जाए। हाल के दिनों में रेलवे ट्रैक पर सिलेण्डर, राॅड आदि चीजें मिली हैं। इसी तरह ट्रेनों पर पत्थर फेंके जाने की घटनाएं भी हुई हैं। यह चिंताजनक है। इसके लिए जी0आर0पी0, आर0पी0एफ0, रेलवे प्रशासन और सिविल पुलिस को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। लोकल इन्टेलिजेंस को और मजबूत किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मृतक आश्रितों के प्रकरण में आश्रित की आयु को ध्यान में रखते हुए नियमों में बदलाव पर विचार किया जाना चाहिए। फिजिकल परीक्षण के नियम व्यावहारिक होने चाहिए। मृतक आश्रितों के प्रकरण का तय समय सीमा के भीतर निस्तारित होना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विशेष परिस्थितियों में हमारी पी0आर0वी 112 ने बेहतरीन परिणाम दिए हैं। आज औसत रिस्पाॅन्स टाइम घटकर 7.5 मिनट तक आ गया है। कुछ जनपदों में तो 03 से 05 मिनट में रिस्पाॅन्स मिल रहा है। यह संतोषप्रद है, लेकिन तकनीक की सहायता से इसे और कम किया जाना चाहिए। पी0आर0वी0 112 के वाहनों की लोकेशनिंग और ठीक किया जाना आवश्यक है। इसके लिए पुलिस आयुक्त/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ थानाध्यक्ष तक को जवाबदेह बनाना होगा। सक्रियता और बढ़ाये जाने की जरूरत है। ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर वहां वाहनों की तैनाती करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वीमेन पावर लाइन 1090 को और उपयोगी बनाने का प्रयास किया जाए। जिन जिलों से कम फोन काल आ रहे हैं, वहां समीक्षा की जाए। इस हेल्पलाइन के बारे में जागरूकता बढ़ायी जाए। मुकदमों के प्रभावी अभियोजन की दिशा में और बेहतर प्रयास अपेक्षित है। हर जिले का लक्ष्य तय करें, पूरी तैयारी करें और ससमय दोषियों को दण्ड मिलना सुनिश्चित करायें। समय-समय पर सभी जनपदों में विजिट कर स्थानीय स्थितियों का आकलन भी किया जाना चाहिए। कार्मिक और स्थापना इकाई के पास हर अधिकारी के अच्छे कार्यों और गलतियों का पूरा ब्यौरा उपलब्ध होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कमाण्डो ट्रेनिंग और बेहतर करने की आवश्यकता है। ऊर्जावान युवाओं को कमाण्डों प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित करें। पुलिस बैण्ड को और व्यवस्थित करने की जरूरत है। पी0ए0सी0 फ्लड यूनिट का रिस्पाॅन्स टाइम और कम करने का प्रयास करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुलिस काॅन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का परिणाम इस माह के अंत तक जारी करने की तैयारी करें। रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाएं। परीक्षाओं की शुचिता को हर हाल में सुनिश्चित किया जाना है। नगरों में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या का रूप ले रहा है। इसके लिए स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप नियोजित समाधान का प्रयास किया जाना चाहिए। स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाएं। ई-रिक्शा चालकों का वेरिफिकेशन कराया जाए। यह सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक है। नाबालिग कहीं भी ई-रिक्शा न चलाये, यह सुनिश्चित करें। ई-रिक्शा का रूट तय होना चाहिये। यातायात को बाधित कर टैक्सी स्टैण्ड न संचालित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वी0आई0पी0 सुरक्षा में तैनात पुलिस बल का नियमित अंतराल पर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। इनकी तैनाती में युवाओं को वरीयता दें। वी0आई0पी0 सुरक्षा में लगे जवानों के आदर्श आचरण के लिए भी काउन्सिलिंग कराई जानी चाहिए। वर्तमान में 10 एयरपोर्ट की सुरक्षा यू0पी0एस0एस0एफ0 कर रही है। इनके जवानों का शूटिंग परीक्षण भी कराएं।