नई दिल्ली: बांग्लादेश में हाल ही में हुए राजनीतिक घटनाक्रम और अस्थिरता के बीच नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री डॉ. मुहम्मद यूनुस ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह बैठक लगभग 40 मिनट तक चली और इसे कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद यूनुस की पीएम मोदी से पहली आधिकारिक भेंट थी।
विश्वप्रसिद्ध ग्रामीण बैंक के संस्थापक डॉ. यूनुस, जो माइक्रोफाइनेंस के क्षेत्र में अपने काम के लिए जाने जाते हैं, ने इस बातचीत में दक्षिण एशिया में स्थिरता, आर्थिक सहयोग, और मानवाधिकारों जैसे मुद्दों पर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय समावेशी विकास और युवा उद्यमिता को बढ़ावा देने के संभावित अवसरों पर भी विचार-विमर्श किया।
बैठक के दौरान यूनुस ने बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति को लेकर अपनी चिंताओं से पीएम मोदी को अवगत कराया। उन्होंने लोकतंत्र, संस्थागत स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा जैसे विषयों को भी रेखांकित किया। यह माना जा रहा है कि यूनुस की यह पहल भारत-बांग्लादेश संबंधों में एक सकारात्मक संवाद की शुरुआत कर सकती है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मुलाकात पर आधिकारिक बयान तो नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बातचीत क्षेत्रीय राजनीति में संतुलन और सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम क़दम है।
अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि इस बैठक के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में कौन-से नये समीकरण उभरते हैं।